चल रही यमराज की हुकूमत

खतरनाक. जिले की सड़कों पर बेतहाशा दौड़ती हैं गाड़ियां जिले में वाहनों के खतरनाक परिचालन व ओवरलोडिंग से रोज हो दुर्घटनाएं हो रही हैं. इसे रोक पाने में पुलिस व प्रशासन विफल रहा है. बांका : बांका जिले में वाहनों के खतरनाक परिचालन, खासकर ओवरलोडिंग और तेज रफ्तार पर अंकुश लगा पाने में जिला प्रशासन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 29, 2016 8:21 AM
खतरनाक. जिले की सड़कों पर बेतहाशा दौड़ती हैं गाड़ियां
जिले में वाहनों के खतरनाक परिचालन व ओवरलोडिंग से रोज हो दुर्घटनाएं हो रही हैं. इसे रोक पाने में पुलिस व प्रशासन विफल रहा है.
बांका : बांका जिले में वाहनों के खतरनाक परिचालन, खासकर ओवरलोडिंग और तेज रफ्तार पर अंकुश लगा पाने में जिला प्रशासन विफल रहा है. खासकर परिवहन विभाग की इस मामले में घोर विफलता उजागार हुई है.
जिले के कुछ हिस्सों में बेहतर बन गयी सड़कों पर बेतहाशा तेज रफ्तार परिचालन वाहन चालकों के लिए शान बन गयी है. यात्री वाहनों में सरेआम ओवरलोडिंग पुलिस और प्रशासन को लगातार मुंह चिढ़ा रही है. पुलिस प्रशासन इन सबसे भले ही बेखबर बनने का उपक्रम कर रहे हों, इनसे होने वाले दुर्घटनाएं लगातार लोगों की जानें लील रही हैं. इन दुर्घटनाओं में सलाना सैकड़ों लोग जख्मी होकर अपंग भी हो रहे हैं. पुलिस प्रशासन और खासकर परिवहन विभाग के हाथों इन्हें रोकने को अपरिमित अधिकार हैं. लेकिन पता नहीं, किस अज्ञात कारणवश वे ऐसा नहीं कर पा रहे हैं.
फलस्वरूप यात्री वाहनों की ओवरलोडिंग और तेज रफ्तार के रूप में जिले की सड़कों पर ‘यमराज की हुकूमत’ चल रही है. कई बार नाबालिग किशोरों द्वारा वाहनों का परिचालन भी इस खतरनाक स्थिति के लिए जिम्मेवार है. ज्ञात हो कि इस बारे में राज्य परिवहन आयुक्त ने पुलिस प्रशासन को भी पहल करने की हिदायत दे रखी है. लेकिन यह हिदायत बांका जिले में बेअसर साबित हुई है.
क्या है खतरनाक परिचालन
सड़कों पर निर्धारित गति सीमा से तेज रफ्तार में वाहन चलाना, वाहनों पर ओवरलोडिंग, ड्राइविंग करते समय स्टीयरिंग छोड़कर तंबाकू, गुटखा आदि खाना, मोबाइल से बातें करना, पास बैठे किसी यात्री से बातचीत करना, अपनी सीट पर चालक द्वारा किसी अन्य व्यक्ति को बिठाना, बिना लाइसेंस के अथवा नाबालिग द्वारा वाहन चलाना- ये सारी बातें मोटर वाहन अधिनियम के अंतर्गत खतरनाक परिचालन की श्रेणी में आते हैं.
क्या हैं कानूनी प्रावधान
तेज रफ्तार, ओवरलोडिंग अथवा मोबाइल से बातें करते हुए वाहन चलाने जैसे खतरनाक परिचालन के लिए अधिनियम के तहत 2 हजार रुपये का अर्थदंड निर्धारित है. जबकि बिना लाइसेंस के वाहनों का परिचालन करने वालों के विरुद्ध 1 हजार रुपये का अर्थदंड निर्धारित है.

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