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चर्चा का केंद्र रहा विकास मेले में लगा सिल्क वस्त्रों का स्टॉल

बांका : बांका जिले की स्थापना की 25 वहीं वर्षगांठ पर स्थानीय आरएमके ग्राउंड में आयोजित विकास मेले में लगा सिल्क वस्त्रों का स्टॉल चर्चा का केंद्र रहा. इस स्टॉल में प्रदर्शित रंग बिरंगे सिल्क वस्त्रों ने सबका मन मोहा और सबकी प्रशंसा बटोरी. यह स्टॉल जिला उद्योग केंद्र की प्रस्तुति थी. जिसमें बांका जिले […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 22, 2016 1:19 AM

बांका : बांका जिले की स्थापना की 25 वहीं वर्षगांठ पर स्थानीय आरएमके ग्राउंड में आयोजित विकास मेले में लगा सिल्क वस्त्रों का स्टॉल चर्चा का केंद्र रहा. इस स्टॉल में प्रदर्शित रंग बिरंगे सिल्क वस्त्रों ने सबका मन मोहा और सबकी प्रशंसा बटोरी. यह स्टॉल जिला उद्योग केंद्र की प्रस्तुति थी. जिसमें बांका जिले के विभिन्न हिस्सों में बनी तसर की साडि़यां, मटका चादर, ऐरी शर्टिंग, मलवरी और मुगा से बने कोट, बंडी, कुर्ता आदि के कपड़े प्रदर्शित किये गये थे.

प्राथमिक बुनकर सहयोग समिति मसुरिया, डांड़ा एवं देशड़ा के सौजन्य से यह स्टॉल लगाया गया था. स्टॉल में मौजूद बुनकर जुबैर, आदिल, जलील, कयूम एवं रजाउर्रहमान आदि उन्हें मिल रही प्रशंसा से बेहद प्रसन्न थे. जिला उद्योग केंद्र बांका के महाप्रबंधक रतन कुमार एवं तकनीकी पर्यवेक्षक अशोक देव ने कहा कि बुनकरों का उत्साह उनकी उपलब्धियों का सबब हैं. उनके इस उत्साह को बनाये रखने के लिए विभाग सतत तत्पर हैं.

कहते हैं विभागीय अधिकारी

जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक रतन कुमार ने कहा कि विभाग जिले में रेशम वस्त्र उद्योग के विस्तार के लिए सजग और कृत संकल्प है. बुनकरों को विभाग द्वारा हर संभव सहायता देने का प्रयास चल रहा है. यह सही है कि स्थानीय स्तर पर बाजार एवं पूंजी का अभाव इस उद्योग के विकास में आड़े आ रहे हैं. बावजूद विभाग उन्हें हर संभव सहायता उपलब्ध करा कर जिले में इस उद्योग को नया मुकाम देने के प्रयास में लगा है. वहीं तकनीकी पर्यवेक्षक अशोक देव ने कहा कि जिले के बुनकर भी इस उद्योग को आगे तक ले जाने के लिए लगातार मेहनत कर रहे है.

इधर हाल के वर्षों में जिले में इस उद्योग ने बेहतर मुकाम हासिल किये है. जिले में बने रेशम वस्त्रों की मांग बाहर होने की वजह से यहां के बुनकरों का हौसला बढ़ा हैं. विभाग उन्हें हर संभव सहायता देने की कोशिश कर रहा है.

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