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शंभुगंज थाना में लगायी आग, वाहन भी फूंके

शंभुगंज (बांका) : शंभुगंज थाना परिसर रविवार को मैदान-ए-जंग बन गया. मौत की एक घटना के पीछे पुलिस लापरवाही को जिम्मेवार ठहराते हुए सैकड़ों ग्रामीण थाना परिसर में घुस गये. वहां उन्होंने रोड़ेबाजी की तथा थाना में आग लगा दिया. उग्र ग्रामीणों ने एक पुलिस जीप व बाइक भी फूंक दी. वहीं कागजात व फर्नीचर […]

शंभुगंज (बांका) : शंभुगंज थाना परिसर रविवार को मैदान-ए-जंग बन गया. मौत की एक घटना के पीछे पुलिस लापरवाही को जिम्मेवार ठहराते हुए सैकड़ों ग्रामीण थाना परिसर में घुस गये. वहां उन्होंने रोड़ेबाजी की तथा थाना में आग लगा दिया. उग्र ग्रामीणों ने एक पुलिस जीप व बाइक भी फूंक दी. वहीं कागजात व फर्नीचर भी जला डाले.

शंभुगंज थाना क्षेत्र के कर्णपुर गांव में रास्ता विवाद को लेकर हुए मारपीट में जख्मी धीरेंद्र कुमार की मौत होने के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने मृतक के शव को कर्णपुर मोड़ पर रख कर शंभुगंज-इंगलिश मोड़ मार्ग को रविवार की सुबह जाम कर दिया. ग्रामीणों का कहना है कि इस घटना को अंजाम दिलाने में शंभुगंज पुलिस का अहम रोल रहा है. पुलिस इस कांड में रूचि लेती तो यह घटना नहीं होती. ग्रामीणों का कहना है कि हत्याकांड के आरोपी की गिरफ्तारी व शंभुगंज थानाध्यक्ष
शंभुगंज थाना में..
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पंकज कुमार पासवान पर जब तक कार्रवाई नहीं होगी, तब तक वे लोग सड़क पर से नहीं हटेंगे. ग्रामीणों का गुस्सा देख स्थानीय पुलिस प्रशासन ने भी जाम स्थल पर जाना मुनासिब नहीं समझा, जिससे सुबह पांच बजे से दोपहर 12 बजे तक सड़क जाम रहा. जिला से भी जाम हटाने कोई पदाधिकारी के नहीं पहुंचने पर लोगों का आक्रोश धीरे – धीरे बढ़ता चला गया और सड़क पर टायर जला कर लोगों ने बजार के सभी दुकानों को बंद करा दिया. इसी बीच अफवाह उड़ी कि मृतक की जख्मी पत्नी की भी मौत हो गयी. यह खबर सुनते ही लोग भड़क गये और सैकड़ों की संख्या में महिला व पुरुष शंभुगंज थाना पहुंच कर पुलिस प्रशासन के विरुद्ध नारेबाजी करने लगे. पुलिस प्रशासन के नरम रूख को देखकर प्रदर्शनकारियों ने थाना पर हमला बोल दिया. करीब आधा घंटा तक ईंट व पत्थर चलाने के बाद प्रदर्शनकारी महिला व पुरुषों ने थाना में घुस कर तोड़-फोड़ शुरू कर दिया. आक्रोशित ग्रामीण शंभुगंज थानाध्यक्ष पंकज कुमार पासवान को खोज कर उनके साथ मारपीट करना चाह रहे थे. इस दौरान थानाध्यक्ष के नहीं मिलने पर लोगों ने थाना के सरकारी वाहन व एक ग्रामीण पुलिस की मोटरसाइकिल में आग लगा दिया तथा थाना के कुर्सी-टेबुल एवं फाइल आदि कुछ कागजात को जला दिया, तो कुछ कागजात को फाड़कर बाहर में फेंक दिया. यह घटनाक्रम करीब आधा घंटा तक चलता रहा. वहीं पुलिस भी थाना की सुरक्षा करने की बजाय अपनी जान बचाने तथा अपने हथियारों की सुरक्षा की चिंता में थाना क्वाटर की छत पर चढ़कर मोरचा संभाल लिया. उपद्रवियों को भगाने के लिए आत्मरक्षार्थ कई चक्र आसमानी फायरिंग भी पुलिस ने की. पुलिस फायरिंग के बाद सभी लोग थाना से निकल बाहर भागे. इधर घटना की सूचना पर बांका से एसडीएम अविनाश कुमार, एसडीपीओ शशिशंकर कुमार, फुल्लीडुमर थानाध्यक्ष धीरज कुमार, अमरपुर थानाध्यक्ष सैकड़ों पुलिस बल के साथ घटना स्थल पर पहुंचे तथा सड़क जाम को हटाया. बाद में वे शंभुगंज थाना पहुंचे, जहां उन्होंने क्षति का जायजा लेते हुए बताया कि कानून से खेलनेवाले दोषी लोगों को कतई बख्शा नहीं जायेगा.
रास्ता विवाद को लेकर हुए मारपीट में जख्मी की मौत के बाद सड़क पर उतरे लोग
सात घंटे तक लगा रहा जाम
मौत की घटना के पीछे पुलिस की लापरवाही बता रहे थे ग्रामीण
उपद्रवियों से निबटने के लिए पुलिस ने संभाला मोरचा, की फायरिंग
घटना में थाने के कई महत्वपूर्ण कागजात जले, 2004 में भी थाने पर लोगों ने किया था हमला

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