दूर-दूर से लोग आते हैं यहां

दुर्गापूजा. यहां मां की आराधना से मिलता है संतान का सुख मंझियारा गांव स्थित दुर्गा मंदिर आम श्रद्धालुओं के लिए सालों भर श्रद्धा का केंद्र बना रहता है. यहां दशहरा पूजा में दूर-दूर से श्रद्धालु मां भगवती के दर्शन के लिए पहुंचते हैं. बांका : प्रखंड क्षेत्र के करमा पंचायत के मंझियारा गांव में स्थित […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 26, 2016 6:48 AM

दुर्गापूजा. यहां मां की आराधना से मिलता है संतान का सुख

मंझियारा गांव स्थित दुर्गा मंदिर आम श्रद्धालुओं के लिए सालों भर श्रद्धा का केंद्र बना रहता है. यहां दशहरा पूजा में दूर-दूर से श्रद्धालु मां भगवती के दर्शन के लिए पहुंचते हैं.
बांका : प्रखंड क्षेत्र के करमा पंचायत के मंझियारा गांव में स्थित दुर्गा मंदिर आम श्रद्धालुओं के लिए सालों भर श्रद्धा का केंद्र बना रहता है. यहां दशहरा पूजा में दूर-दूर से श्रद्धालु मां भगवती के दर्शन के लिए पहुंचते हैं. ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर में आकर कोई भी श्रद्धालु खाली हाथ वापस नही जाता है. जो भी सच्चे मन से अपने मनोकामना के साथ इस मंदिर में पहुंचते हैं मां उन्हें निराश नहीं करती है. मंदिर के निर्माणकर्ता ठाकुर प्रसाद दत्ता स्वयं तो जीवित नहीं है,
परंतु उन्होंने इस मंदिर का पक्के के रूप में निर्माण 1980 में किया था. इसके पूर्व चार पीढ़ी तक मंदिर पीपल वृक्ष के नीचे था. यहां के लोगों का कहना है कि पूर्व में यहां के पंडित आलोक कुमार मिश्र थे. उनके बारे में यह प्रचलित था कि वे माता से सीधे संवाद करते थे. वे जो भी बोल देते थे वही हो जाता था. यही कारण है कि यहां अरसे से पुत्र की कामना को लेकर लोगों की भीड़ उमड़ती थी एवं उनकी मनोकामना पूर्ण भी होती थी. यही कारण है
आज भी पुत्र के चाहत में महिलाओं की भीड़ दुर्गा पूजा में उमड़ पड़ती है. बंगला पद्धति से आयोजित होने वाले दुर्गा पूजा को लेकर लोगों में उत्सुकता काफी देखी जाती है. आस पास के कई गांवों के लोग मां भगवती की प्रतिमा के दर्शन के लिए पहुंचते है.
कहते हैं कमेटी के लोग
इस संबंध में कमेटी के अध्यक्ष संतोष चंद्र दत्ता, सचिव टिंकु दत्ता एवं सदस्य बब्लू दत्ता, प्रदीप कुमार सिन्हा, अशोक दत्ता, शंकर दत्ता, केश्व दत्ता, मुकुंद मुरारी दत्ता, गोपाल कुमार दत्ता, श्याम सुंदर मांझी, पंकज कुमार आदि ने बताया कि मां की महिमा को देखते हुए मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ जमी रहती है. जो पूजा शुरू होने से अंतिम दिन तक बरकरार रहती है. कमेटी के सदस्यों ने बताया कि पूजा को पूरे विधि-विधान से संपन्न कराया जायेगा.
इसके लिए इस बार किसी विद्वान पंडित को पूजा के लिए बुलाया जा रहा है. मेला परिसर में श्रद्धालुओं में खास कर महिलाओं के लिए अलग से दर्शन करने की व्यवस्था की गयी है. चोर उचक्के आदि पर मेला समिति की कड़ी नजर रहेगी. साथ जिला प्रशासन से भी मेला के सफल आयोजन के लिए पुलिस कर्मी की मांग की गयी है.
मंझियारा गांव स्थित दुर्गा मंिदर.
बांग्ला पद्धति से होती है पूजा
मंदिर परिसर में लगता है भव्य मेला
मंझियारा स्थित दुर्गा मंदिर परिसर में मेला का आयोजन किया जाता है. जिसे देखने के लिए दूर-दराज से लोग काफी संख्या में पहुंचते है. इसमें खान-पान के साथ बच्चों के मनोरंज के लिए विभिन्न तरह की दुकानें सजती है. जहां बच्चों और महिलाओं की भीड़ पूरे पूजा तक बनी रहती है. ग्रामीण क्षेत्रों के लोग इस मेले का भरपूर आनंद उठाते है. इसके अलावे भक्ति जागरण व स्थानीय युवकों द्वारा नाटक का आयोजन किया जाता है. यह कार्यक्रम अष्टमी से आयोजित होकर प्रतिमा विसर्जन के दिन तक जारी रहती है.

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