बांका जिले में टमाटर किसान कंगाल, व्यापारी मालामाल

"2 किलो टमाटर बेचने को विवश हैं किसान किसानों को टमाटर तोड़ने की भी मजदूरी भी नहीं हो रही पूरी एक एकड़ की खेती में 30 हजार रुपये आती है खर्च अधिकांश किसान महाजन से कर्ज लेकर करते हैं खेती जयपुर (बांका) : टमाटर किसान फसल की उचित कीमत नहीं मिलने के कारण कंगाल हो […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 9, 2017 5:03 AM

"2 किलो टमाटर बेचने को विवश हैं किसान

किसानों को टमाटर तोड़ने की भी मजदूरी भी नहीं हो रही पूरी
एक एकड़ की खेती में 30 हजार रुपये आती है खर्च
अधिकांश किसान महाजन से कर्ज लेकर करते हैं खेती
जयपुर (बांका) : टमाटर किसान फसल की उचित कीमत नहीं मिलने के कारण कंगाल हो रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ व्यापारी मालामाल हो रहे हैं. नक्सल प्रभावित जयपुर ओपी क्षेत्र के टमाटर किसान बाजार में पसीने की कमाई का बेहतर भाव नहीं मिलने के कारण अपना माथा पीटने को विवश हैं. पीड़ित किसानों की हालत इतनी बुरी है कि खेतों में पक
बांका जिले में…
रहे लाल-लाल टमाटर को तोड़ने तक की मजदूरी भी प्राप्त नहीं हो पा रही है. क्षेत्र के विभिन्न मंडियों से पहुंचनेवाले व्यापारी के पास इलाके के किसान दो रुपये प्रति किलो की दर से थोक भाव में टमाटर बेचने को मजबूर हैं, जबकि यही टमाटर व्यापारी बाजार में 10 से 15 रुपये प्रति किलो की दर से बेच रहे हैं.
फसल हो रही बरबाद : दूसरी तरफ कड़ाके की ठंड व कोहरे के कारण टमाटर के पौधे को पाला मारने लगा है. ऐसे में किसान जल्द से जल्द टमाटर की फसल तोड़ कर बेचना चाह रहे हैं, लेकिन कीमत नहीं मिलने के कारण किसान खेत से टमाटर तोड़ने से भी डर रहे हैं. किसान महाजन से कर्ज लेकर टमाटर की खेती करते हैं. अब उन्हें डर सताने लगा है कि वे महाजन का पैसा कहां से लौटायेंगे.
क्या कहते हैं किसान
क्षेत्र के मालबथान, पलनियां, कोल्हासार, गड़ुरा, भुसड़ी, बाराकोला, दिग्घीबांध, चिड़ैंयामोड़ आदि गांवों में बड़ी संख्या में किसान वर्षों से टमाटर की खेती कर रहे हैं. इस बार टमाटर का भाव इस कदर टूटा है कि इसने किसानों की कमर ही तोड़ कर रख दी है. पीड़ित किसान भरत यादव, गुरुदेव यादव, सोनेलाल बास्की आदि ने बताया कि टमाटर की खेती में एक एकड़ जमीन में लगभग तीस हजार रुपये खर्च आती है. इसमें एक लाख रुपये की कमाई टमाटर बेच कर हो जाती थी, लेकिन इस बार पूंजी भी वापस होने पर आफत नजर आ रही है.

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