अबतक बने हैं मात्र 10% शौचालय
लक्ष्य . जिले में तीन लाख 76 हजार 149 शौचालय का किया जाना है निर्माण बांका नगर पंचायत के 1854 यूनिट में से अभी मात्र 295 शौचालय का निर्माण किया जा सका है. जागरूकता के अभाव के कारण योजना को अपेक्षित सफलता नहीं मिल पा रही है. बांका : स्वच्छ भारत मिशन के तहत पूरे […]
लक्ष्य . जिले में तीन लाख 76 हजार 149 शौचालय का किया जाना है निर्माण
बांका नगर पंचायत के 1854 यूनिट में से अभी मात्र 295 शौचालय का निर्माण किया जा सका है. जागरूकता के अभाव के कारण योजना को अपेक्षित सफलता नहीं मिल पा रही है.
बांका : स्वच्छ भारत मिशन के तहत पूरे जिले को दो अक्तूबर 2017 तक खुले में शौचमुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है़ बावजूद जागरूकता एवं खुले में शौच की मानसिकता के कारण इस योजना को गति नहीं मिल पायी है़ हालांकि ग्रामीण कार्य विभाग ने शौचालय विहीन लाभुकों को इस योजना का लाभ देने के लिए ऐड़ी-चोटी एक कर रखी है़ बावजूद यह योजना धरातल पर नहीं उतर पा रही है़ जिले के 185 पंचायतों में से अब तक मात्र 8 पंचायत ही खुले में शौचमुक्त हुआ है़ जिसके अन्तर्गत बेलहर प्रखंड के सूर्यकाना बेलडीहा, श्रीनगर, बहोरना, साहेबगंज, तरैया, निमिंया, शंभुगंज प्रखंड के छत्रहार एवं बौंसी प्रखंड के कुडरों पंचायत का नाम शामिल है.
बांका के शहरी क्षेत्र में बने हैं मात्र 295 शौचालय
राज्य सरकार ने जिले को खुले में शौचमुक्त करने के लिए निर्धारित समय में 3 लाख 76 हजार 149 शौचालय यूनिट का लक्ष्य मिला है़ जिसे हर हाल में 2 अक्टूबर 2017 तक पूरा कर लिया जाना है़ जिसके अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में 3 लाख 74 हजार 295 यूनिट एवं बांका शहरी क्षेत्रों में 1 हजार 854 यूनिट का लक्ष्य दिया गया है़ जिसमें अबतक ग्रामीण क्षेत्रों में मात्र लगभग 35 हजार शौचालय का ही निर्माण हो सका है़ वहीं बांका शहरी क्षेत्र में अब तक सिर्फ 295 शौचालय का ही निर्माण हो पाया है. ऐसे में लक्ष्य के अनुरूप जिले में अब तक मात्र लगभग 10 प्रतिशत घरों में ही शौचालय का ही निर्माण कार्य पूरा हुआ है. शेष 90 प्रतिशत शौचालय निर्माण कार्य लंबित है.
लक्ष्य की पूर्ति पर लगा हुआ है प्रश्नचिह्न
स्वच्छ भारत मिशन शहरी के तहत वर्ष 2016-17 में बांका नगर पंचायत को शौचालय निर्माण के लिए करीब 1854 युनिट का लक्ष्य प्राप्त हुआ है. लक्ष्य के विरूद्ध मात्र 693 लाभुकों का ही आवेदन नपं कार्यालय को मिला है. जिसमें सिर्फ 295 लोगों का ही शौचालय निर्माण कार्य पूरा हुआ है. मालूम हो कि जागरूकता के अभाव में नपं कार्यालय को लक्ष्य के विरूद्ध आवेदन भी प्राप्त नहीं हो सका है. ऐसे में लक्ष्य की पूर्ति पर प्रश्न चिन्ह लगा हुआ है.
इस संबंध में डीडीसी प्रदीप कुमार ने बताया है कि लोगों के खुले में शौच की मानसिकता से इस कार्य को अपेक्षित गति नहीं मिल पायी है. लक्ष्य की प्राप्ति को लेकर सभी जनप्रतिनिधियों से आगे बढ़कर काम करने की अपील की गयी है. उम्मीद की जा रहीं है कि 15 अगस्त 2017 तक जिले को खुले में शौचमुक्त कर लिया जायेगा. इसके लिए व्यापक स्तर पर जन-जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है.