बांका : उपभोक्ता संरक्षण न्यायालय ने बिजली विभाग से जुड़े एक मामले की सुनवाई कर फैसला न्यायालय के सदस्यों द्वारा दिया गया. जानकारी के अनुसार बांका प्रखंड क्षेत्र के कारीकादो दुधारी गांव के शिवनारायण मरीक ने कार्यपालक अभियंता विद्युत के विरूद्ध एक वाद 12 जनवरी 2015 को दायर किया था. जिसमें उसने लिखा था कि वर्ष 2010 में ठेकेदार द्वारा बीपीएल के अंतर्गत विद्युत कनेक्शन लिया था. इसी बीच विभाग द्वारा ट्रांसफॉर्मर खोल लिया गया या चोर द्वारा ट्रांसफॉर्मर की चोरी कर ली गयी तब से बिजली नहीं जल रहा था. अचानक नवंबर 2014 में 4220 रुपये का विपत्र विद्युत विभाग द्वारा भेज दिया गया.
इस पर विद्युत विभाग ने जबाव दिया कि जिस वर्ष 2010 में उपभोक्ता को विद्युत कनेक्शन दिया गया था उसके बाद उपभोक्ता लगातार विद्युत का उपयोग करता रहा लेकिन उसके द्वारा विद्युत बिल जमा नहीं किया गया. दोनों पक्षों की बातों एवं साक्षों को सुनने के बाद उपभोक्ता संरक्षण विभाग के सदस्यों ने अपना फैसला सुनाया कि विद्युत विभाग 30 दिनों के अंदर ब्याज रहित सुधार विपत्र निर्गत करें विपत्र में ध्यान रहे कि ट्रांसफॉर्मर त्रुटि पूर्ण अवधि का विपत्र नहीं शामिल हो.
वहीं उपभोक्ता को यह आदेश दिया गया कि शुद्धि विपत्र प्राप्ति के बाद 15 दिनों के अंदर विपत्र का भुगतान करें अन्यथा विभागीय नियमानुसार कार्रवाई की जायेगी. क्षतिपूर्ति के रूप में उपभोक्ता को 1000 रुपये एवं मुकदमा खर्च के रूप में 500 रुपये विद्युत कार्यालय को देने का निर्देश दिया. जिसका समायोजन सुधार विपत्र में किया जाय. यह फैसला उपभोक्ता संरक्षण विभाग के सदस्य डा. विनय कुमार सिंह एवं डा. नीलम कुमारी नीलू ने दिया.