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जिले में परती रह गयी सैकड़ों एकड़ जमीन

बांका : सरकार किसानों को आत्म निर्भर बनाने के लिए जहां कई तरह की योजनाएं चला रही हैं. वहीं सिंचाई के अभाव में कई एकड़ जमीन पर खेती नहीं पा रही है. मामला प्रखंड क्षेत्र के रैनिया जोगडीहा, करमा सहित अन्य पंचायतों का है. इन पंचायतों में किसानों के लिए सिंचाई सुविधा नहर के माध्यम […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 29, 2015 6:47 AM

बांका : सरकार किसानों को आत्म निर्भर बनाने के लिए जहां कई तरह की योजनाएं चला रही हैं. वहीं सिंचाई के अभाव में कई एकड़ जमीन पर खेती नहीं पा रही है. मामला प्रखंड क्षेत्र के रैनिया जोगडीहा, करमा सहित अन्य पंचायतों का है. इन पंचायतों में किसानों के लिए सिंचाई सुविधा नहर के माध्यम से की गयी है.

लेकिन विडंबना यह है कि इस वर्ष खरीफ फसल के समय से ही नहर ने किसानों को दगा दिया. नहर का पानी उस वक्त बंद हो गया जब धान की बाली निकलने वाली थी. किसानों को इस वक्त अपनी फसल को बचाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी. कई किसानों की फसल बरबाद हो गयीं. किसानों ने धान की फसल को बचाने व अच्छी उपज के डीजल पंप चला कर खेत का पटवन किया. जिन्हें सिंचाई की सुविधा उपलब्ध नहीं हो सकी और उनके फसल बरबाद हो गये. कड़ी मेहनत और उनके द्वारा लगायी गयी पूंजी बरबाद हो गये.

नहीं लगा रवि फसल
सरकार के दावे इन क्षेत्र के किसानों के लिए नाकामी साबित हो रही है. एक ओर सरकार सिंचाई के लिए नहर का निर्माण कर रहा है. वहीं दूसरी ओर सिंचाई के लिए निर्मित नहर में पानी नहीं खोला जाता है. जिससे किसानों के खेतों की सिंचाई नहीं हो पाती है. यहीं कारण है कि कई एकड़ जमीन पर सिंचाई के अभाव में रवि फसल की खेती नहीं की गयी है. अगर नहर से पानी किसानों को मिल जाता तो आज रवि फसल से खेत लहलहाते रहता.

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