पकड़ाये शराब तस्कर को ग्रामीणों ने भगाया

बौंसी : शराब तस्करों का मनोबल इतना बढ़ा हुआ है कि रात तो रात अब दिन के उजाले में भी वे झारखंड से शराब लेकर आसानी से बिहार में प्रवेश कर रहे हैं और जब उन्हें पुलिस पकड़ती है तो गांव के लोग उसे छुड़ाकर भगा देते हैं. शुक्रवार को बंधुआकुराबा पुलिस ने विदेशी शराब […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 29, 2017 4:17 AM

बौंसी : शराब तस्करों का मनोबल इतना बढ़ा हुआ है कि रात तो रात अब दिन के उजाले में भी वे झारखंड से शराब लेकर आसानी से बिहार में प्रवेश कर रहे हैं और जब उन्हें पुलिस पकड़ती है तो गांव के लोग उसे छुड़ाकर भगा देते हैं. शुक्रवार को बंधुआकुराबा पुलिस ने विदेशी शराब लेकर भाग रहे शराब तस्कर को पीछा कर कुशमाहा गांव के पास पकड़ लिया. लेकिन वहां पर मौजूद ग्रामीणों ने उक्त तस्कर को पुलिस के चंगुल से छुड़ाकर भगा दिया. इस संबंध में पुलिस ने बताया कि प्रात: में 6 बजे जमदाहा मोड़ के समीप बंधुआकुराबा थाना के एएसआई अशोक सिंह चौकीदार किशोर पासवान के साथ खड़े थे.

इसी बीच झारखंड की तरफ से तेज गति से लाल रंग की ग्लैमर मोटरसाइकिल सवार पास से गुजरा उसके तेज गति और पीछे में बोरा बंधा देखकर पुलिस को शक हुई जिसके बाद सअनि ने उसका पीछा किया. इसी क्रम में कुशमाहा गांव के पास अपराधी का मोटरसाइकिल असंतुलित होकर गिर पड़ा. जिसे पुलिस ने दबोच लिया. उसके पास से इंपेरियल ब्लु 375 एमएल का 20 बोतल अंग्रेजी शराब पकड़ा गया. हालांकि शराब की कुल 31 बोतल थी. लेकिन गिरने की वजह से 11 बोतल शराब फूट गया.

वहीं जब पुलिस ने अपराधी को पकड़ लिया तो करीब डेढ़ सौ की संख्या में आये लोगों ने शराब माफिया को छोड़ने का दबाब पुलिस पर बनाने लगे. एएसआई के साथ महज एक चौकीदार था. बौंसी पुलिस को भी इस बात की सूचना दी गयी लेकिन करीब डेढ़ घंटे तक पुलिस नहीं पहुंची. इस बीच ग्रामीण शराब माफिया को छुड़ाने के लिए पुलिस के साथ हाथापाई तक उतर आये. मौका पाकर शराब माफिया फरार हो गया. सूत्रों के अनुसार शराब तस्कर हंसडीहा बस स्टैंड का किरानी है,

जो अक्सर इस मार्ग पर शराब की तस्करी करता है. उसका एक रिश्तेदार कुशमाहा गांव में है. इसी वजह से ग्रामीणों ने पुलिस की गिरफ्त से उसे छुड़ाया है. उधर एएसआई अशोक सिंह ने मौके पर से शराब माफिया का बाईक, मोबाईल, एवं अंग्रेजी शराब को जब्त कर थाना ले आये और इस मामले की प्राथमिकी दर्ज की. शराब तस्कर के मोबाईल में कई लोगों के नाम व पते मिले हैं. जिससे पुलिस को अहम सुराग हाथ लग सकते हैं.

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