ब्लड के लिए भटक रहा शमसाद
कटोरिया : इकलौते पुत्र की खातिर प्रत्येक माह एक यूनिट ब्लड की व्यवस्था करते-करते मो शमसाद अंसारी परेशान हो चुका है़ अब तक उसके इकलौते वारिश सज्जाद अंसारी को ब्लड डोनेट करने वाले किसी भी संस्था या दाता ने अपना हाथ नहीं बढ़ाया है़ कटोरिया बाजार के मुड़ियारी मोड़ निवासी मो शमसाद अंसारी का पुत्र […]
कटोरिया : इकलौते पुत्र की खातिर प्रत्येक माह एक यूनिट ब्लड की व्यवस्था करते-करते मो शमसाद अंसारी परेशान हो चुका है़ अब तक उसके इकलौते वारिश सज्जाद अंसारी को ब्लड डोनेट करने वाले किसी भी संस्था या दाता ने अपना हाथ नहीं बढ़ाया है़ कटोरिया बाजार के मुड़ियारी मोड़ निवासी मो शमसाद अंसारी का पुत्र सज्जाद जन्म के बाद से ही थेलेसिमीया नामक बीमारी से पीड़ित है़ इसके शरीर में प्रत्येक माह एक यूनिट ओ-पोजीटीव ब्लड चढ़ाने की जरूरत होती है़
ब्लड चढ़ाने के 15 दिनों बाद से ही सज्जाद का शरीर सफेद होने लगता है़ फिर समय पर ब्लड चढ़ाने के बाद वह आम बच्चों की तरह सामान्य जीवन जीता है़ मो शमसाद ने बताया कि पहले सदर अस्पताल देवघर स्थित ब्लड-बैंक से उसे डेढ़ साल तक प्रत्येक माह एक यूनिट ब्लड नि:शुल्क उपलब्ध कराया गया़ पिछले छह माह से धनबाद स्थित अस्पताल से ब्लड मिला, लेकिन अब सब जगहों पर सिर्फ झारखंड निवासी को ही ब्लड देने की बात कही जा रही है़
इस परिस्थिति में मो शमसाद के सामने अपने मासूम सज्जाद की खातिर ब्लड की व्यवस्था करना बहुत बड़ी बात बन गयी है़ रेफरल अस्पताल के चिकित्सक सह शिशु रोग विशेषज्ञ डाॅ नरेश प्रसाद ने बताया कि थेलेसिमीया बीमारी में पीड़ित के शरीर में नॉर्मल तीरके से हीमोग्लोबीन नहीं बन पाता है़ जेनेटिक प्रॉब्लम के कारण इस तरह की बीमारी होती है़