चिंताजनक . बेतहाशा व बेतरतीब शहरीकरण ने बिगाड़ी बांका की सूरत

कंक्रीट के जंगल में जेनरेटर का शोर बिजली संचरण, जल निकासी व आवागमन की बुनियादी समस्या से जूझ रहे शहर की नयी रिहायशी बस्तियों के लोग बांका : क्रीट का जंगल और जेनरेटर का शोर….! बेतरतीब शहरीकरण ने बांका को बस यही उपहार दिया है. पिछले दस वर्षों के दौरान जिस कदर बांका शहर का […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 19, 2016 5:28 AM

कंक्रीट के जंगल में जेनरेटर का शोर

बिजली संचरण, जल निकासी व आवागमन की बुनियादी समस्या से जूझ रहे शहर की नयी रिहायशी बस्तियों के लोग
बांका : क्रीट का जंगल और जेनरेटर का शोर….! बेतरतीब शहरीकरण ने बांका को बस यही उपहार दिया है. पिछले दस वर्षों के दौरान जिस कदर बांका शहर का बेतरतीब विस्तार हुआ है, उससे आने वाले समय में यहां के लोगों पर अनेक कठिनाइयों की आशंकाओं के बादल अभी से मंडराने लगे हैं. कई समस्याएं तो अभी से शहरवासियों के सर चढ़ कर बोल रही हैं. आवागमन, जल निकासी व बिजली के संचरण की परेशानी यहां के मुहल्लों के लिए बड़ी समस्याएं हैं.
इन कठिनाइयों से दो – चार हो रहे यहां के शहरवासी इसके निराकरण को लेकर नगर और जिला प्रशासन की ओर देखते जरूर हैं, लेकिन मोहल्लों में घरों के निर्माण के वक्त एक एक इंच जमीन का जिस आक्रामक तरीके से वे सदुपयोग करना चाहते हैं. इससे इन कठिनाइयों के भविष्य में किसी भी तरह निराकरण का मार्ग वे खुद अवरुद्ध कर जाते हैं. निकाय नियमावली के मुताबिक बांका को नगर पंचायत का दर्जा प्राप्त है. यहां 22 वार्ड हैं. कई 10 वर्ष पहले शहर को नगर पालिका का दर्जा प्राप्त था. तब यहां 14 वार्ड थे. शहर के 22 में से एक तिहाई वार्ड ऐसे हैं जिन्हें किसी भी हालत में शहर तो कहा ही नहीं जा सकता. ये सभी वार्ड (सैजपुर को छोड़कर)शहर के पश्चिम ओढ़नी नदी के उस पार हैं. इनमें देवदा, मसुरिया, लक्ष्मीपुर, कच्छु, केवलडीह, एकसिंघा, चुड़ेली, विदायडीह, मानिकचक आदि शामिल हैं. शहर में भी करहरिया, जगतपुर और विजयनगर जैसे मुहल्ले ग्रामीण परिवेश वाले हैं.
नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों की ठगी
शंभुगंज . बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर में सहायक के पद पर नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों की ठगी करने का मामला प्रकाश में आया है. इस घटना के बाबत शंभुगंज थाना क्षेत्र के झखरा गांव के दिवाकर प्रसाद सिंह ने मुंगेर जिला के असरगंज बाजार के भार्राफ दुकानदार स्व कुतो पोद्दार के पुत्र मनोज पोद्दार को नामजद अभियुक्त बनाते हुए थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी है. जानकारी के अनुसार शंभुगंज प्रखंड के झखरा गांव के दिवाकर प्रसाद सिह असरगंज बाजार करने गया था, जहां केपी ज्वलर्स के मालिक मनोज ने उनके पुत्र व दामाद को बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर में सहायक के पद पर नौकरी दिलाने के नाम पर नौ लाख रुपये ले लिया, जब नौकरी में देरी हुई तो दिवाकर सिंह ने पैसा वापस करने का दबाब बनाया तो पैसा देने में आना कानी करने लगा. मनोज के द्वारा इसके पूर्व भी कई लोगों से नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी का शिकार भोले- भाले लोगों को बना चुका है. इस बाबत थानाध्यक्ष पंकज कुमार पासवान ने बताया कि प्राथमिकी दर्ज कर जांच की जा रही है.
किसानों का धरना
बांका :जिला किसान मजदूर संघ की ओर से गुरुवार को स्थानीय मांगों को लेकर यहां कचहरी परिसर में एक दिवसीय धरना व प्रदर्शन कार्यक्रम आयोजित किया गया. कार्यक्रमों का नेतृत्व संघ के अध्यक्ष महेश्वरी यादव ने किया. धरना में बड़ी संख्या में किसानों ने भाग लिया. बाद में संघ के एक शिष्ट मंडल ने डीएम को अपनी 12 सूत्री मांगों को लेकर ज्ञापन भी सौंपा. डीएम ने किसानों को उनकी मांगों पर रचनात्मक पहल का आश्वासन दिया. इससे पहले धरना कार्यक्रम को संबोधित करते हुए किसान नेताओं ने ओढ़नी जलाशय योजना के एकसिंघा देवदा नहर की मरम्मत, गांधी चौंक के समीप पुराने अनुमंडलीय अस्पताल को फिर से चालू करने, बांका कचहरी समाहरणालय रेलवे कचहरी हॉल्ट का निर्माण कराने, रोक के बावजूद अब भी अवैध रूप से हो रहे बालू उठाव पर रोक लगाने आदि की मांग की . उनकी मांगों में जिला परिषद व नगर पंचायत की सड़कों को शीघ्र अतिक्रमण मुक्त कराने, किसानों का धान पैक्सों के जरिये खरीदने, प्रा किसानों के लिए पृथक सब्जी हाट का निर्माण कराने, छात्रों की बकाया छात्रवृत्ति का भुगतान करने आदि की मांग भी उन्होंने की. धरना कार्यक्रम में सुबोध मिश्र, घनश्याम चौधरी, मनीष घोष, संजय झा, सुरेंद्र यादव, कमलाकांत झा, जमील अहमद, संजीव सिंह, लक्ष्मण सिंह, श्याम सुंदर मंडल, दिनेश दास, अजय सिंह, जागेश्वर पासवान, मनोज शर्मा, बालकिशोर मंडल आदि उपस्थित थे.

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