जिला परिसदन में महादलित आयोग की हुई बैठक
अच्छी नहीं कस्तूरबा स्कूल की स्थिति जिले में महादलितों के उत्थान के लिए जो भी योजनाएं चल रही हैं उनका शत प्रतिशत लाभ लाभुकों तक पहुंचे. महादलितों के हिस्से का लाभ यदि किसी और वर्ग द्वारा उठाया जाता है तो निश्चित तौर पर इसे चिह्नित कर कार्रवाई की जायेगी. उक्त बातें सोमवार को जिला परिसदन […]
अच्छी नहीं कस्तूरबा स्कूल की स्थिति
जिले में महादलितों के उत्थान के लिए जो भी योजनाएं चल रही हैं उनका शत प्रतिशत लाभ लाभुकों तक पहुंचे. महादलितों के हिस्से का लाभ यदि किसी और वर्ग द्वारा उठाया जाता है तो निश्चित तौर पर इसे चिह्नित कर कार्रवाई की जायेगी. उक्त बातें सोमवार को जिला परिसदन में बैठक के दौरान महादलित आयोग के अध्यक्ष डाॅ हुलेश मांझी ने कही.
बांका/बाराहाट : जिला परिसदन में बैठक में अधिकारियों की कम उपस्थिति पर नाराजगी जताते हुए उन्होंने कहा कि विगत 11 जनवरी को ही बैठक की सूचना यहां भेजवा दी गयी थी. बावजूद इसके अधिकारियों की कम उपस्थिति यह बताती है कि जिले भर में योजनाओं का कितना लाभ महादलितों को मिलता होगा. इस पर जिला कल्याण पदाधिकारी ने कहा कि मंदार महोत्सव के समापन समारोह में जिले के सभी प्रशासनिक एवं पुलिस पदाधिकारी चले जाने से अधिकारियों की उपस्थिति में कमी आयी है. हालांकि कुछ समय बाद बैठक में भाग लेने वाले विभागों के प्रतिनिधि उपस्थित हुए.
पीएचईडी विभाग की समीक्षा के क्रम में पाया गया कि जिले में 25 हजार शौचालय का निर्माण होना था लेकिन अब तक मात्र 5 हजार शौचालय की ही निर्माण हो पाया है. बैठक में मनरेगा, इंदिरा आवास के अधिकारी उपस्थित नहीं थे. जिस कारण से इसकी समीक्षा पूरी नहीं हो सकी. अत्याचार अधिनियम के तहत महादलितों को कितनी राशि वितरित की गयी है एवं कितने ऐसे महादलित हैं उसकी सूची उपलब्ध कराने का निर्देश संबंधित विभाग के अधिकारियों को दी. शिक्षा विभाग की समीक्षा के क्रम में डीईओ से प्रोत्साहन राशि, छात्रवृत्ति राशि एवं पोशाक राशि से संबंधित रिपोर्ट हार्ड कॉपी में देने का निर्देश जिला शिक्षा पदाधिकारी को दिया.
इस मौके डीआईओ मो. सफी अहमद, डीईआ अभय कुमार, जिला कल्याण पदाधिकारी मिथलेश कुमार, पीएचईडी के कार्यपालक अभियंता मनोज कुमार चौधरी सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे. वही बैठक के बाद आयोग द्वारा बाराहाट स्थित कस्तूरबा विद्यालय की जांच की गयी जिसमें पाया गया कि विद्यालय के पीछे एक बड़ा सा गढ़्ढ़ा था जिसमें कई दिनों से दूषित पानी जमा था जिसे हटाने की बात कही. वही विद्यालय भवन के छत पर से बिजली का तार हटाने की बात कही. वही डीईओ से विद्यालय में नामांकन के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि रोस्टर के अनुसार ही नामांकन हुआ.
रोस्टर का नियम है 30 प्रतिशत अन्य एवं 70 प्रतिशत एससी, एसटी का नामांकन होना चाहिए लेकिन यहां पर पाया गया कि स्थिति बिल्कुल बिपरित है. एससी, एसटी के 37 छात्राओं को नामांकन है. जबकि 60 अन्य के हैं. इस पर डीईओ ने बताया एससी, एसटी छात्रा की संख्या नहीं पूरा होने के कारण अन्य वर्ग के बच्चों को रखा गया है. इस पर आयोग के अध्यक्ष ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि जिले में कितना ही महादलित परिवार पिछड़े हुए हैं बावजूद इसके नामांकन के लिए छात्राओं की कमी है. इस पर जिलाधिकारी से दूरभाष पर वार्ता कर उन्हें निर्देशित किया कि उक्त विद्यालय के नामांकन में हुई गड़बड़ी की जांच कर दोषी अधिकारी व कर्मी के खिलाफ कार्रवाई कर रिपोर्ट समर्पित करे.