तसर की खेती से आत्मनिर्भर हुईं महिलाएं

बांका व भागलपुर के प्रशिक्षु आइएएस ने दोमुहान पहुंचकर तसर की खेती व कटोरिया : बांका के प्रशिक्षु आइएएस अमन समीर व भागलपुर के प्रशिक्षु आइएएस भवेश कुमार मिश्र रविवार को नक्सल प्रभावित आनंदपुर ओपी क्षेत्र के दोमुहान व चांदन पंचायत के जनकपुर गांव पहुंचे. दोमुहान में उन्होंने स्वयं सेवी संस्था दलित मुक्ति मिशन परिसर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 17, 2016 9:01 AM
बांका व भागलपुर के प्रशिक्षु आइएएस ने दोमुहान पहुंचकर तसर की खेती व कटोरिया : बांका के प्रशिक्षु आइएएस अमन समीर व भागलपुर के प्रशिक्षु आइएएस भवेश कुमार मिश्र रविवार को नक्सल प्रभावित आनंदपुर ओपी क्षेत्र के दोमुहान व चांदन पंचायत के जनकपुर गांव पहुंचे. दोमुहान में उन्होंने स्वयं सेवी संस्था दलित मुक्ति मिशन परिसर में स्वयं सहायता समूहों द्वारा किये जा रहे तसर की खेती एवं सूत कताई आदि का जायजा लिया. दोमुहान पहुंचने पर ग्रामीण महिला-पुरुषों ने अधिकारियों का माल्यार्पण कर भव्य स्वागत किया. बांका एवं भागलपुर के प्रशिक्षु आइएएस ने सबसे पहले करीब दो सौ हेक्टेयर में लगाये गये अर्जुन वन का भ्रमण किया. फिर इसमें तसर कीट के पालन, कोकुन निर्माण एवं उससे धागा तैयार करने की पूरी प्रक्रिया का निरीक्षण किया.
उन्होंने ग्रुप की महिलाओं द्वारा किये जा रहे सूत कताई को देखेने के बाद उनसे इस संबंध में बातचीत भी की. तसर की खेती से महिलाओं में आयी आर्थिक परिवर्तन एवं आत्मनिर्भर बनने के बारे में भी जानकारी प्राप्त की. बांका के प्रशिक्षु आइएएस अमन समीर ने कहा कि तसर की खेती को बढ़ावा देने हेतु राज्य सरकार को रिपोर्ट भेजी जायेगी ताकि बांका जिले की पहचान भी सिल्क सिटी के रूप में हो सके. इस मौके पर दलित मुक्ति मिशन के महेंद्र रौशन, जिला पार्षद निशा शालनी, तसर अग्र परियोजना पदाधिकारी सीके घोष, मुखिया अमृता देवी, पूर्व मुखिया अशर्फी यादव, रघुवीर दास, कृष्णा प्रसाद, सुनिता बहन, भीको बौद्ध, भुवनेश्वर नाग, वीरेंद्र दास, दिलीप कुमार, सुरेंद्र दास, शोभा देवी, केशव दास, हरि दास आदि मौजूद थे.
बांका व जमुई जिला के बॉर्डर पर स्थित दोमुहान गांव में तसर उत्पादन से जुड़ने पर सुदूरवर्ती गांवों की महिलाएं भी आत्मनिर्भर बन रही हैं. 50 दिन मेहनत करने पर एक तसर किसान को एक से डेढ़ लाख रुपये की आमदनी प्राप्त होती है. दलित मुक्ति मिशन के महेंद्र रौशन ने बताया कि तसर विकास परियोजना के तहत यहां 20-20 महिलाओं का पांच ग्रुप तसर उत्पादन से जुड़ी हैं.
दोमुहान गांव के लोगों ने बांका व भागलपुर के प्रशिक्षु आइएएस से दोमुहान में तसर की खेती व उत्पादन से संबंधित जानकारी देने हेतु एक प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना की मांग की. दलित मुक्ति मिशन के महेंद्र रौशन ने कहा कि यहां पर अनुसूचित जाति व जनजाति के कल्याण छात्रावास हेतु पांच एकड़ जमीन भी दान में दिये गये हैं. लेकिन अब तक छात्रावास निर्माण की दिशा में कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

Next Article

Exit mobile version