लोगों ने शिक्षकों से की मूल्यांकन कार्य में शरीक होने की अपील
बांका; जिले के तीन मूल्यांकन केंद्रों पर लंबें दिनों से शिक्षकों द्वारा मूल्यांकन कार्य का वहिष्कार किया जा रहा है. वहीं विभिन्न प्रायोगिक परीक्षा केंद्रों पर भी इंटर व मैट्रिक की प्रायोगिक परीक्षा संचालित नहीं हो रही है. जिससे बच्चों का भविष्य अधर में लटका हुआ है. मालूम हो कि जिले के पीबीएस कॉलेज में […]
बांका; जिले के तीन मूल्यांकन केंद्रों पर लंबें दिनों से शिक्षकों द्वारा मूल्यांकन कार्य का वहिष्कार किया जा रहा है. वहीं विभिन्न प्रायोगिक परीक्षा केंद्रों पर भी इंटर व मैट्रिक की प्रायोगिक परीक्षा संचालित नहीं हो रही है. जिससे बच्चों का भविष्य अधर में लटका हुआ है.
मालूम हो कि जिले के पीबीएस कॉलेज में इंटर के मूल्यांकन के लिए करीब ढेड़ लाख से अधिक बारकोडिग उत्तर पुस्तिका का मूल्याकन कार्य बाधित है. जबकि मैट्रिक के लिए एमआरडी इंटर स्कूल व एसएस बालिका इंटर स्कूल में मैट्रिक की करीब 2 लाख से अधिक उत्तर पुस्तिका का मूल्यांकन नहीं हो रहा है. जिससे समय पर निकलने वाला परीक्षाफल बाधित हो गया है. इसको लेकर जिले के विभिन्न मैट्रिक व इंटर परीक्षार्थिओं व उनके अभिभावकों पर दवाब बना हुआ है. अभिभावक को अपने बच्चें के भविष्य की चिंता सता रही है तो परीक्षार्थी इस समय को कोस रहे है. उन्हें भी अपने भविष्य की चिंता सता रही है.
क्या कहते हैं अभिभावक
जिले में हुई मैट्रिक की परीक्षा में करीब 4 हजार 274 छात्रों ने परीक्षा दिया था. वहीं इंटर में करीब 23 हजार 893 छात्र परीक्षा में सम्मलित हुए थे. इन परीक्षार्थी को परीक्षा फल का इंतजार था. लेकिन शिक्षकों ने इनके अरमानों का गला घोट दिया है. इसको लेकर परीक्षार्थी के अभिभावक नंदन कुमार सिंह, अभिषेक कुमार सिंह, ज्वाला प्रसाद सिंह, रणधीर कुमार, गीता देवी, सुलोचना देवी, सयुक्ता देवी आदि ने कहा कि शिक्षकों ने छात्रों को अपनी मांगे के लिए बलि चढ़ा दिया है. शिक्षक समुदाय ने छात्र के गले पर अपनी मांग रूपी हथियार रखकर सरकार को मांगें मानने के लिए वाद्ध कर रही है. जो अनुचित है. शिक्षक जिस बच्चों के भविष्य को बनाने के लिए दिन रात एक करते है. वहीं शिक्षक और उनके नेता आज इसकी बलि देकर अपना काम निकाला चाहते है. साथ ही अभिभावकों को शिक्षक समुदाय से मूल्याकंन कार्य में शरीक होने की अपील की है