सड़क नहीं, पगडंडी पर चलते हैं
लापरवाही. अस्तित्वविहीन होता जा रहा है शाहपुर-अमरपुर मुख्य मार्ग शाहपुर-अमरपुर भाया कटोरिया सड़क जर्जर है. यह कभी ठीक से बना ही नहीं. बना, तो जल्द ही टूट गया. पैचिंग कार्य भी ठीक से नहीं हुआ. जबकि 2017 तक संवेदक को इसके रख-रखाव की िजम्मेदारी मिली है. लोगों में इसे लेकर आक्रोश भी है. बांका : […]
लापरवाही. अस्तित्वविहीन होता जा रहा है शाहपुर-अमरपुर मुख्य मार्ग
शाहपुर-अमरपुर भाया कटोरिया सड़क जर्जर है. यह कभी ठीक से बना ही नहीं. बना, तो जल्द ही टूट गया. पैचिंग कार्य भी ठीक से नहीं हुआ. जबकि 2017 तक संवेदक को इसके रख-रखाव की िजम्मेदारी मिली है. लोगों में इसे लेकर आक्रोश भी है.
बांका : अमरपुर प्रखंड क्षेत्र का व्यस्ततम मार्ग शाहपुर-अमरपुर भाया कटोरिया सड़क अपने निर्माण काल से ही काफी जर्जर है़ पूर्व में यह सड़क कच्ची थी, तब लोगों को उतनी परेशानी नहीं होती थी़ लेकिन जब से इस सड़क का निर्माण हुआ तब से यह सड़क उबड़-खाबड़ व गड्ढों में ही सिमटी रही़
हालत यह है कि आज भी लोग इस सड़क पर न चल कर बगल की पगडंडी से ही चलने को विवश है़ सड़क की यह हालत करीब 20 वर्षों से बनी हुई है़ क्षेत्र के लोग लगातार विभाग व स्थानीय जनप्रतिनिधि को इसके लिए दोष देते हैं. आम लोगों का कहना है कि यह सड़क शापित है़, जिस पर संवेदक से लेकर विभाग तक की वक्र दृष्टि बनी हुई है़ फिलवक्त स्थानीय लोगों में विभाग व संवेदक के विरुद्ध आक्रोश है़
कहां-कहां है जर्जर
हलांकि विभाग के दबाव में जून 2016 में संवेदक द्वारा सड़क पर ग्रेड टू एवं ग्रेड थ्री का पैच कार्य किया गया़ लेकिन प्रीमिक्स कार्य नहीं होने के कारण सभी पैच उखड गये और पुन: सड़क गड्ढों में तब्दील हो गयी़ इस कारण पूरे 3 किलोमीटर की सड़क उबड़-खाबड़ व जर्जर बन गयी है़ खास कर शाहपुर चौक से कटोरिया मोड़ तक पुरी सड़क टूट चुकी है़ इसके आगे शाहपुर कॉलेज से सिउड़ी मोड़ तक सड़क पर बड़े-बड़े पत्थर निकल आये है़ं खास यह भी कि कटोरिया कब्रगाह के पास पुलिया का निर्माण नहीं होने से सभी छोटे व बड़े वाहन हिचकोले खाते हैं.
प्रतिदिन 10 हजार लोग करते हैं इस रास्ते से सफर
सड़क पर है भारी दबाव
घनी अबादी वाले शाहपुर से अमरपुर जाने वाले यह सड़क 2.957 किलोमीटर लंबी है़ यह सड़क इस क्षेत्र के लिए अमरपुर बाजार जाने के लिए सबसे निकटतम सड़क मार्ग है़ सड़क पर से प्रतिदिन 10 हजार से अधिक लोग गुजरते है़ं इस सड़क मार्ग से असरगंज, तारापुर, फुल्लीडुमर व शंभुगंज प्रखंड के सभी गांवों के लोगों सहित प्रखंड क्षेत्र के आधे से अधिक पंचायतों के स्थानीय लोग सफर करते है़ं प्रतिदिन हजारों की संख्या में दोपहिया एवं चारपहिया वाहन के अलावे बड़ी संख्या में साइकिल सवार व राहगीर इस मार्ग से ही अवागमन करते है़ं लेकिन दुर्भाग्य यह है कि इस मार्ग से गुजरने वाले सभी वाहन सड़क छोड़ पगडंडी मार्ग का सहारा लेकर ही अवागमन करते है़ं
2012 में बनी थी सड़क
यह सड़क प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजनांतर्गत 2012 में ग्रामीण कार्य विभाग कार्य प्रमंडल बांका-1 की देख-रेख में बनकर तैयार हुई़ इ स योजना की प्राक्कलित राशि 87 लाख 17 हजार की थी़ विभाग ने कार्य पूरा होने के बाद संवेदक को 78 लाख 71 हजार राशि का भुगतान भी कर दिया है़ संवेदक द्वारा सड़क का पांच वर्ष तक रख रखाव कार्य किया जाना था़ परंतु सड़क निर्माण के समय ही स्थानीय लोगों द्वारा सड़क की गुणवत्ता पर सवाल उठाया गया था़
मामला बढ़ कर सड़क निर्माण एजेंसी के विरुद्ध विजिलेंस विभाग पटना तक भी गया. जांच हुई, लेकिन कार्रवाई सिफर रही़ ऐसे में आमलोग इस जानलेवा सड़क पर आज भी आवागमन करने को मजबूर है़ं