बौंसी : प्रखंड में बाल विकास परियोजना अपने उद्देश्यों की पूर्ति में विफल साबित हो रही है. बौंसी बाल विकास परियोजना के अंतर्गत 242 केंद्र स्वीकृत हैं. जिनमें से 176 केंद्रों को पोषाहार मिल रहा है. एक माह पूर्व 19 चयनित सेविकाओं का प्रशिक्षण हुआ है. जिन्हें अब तक केंद्र उपलब्ध नहीं कराया गया है ना ही इनका खाता अब तक किसी बैंक में खोला जा सका है. 47 केंद्र चयन के अभाव में अब तक बंद पडे़ हैं. मालूम हो कि लगभग केंद्रों पर भवन भी उपलब्ध है. विभागीय उदासीनता एवं बिचौलिया राज हावी रहने की वजह से सेविका चयन में काफी अनियमितताएं बरती गयी थीं.
कई केंद्रों के सेविका चयन की जांच चल रही है. प्रखंड विकास पदाधिकारी के पास ऐसे दर्जनों आवेदन आये हैं. जिनमें विभाग के सीडीपीओ पर गंभीर आरोप लगाये गये हैं. वहीं प्रशिक्षण प्राप्त कर आयी सेविकाओं का एक माह बीत जाने के बाद भी बैंकों में उनका खाता नहीं खोला गया है. जिससे काम बाधित हो रहा है. परियोजना कार्यालय एवं बैंक की लापरवाही की वजह से समय से बच्चों को पोषाहार की राशि भी केंद्र तक नहीं पहुंच पा रही है. जिसकी वजह से सही समय पर कुपोषित एवं अतिकुपोषित बच्चों को सही वक्त पर पोषाहार नहीं मिल पा रहा है. सरकार जहां बच्चों को कुपोषण से बचाने एवं शिक्षित करने के लिए प्रयासरत है वहीं परियोजना के कर्मियों की वजह से लाभुकों तक सही लाभ नहीं मिल पा रहा है. परियोजना कार्यालय भी जैसे तैसे चलाया जा रहा है. पिछले दिनों जब एक मामले की जांच करने अनुमंडलाधिकारी पहुंचे थे तो कार्यालय में ना तो सीडीपीओ थी और ना ही दूसरे कर्मी. अभी जांच किये हुए चार पांच दिन भी नहीं हुए है फिर वही स्थिति में कार्यालय पहुंच गया है.