सूने आंगन में पथरायी आंखों को मिल गयी एक अजीब-सी चमक

एक मां बनी हत्यारिन, तो दूसरी बनी जीवनदायिनी पांच दशक से नि:संतान वृद्ध दंपती ने बच्चे को सीने से लगाया धोरैया :उम्र साठ पार कर चुकी हैं सूने आंगन में अबतक की जिंद्गानी गुजरी. सूनी गोद देखते-देखते साठ सावन गुजार दिये. कान किलकारियां सुनने को तड़प रहे थे. आंखें मासूम को दुलारने के लिये बेचैन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 2, 2016 6:40 AM
एक मां बनी हत्यारिन, तो दूसरी बनी जीवनदायिनी
पांच दशक से नि:संतान वृद्ध दंपती ने बच्चे को सीने से लगाया
धोरैया :उम्र साठ पार कर चुकी हैं सूने आंगन में अबतक की जिंद्गानी गुजरी. सूनी गोद देखते-देखते साठ सावन गुजार दिये. कान किलकारियां सुनने को तड़प रहे थे. आंखें मासूम को दुलारने के लिये बेचैन थी, लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था. निराश दंपती के लिये गुरुवार का दिन सौगात बनकर आया.
कोई मजबूर मां अपने मासूम को सूनी खेत की झाड़ियों में फेंक आयी. धोरैया के बटसार पंचायत के खगड़ा गांव में रहकर बच्चे की उम्मीद पाले एक वृद्ध दंपती की आंखें यह सुनकर चमक उठी की खेत में अनाथ की तरह एक मासूम रो रहा है. उसे मां की तलाश है. खगड़ा की वृद्ध दंपती पुतुल देवी 60 अपने पति 75 वर्षीय शंकर मंडल के साथ भागी भागी खेत पर पहुंची तथा रो रहे बच्चे को उठाकर अपने कलेजे से लगा लिया.
…मृत्युंजय कहलायेगा
गोद में बच्चे को लिये रोती हुई खगड़ा निवासी पुतुल देवी ने कहा कि पिछले पांच दशक से शादी के बाद से उसकी आंखें बेटे की आस में पथरा गयी थी. ईश्वर ने आज उसे यह बच्चा अहले सुबह तीन बजे भोर में प्रसाद के रूप में देकर उसकी मुराद पूरी कर दी. बताया कि गांव के भैरव स्थान स्थित पोखर के बगल अरहर खेत में बच्चे की रोने की आवाज सुनी. इस मामले में एक मां जहां हत्यारिन बन गयी वहीं शंकर मंडल तथा पुतुल देवी बच्चे के लिये जीवनदायिनी साबित हुई. गांव वाले भी इसे ईश्वरीय चमत्कार मान रहे हैं. बहरहाल बच्चे का अभी नाम तो नहीं रखा गया है. लेकिन दुआओं के इतने हाथ उठ रहे हैं कि वह मृत्युंजय कहलायेगा.

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