परेशानी. शहर की साफ-सफाई के प्रति नगर पंचायत प्रशासन उदासीन
बांका : कचरे व धूल से सांस लेना मुश्किल नगर पंचायत प्रशासन की उदासीनता के कारण इन दिनों बांका शहर में कचरे का ढ़ेर लगा हुआ है. इससे शहरवासी नारकीय स्थिति झेलने पर विवश हैं. बांका : बांका शहर में इन दिनों जगह-जगह पर कूड़े का अंबार लगा है. इसकी सफाई की दिशा में नगर […]
बांका : कचरे व धूल से सांस लेना मुश्किल
नगर पंचायत प्रशासन की उदासीनता के कारण इन दिनों बांका शहर में कचरे का ढ़ेर लगा हुआ है. इससे शहरवासी नारकीय स्थिति झेलने पर विवश हैं.
बांका : बांका शहर में इन दिनों जगह-जगह पर कूड़े का अंबार लगा है. इसकी सफाई की दिशा में नगर पंचायत प्रशासन पूरी तरह से उदासीन है. इससे शहरवासी नारकीय स्थिति झेलने पर विवश हैं. शहर में आलम यह है कि गंदगी की वजह से लोगों का पैदल चलना भी दूभर हो गया है. खास कर पुरानी बस स्टैंड, शास्त्री चौक, करहरिया दुर्गा स्थान रोड आदि जगहों पर कूड़े का अंबार लगा हुआ है. नगर पंचायत के सफाई कर्मियों के द्वारा प्रतिदिन झाडू लगाया जाता है, लेकिन यह सिर्फ दिखावे के लिए होता है. सड़कों पर गंदगी पड़ी ही रह जाती है,
और सफाई कर्मी झाडू देकर निकल जाते हैं. सड़कों की सफाई नहीं के बराबर होती है. इसकी वजह से बांका शहर के किसी भी मार्ग पर इतनी ज्यादा धूल जमी है कि कोई भी छोटा-बड़ा वाहन गुजरने पर पीछे धूल का गुब्बार बन जाता है. ऐसा लगता है मानों धूल वाली आंधी आ गयी हो. सड़कों पर धूल की इतनी मोटी परत जमा हो गयी है कि आये दिन दोपहिया वाहनों के पहिये उस धूल की वजह से स्लीप कर जाते हैं और वाहन पर सवार व्यक्ति दुर्घटना का शिकार हो जाता है. कमोबेश धूल शहर से निकलने वाले सभी मार्गों के दोनों किनारे पर लगभग 2-3 इंच तक जमा हो गया है. इससे आये दिन दुर्घटना होती रहती है.