झमाझम बारिश से किसानों में लौटी खुशी, धान की खेती फिर से जोर पर
Rain Boosts Paddy Cultivation: दो दिन की मूसलधार बारिश ने धान की खेती में नई जान फूंक दी, किसान उल्लास में खेतों में जुटे, 99% खेती का लक्ष्य हुआ पूरा.
Rain Boosts Paddy Cultivation: दो दिन से जारी झमाझम व मूसलधार बारिश ने किसानों में जान डाल दी है. बारिश से साथ रुकी पड़ी धान की खेती फिर से जारी हो गयी है. बारिश होते ही किसान खेतों में जुट गये हैं. शुक्रवार को देखा गया कि खेत में कादो किया जा रहा था. साथ-साथ बिहन उखाड़ने के साथ महिला मजदूर रोपनी भी कर रही थी. बारिश में भीगते हुए धान रोपनी में किसानों के बीच उल्लास का भी माहौल देखा गया. विभागीय रिपोर्ट की मानें तो जिले में लक्ष्य के विपरीत करीब 99.05 फीसदी खेती हो गयी है. जबकि दो दिन के अंदर करीब 40 से 50 एमएम बारिश भी हो गयी है.
अच्छी-खासी बारिश से खेत-बहियार में पानी बड़ी मात्रा में नजर आ रहा है. नहर, डांढ़, केनाल में भी पानी तेज बहाव के साथ खेत में पहुंच रहा है. बारिश की वजह से पोखर, बांध, तालाब, डैम आदि जलस्रोत में भी पानी के लेयर में वृद्धि बतायी जा रही है. वहीं दूसरी ओर बारिश की वजह से व्याप्त उमस भरी गर्मी से भी लोगों को राहत मिली है. ज्ञात हो कि बीते एक सप्ताह से बारिश नहीं हो रही थी. बारिश होती भी थी तो कुछ क्षण के लिए बूंदाबांदी होती थी. लेकिन, बीते दो दिन पहले ही रात से एकाएक बारिश का माहौल जिले में बन गया. बीती रात भी जमकर बारिश हुई. शुक्रवार को भी सुबह से ही बारिश होती रही. हालांकि रुक-रुक कर बारिश शाम तक जारी रही. मानूसन का असर आसमान पर भी साफ नजर आ रहा है. सूरज दिन भर नहीं उगा. इस वजह से लोगों को गर्मी से राहत मिली है.
Rain Boosts Paddy Cultivation: एक लाख हेक्टेयर में होनी है धान की खेती
इस बार कृषि विभाग ने जिले में 109710.92 हेक्टेयर में धान की खेती का लक्ष्य निर्धारित किया है. अबतक 99.05 फीसदी यानी करीब 108668 हेक्टेयर में रोपनी हो गयी है. बारिश का माहौल जिस कदर बन गया है, इससे प्रतीत होता है कि एक-दो दिन में ही शतप्रतिशत धान की खेती जिले में पूरी कर ली जायेगी. धान के अतिरिक्त अन्य फसलों की खेती भी अंतिम चरण में है.
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अच्छी-खासी बारिश हो रही है. जिले में 99 प्रतिशत से अधिक धान की रोपनी गयी है. जलाशयों में भी पानी जमा हो रहा है. इससे आगे सिंचाई में सुविधा होगी. किसान जल्द से जल्द रोपनी कर लें. साथ ही क्षेत्र पर नजर बनी है. प्रतिदिन समन्वयक व अन्य अधिकारियों से रिपोर्ट ली जा रही है. किसानों से अपील है कि बारिश के बीच वज्रपात की भी संभावना प्रबल रहती है, ऐसे में पूरी सुरक्षा व सावधानी पूर्वक ही खेती करें.