20 मई से चालू होंगे लोक शिकायत निवारण केंद्र

गतिरोध. पीड़ितों को केंद्र के लिए अभी एक माह और इंतजार एक अप्रैल से ही शुरू होने की हुई थी घोषणा किन मामलों की होगी सुनवाई आधिकारिक जानकारी के अनुसार प्रत्येक केंद्र में दो काउंटरों की व्यवस्था होगी. एक काउंटर पूछताछ के संबंध में जानकारी उपलब्ध करायेंगे जबकि दूसरे काउंटर पर पक्षकारों से आवेदन लिये […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 20, 2016 5:31 AM

गतिरोध. पीड़ितों को केंद्र के लिए अभी एक माह और इंतजार

एक अप्रैल से ही शुरू होने की हुई थी घोषणा
किन मामलों की होगी सुनवाई
आधिकारिक जानकारी के अनुसार प्रत्येक केंद्र में दो काउंटरों की व्यवस्था होगी. एक काउंटर पूछताछ के संबंध में जानकारी उपलब्ध करायेंगे जबकि दूसरे काउंटर पर पक्षकारों से आवेदन लिये जायेंगे. प्राप्त आवेदनों पर कोषांग के पीठासीन अधिकारी सुनवाई कर निर्णय पारित करेंगे. पीठासीन पदाधिकारी उप समाहर्ता स्तर के पदाधिकारी होंगे. इन केंद्रों पर 18 तरह की सेवाओं से जुड़े मामलों की सुनवाई होगी. इनमें सरकारी सेवा से जुड़े लोक शिकायतों, राजस्व, पंचायत, कल्याण, परिवहन, मनरेगा, इंदिरा आवास, जन वितरण प्रणाली आदि से जुड़े मामलों में प्राप्त लोक शिकायतों का निष्पादन किया जायेगा.
लोक शिकायत निवारण केंद्र जन शिकायतों के निष्पादन में हो रही देरी की शिकायतों पर सुनवाई करेंगे.
बांका : लोक शिकायतों के निवारण के लिए बांका जिले के लोगों को अभी एक माह और इंतजार करना होगा. लोक शिकायत निवारण अधिनियम के अंतर्गत सूचना एवं निष्पादन केंद्र बांका जिले में 20 मई से शुरू होंगे. आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी. इन सूत्रों के मुताबिक पूर्व में लोक शिकायत निवारण केंद्रों की शुरुआत के लिए एक मई की तिथि निर्धारित थी. हालांकि इससे भी पहले एक अप्रैल से ही ऐसे केंद्र राज्य के सभी जिला मुख्यालयों में शुरू कर देने की योजना थी.
लेकिन संसाधनों की कमी की वजह से इसे समय पर शुरू नहीं किया जा सका. बांका जिले में लोक शिकायत निवारण के लिए दो केंद्र खोले जा रहे हैं. एक केंद्र जिला स्तरीय होगा. जिसकी स्थापना समाहरणालय परिसर के समीप की जानी है. इसके लिए भवन निर्माण का कार्य चल रहा है. एक अन्य केंद्र अनुमंडल कार्यालय परिसर में स्थापित किया जा रहा है. यह केंद्र अनुमंडल कार्यालय के वर्तमान भवन के ही एक हिस्से में स्थापित होगा.
क्या हैं लोक शिकायत निवारण केंद्र
लोक शिकायत निवारण अधिकार कानून के अंतर्गत स्थापित होने वाले सूचना एवं निष्पादन केंद्रों में पदस्थापित पीठासीन अधिकारी उन मामलों की सुनवाई करेंगे जिनमें पक्षकारों को जन शिकायतों के तहत दर्ज अर्जी का निपटारा समय पर नहीं किया गया होगा. पीठासीन अधिकारी ससमय शिकायतों का निपटारा नहीं होने के विरुद्ध मामलों की सुनवाई करेंगे. अब इस कानून के वजूद में आने से लोग जन शिकायतों की परंपरा रही है. नई व्यवस्था के तहत जन शिकायत कोषांग की जगह लोक शिकायत कोषांग का गठन होगा. जनता दरबार जैसे आयोजन बंद हो जायेंगे.
संसाधन युक्त होंगे लोक शिकायत निवारण केंद्र : बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के तहत खुलने वाले सूचना एवं निष्पादन केंद्रों की सफलता के लिए इसे जरूरी संसाधनों से लैस किया जा रहा है. इन केंद्रों पर बहाली के लिए सरकार ने 1233 पदों का सृजन किया है. राज्य मुख्यालय से लेकर अनुमंडल स्तरीय केंद्रों के संचालन के लिए विभिन्न स्तरों पर बहाल होने वाले अधिकारियों और कर्मियों की नियुक्ति संविदा आधारित होगी. इनमें तीन श्रेणी के आईटी सहायक, कार्यपालक सहायक तथा मल्टी टास्किंग स्टॉफ के पद भी शामिल है.
आम जनता को मिलेगी राहत : लोक शिकायत निवारण केंद्रों के चालू हो जाने से जिले के असंख्य पीडि़त लोगों में राहत की एक नई उम्मीद जगेगी. जिले में हर माह बड़ी संख्या में जन शिकायतें दर्ज होती हैं. ये जन शिकायतें विभिन्न स्तरों पर विभिन्न मंचों के जरिये दर्ज भी की जा रही है. लेकिन निपटारे के तौर पर पक्षकारों को सिर्फ आश्वासन भर मिल जा रहे हैं. उन्हें मुहर लगी कागज झुनझुने के तौर पर थमा दिया जाता है. निदान कुछ नहीं निकलता है.
लोक शिकायत निवारण अधिकार कानून के तहत खुलने वाले सूचना एवं निष्पादन केंद्र ऐसे लोगों को मिलने वाले झुनझुने की कीमत दिलवायेंगे. लोक शिकायतों का समय पर निपटारा नहीं होने पर केंद्र के पीठासीन पदाधिकारी शिकायतकर्ताओं को राहत और न्याय दिलवायेंगे. आमजनों के लिए यह राहत अब खुशी की बात है. हालांकि इसकी शुरुआत में हो रही देरी से उनमें निराशा भी है.

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