सरकारी धान गबन के आरोप में क्रय केन्द्र प्रभारी पर प्राथमिकी
सरकारी धान गबन के आरोप में क्रय केन्द्र प्रभारी पर प्राथमिकी 17958़ 01 क्विंटल सरकारी धान के गबन का है मामलामामला सत्य पाये जाने पर जिला प्रबंधक ने दर्ज करायी रिपोर्टप्रभात खबर ने मामले को प्रमुखता के साथ किया था प्रकाशितप्रभात इंपैक्टप्रतिनिधि, धोरैयाधोरैया प्रखंड में वित्तीय वर्ष 2014-15 में खरीफ विपणन मौसम के तहत किये […]
सरकारी धान गबन के आरोप में क्रय केन्द्र प्रभारी पर प्राथमिकी 17958़ 01 क्विंटल सरकारी धान के गबन का है मामलामामला सत्य पाये जाने पर जिला प्रबंधक ने दर्ज करायी रिपोर्टप्रभात खबर ने मामले को प्रमुखता के साथ किया था प्रकाशितप्रभात इंपैक्टप्रतिनिधि, धोरैयाधोरैया प्रखंड में वित्तीय वर्ष 2014-15 में खरीफ विपणन मौसम के तहत किये गये धान क्रय में क्रय केंद्र प्रभारी द्वारा भारी पैमाने पर अनियमितता बरते जाने का मामला सत्य मिला है. इसके उपरांत बिहार राज्य खाद्य निगम के जिला प्रबंधक द्वारा थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है़ प्राथमिकी में क्रय केंद्र प्रभारी सह बीएओ मनोज कुमार सिंह पिता कारु मंडल, ग्राम बिरनौधा, थाना शंभुगंज को नामजद अभियुक्त बनाया गया है़ इसमें करीब 17958़ 01 क्विंटल सरकारी धान सोची समझी साजिश के तहत गबन करने की बात कही गयी है़ गौरतलब हो कि गबन से संबंधित खबर प्रभात खबर ने प्रमुखता के साथ प्रकाशित की थी, जिसके आलोक में जिला प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए थाना में गबन का मामला दर्ज कराया.क्या है प्राथमिकीएसएफसी के जिला प्रबंधक सुशील कुमार द्वारा दर्ज करायी गयी प्राथमिकी में कहा गया है कि धान क्रय केंद्र प्रभारी द्वारा वर्ष 2014-15 में कुल 65369 क्विंटल धान की खरीद की गयी थी. क्रय धान के विरुद्ध विभिन्न मिलरों काे कुल 47410़ 99 क्विंटल धान निर्गत किया गया था़ बाकी धान 17958़ 01 क्विंटल धान का भंडार निर्गमादेश विभिन्न मिलरों के पक्ष में धोरैया क्रय केंद्र से धान उठाव हेतु निर्गत किया गया था, लेकिन क्रय केंद्र प्रभारी धान के निर्गमन में टाल मटोल करते रहे़ आजतक उसके जिम्मे में 17958़ 01 क्विंटल धान न तो मिलर को और न ही राज्य खाद्य निगम बांका को इसकी सूचना प्राप्त हो सका है़ सरकारी पंजी तथा हरा प्रति भी नहीं मिलासूचक ने कहा है कि धान क्रय केंद्र प्रभारी द्वारा सरकारी संपत्ति का आपराधिक सड्यंत्र कर गबन कर लिया गया़ जालसाजी करने के मन से कार्यालय द्वारा उपलब्ध करायी गयी सरकारी पंजी, निर्गत धान का हरा प्रति एवं अन्य कागजात जिला कार्यालय को वापस नहीं किया गया़ बताते चलें कि गबन मामले को लेकर आरोपी के विरुद्ध सर्टिफिकेट केस व प्रपत्र क की भी कार्रवाई की जा रही है़