लापरवाही. सौ से ज्यादा बंदी संक्रामक त्वचा संबंधी रोगों के शिकार
मंडल कारा के दो दर्जन बंदी बीमार मंडल कारा में 326 कैदी हैं. इनका नियमित चेकअप भी किया जाता है. लेकिन बावजूद इसके इस समय यहां के दो दर्जन कैदी बीमार हैं. बांका : बांका मंडल कारा के दो दर्जन बंदी बीमार हैं. इनमें से 4 गंभीर बीमारियों के शिकार हैं. शेष टाइफाईड, इन्फ्लुएंजा, दस्त […]
मंडल कारा के दो दर्जन बंदी बीमार
मंडल कारा में 326 कैदी हैं. इनका नियमित चेकअप भी किया जाता है. लेकिन बावजूद इसके इस समय यहां के दो दर्जन कैदी बीमार हैं.
बांका : बांका मंडल कारा के दो दर्जन बंदी बीमार हैं. इनमें से 4 गंभीर बीमारियों के शिकार हैं. शेष टाइफाईड, इन्फ्लुएंजा, दस्त एवं खांसी जैसी बीमारियों से आक्रांत हैं. इनके अलावा करीब सौ से ज्यादा बंदी संक्रामक खुजली एवं चर्म रोगों के शिकार हैं. दो बंदी मानसिक बीमारी से भी पीडि़त हैं, जिन्हें इलाज के लिए भागलपुर भेजा गया है.
जबकि तकरीबन आधे दर्जन कैदी जेल के मेडिकल वार्ड में लगभग रोज भर्ती और रिलीज होते हैं. बांका मंडल कारा में मंगलवार को कुल 326 बंदी थे. इस कारा में 750 बंदियों को रखने की क्षमता है. करीब 10 वर्ष पूर्व जब यहां की क्षमता 160 बंदियों को रखने की थी, तब यहां 12 से 13 सौ के आसपास तक बंदी रह रहे थे.
हाल के वर्षों में स्पीडी ट्रायल की वजह से यहां बंदियों की संख्या क्षमता की अपेक्षा कमतर होती चली गयी. हाल के महीनों में यहां बंदियों की औसत संख्या 400 के आसपास रही है. इन बंदियों के स्वास्थ्य प्रबंधन के लिए बकायदा जेल परिसर में 10 बेड का मेडिकल वार्ड भी है, जहां पदस्थापित चिकित्सक बीमार बंदियों का नियमित चेक अप करते हैं.
एक तिहाई बंदी स्केबिज के शिकार
जानकारी के मुताबिक जेल में मौजूदा बंदियों में से करीब एक तिहाई त्वचा रोगों से ग्रस्त हैं. उन्हें स्केबिज और खुजली है. जेल में यह बीमारी संक्रामक रूप से फैली हुई है. नये स्वस्थ्य बंदी जेल में जाते ही इन बीमारियों के शिकार हो जाते हैं. बताया गया कि बंदियों के ओढ़ने एवं बिछाने वाले बिस्तरों एवं कंबलों की नियमित धुलाई नहीं हो पाने से इन बीमारियों का संक्रमण एक से दूसरे बंदी में तेजी से हो रहा है.