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कांवरिया पथ में सुविधाओं का अभाव
कांवर यात्रा. पूर्णिमा को जल उठाने वाले कांवरियों की उमड़ रही है भीड़ सावन पूर्णिमा के मौके पर सुल्तानगंज से कांवर में गंगाजल लेकर बाबाधाम की यात्र शुरू करने वाले कांवरियों का जत्था शुक्रवार की शाम से कटोरिया क्षेत्र पहुंचना शुरू हो गया. महिला–पुरूष कांवरियों की भारी भीड़ के कारण भादो माह में भी सावन […]
कांवर यात्रा. पूर्णिमा को जल उठाने वाले कांवरियों की उमड़ रही है भीड़
सावन पूर्णिमा के मौके पर सुल्तानगंज से कांवर में गंगाजल लेकर बाबाधाम की यात्र शुरू करने वाले कांवरियों का जत्था शुक्रवार की शाम से कटोरिया क्षेत्र पहुंचना शुरू हो गया. महिला–पुरूष कांवरियों की भारी भीड़ के कारण भादो माह में भी सावन सा नजारा रास्ते में दिख रहा है.
कटोरिया : औपचारिक रूप से श्रावणी मेला संपन्न होने के बावजूद कांवरिया पथ में शिवभक्तों की भीड़ जारी है. सावन पूर्णिमा के मौके पर सुल्तानगंज से कांवर में गंगाजल लेकर बाबाधाम की यात्र शुरू करने वाले कांवरियों का जत्था शुक्रवार की शाम से कटोरिया क्षेत्र पहुंचना शुरू हो गया. महिला–पुरूष कांवरियों की भारी भीड़ के कारण भादो माह में भी सावन सा नजारा रास्ते में दिख रहा है.
‘बोल–बम’ एवं ‘हर–हर महादेव’ के जयघोष से समूचा कांवरिया गूंज रहा है. इधर श्रावणी मेला के समापन के साथ ही रास्ते से सरकारी स्तर की अधिकांश सेवाएं समाप्त हो जाने से श्रद्धालुओं को अब बाबा के भरोसे ही यात्र करनी पड़ रही है. कांवरियों को ठहराव, पेयजल, शौचालय, स्नानागर, बिजली, रोशनी, सुरक्षा, स्वास्थ्य आदि सुविधाओं की कमी के कारण परेशानी होने लगी है.
चूंकि रास्ते से अधिकांश सेवा शिविर भी हट चुके हैं. बहुत कम सेवा शिविर ही भादो महीना में भी कांवरियों को नि:शुल्क सेवा दे रही है. रास्ते में दुकानों की कमी होने के कारण खाद्य सामग्री भी महंगे दामों में बिकने शुरू हो गये हैं. कांवरिया पथ के जिलेबिया मोड़, टंगेश्वर, अबरखा, सतलेटवा, तरपतिया, दुल्लीसार, विश्वकर्मानगर, किशनगंज धर्मशाला, कुरावा, कांवरिया धर्मशाला, तुलसीवरण, जमुआ मोड़, राजबाड़ा, कोल्हुआ, देवासी, इनारावरण, गोडि़यारी आदि जगहों पर भी भादो माह के पहले दिन भी काफी संख्या में कांवरियों का जमघट लगा रहा.
कांवरिया धर्मशाला में बढ़ने लगी है भीड़ : कटोरिया के कांवरिया धर्मशाला में भादो माह के शुरूआत से ही भीड़ बढ़ने लगी है. चूंकि पूरे सावन महीना कांवरिये नये समानांतर कच्ची पथ से ही होकर गुजरते हैं. जबकि भादो माह में श्रद्धालु नये व पुराने दोनों रास्तों से होकर गुजरते हैं. भादो माह में रास्ते से सेवा शिविर के हट जाने से कांवरिया धर्मशाला का महत्व भी बढ़ जाता है. शाम ढलने के साथ ही रात्रि विश्राम हेतु यहां कांवरियों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो जा रहा है.
कांवरिया पथ के ईद–गिर्द के होटलों, चाय दुकान, फल दुकान, किराना दुकान आदि की रौनक भी काफी बढ़ गयी है. इन जगहों पर पूरे सावन उदास रहने वाले दुकानदारों के चेहरे भी भीड़ देख कर खिल गये हैं. इसके अलावा जमुआ मोड़ धर्मशाला, राजबाड़ा स्थित मिथिला कांवरिया आश्रम, नथमल धर्मशाला इनारावरण, भूतनाथ धर्मशाला आदि में भी कांवरियों का ठहराव काफी संख्या में होने लगा है.
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