मेला में मनोरंजन, संस्कृति व रोमांच का दिख रहा संगम
पूर्वी बिहार का सुप्रसिद्ध बौंसी मेला मंदार महोत्सव उद्घाटन के दूसरे दिन भी पूरे शबाब पर रहा. हालांकि सुबह में कुहासा और अत्यधिक ठंड की वजह से भीड़ कम देखी गयी.
बौंसी. पूर्वी बिहार का सुप्रसिद्ध बौंसी मेला मंदार महोत्सव उद्घाटन के दूसरे दिन भी पूरे शबाब पर रहा. हालांकि सुबह में कुहासा और अत्यधिक ठंड की वजह से भीड़ कम देखी गयी. सुबह 11 बजे के बाद धूप खिलते ही भारी संख्या में सैलानियों की भीड़ मेला घूमने उमड़ पड़ी. मेला परिसर के पूरे क्षेत्र में मनोरंजन, संस्कृति और रोमांच का एक संगम बुधवार को देखने को मिला, जो हर आयु वर्ग के लोगों के लिए खास आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. बौंसी के करीब 20 दिनों तक चलने वाले मेला का इतिहास भी काफी पुराना है. इस वर्ष भी मेला में प्राचीन मेलों की तरह खेल तमाशा की दुनिया पूरी तरह सजी हुई है. आधुनिक झूले, मेला घूमने आये सैलानियों को रोमांचित कर रहे हैं. खासकर रशियन और अजमेरी नाव झूला महिलाओं, युवतियों और बच्चों की पहली पसंद बनी हुई है. आधुनिक और पारंपरिक झूलों के अलावा कलाकारों के हैरतअंगेज करतब सर्कस में दर्शकों को आश्चर्यचकित कर रहे हैं. खाने-पीने के शौकीन लोगों के लिए मेले में तरह-तरह के स्टाॅल लगाये गये हैं. कई स्थानों पर पारंपरिक व्यंजन भी परोसे जा रहे हैं. मेला का चप्पा-चप्पा दूसरे दिन भीड़ से भरा नजर आ रहा था. मेले में अवस्थित अधिकांश दुकानों पर खरीदारों की भी खूब भीड़ रही. जिससे दुकानदारों को अच्छी खासी आमदनी भी हुई है. उन लोगों के चेहरे भी खिले नजर आ रहे थे. जगह-जगह लोग मेले में फोटो खींचकर और सेल्फी लेकर सोशल मीडिया पर भी पोस्ट कर रहे थे. मंदार मंच से स्कूली बच्चों के सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी लोग आनंद उठा रहे थे.
महिलाओं और युवतियों ने की खरीदारी
मेला में युवतियां और महिलाओं ने अपना वक्त काफी समय तक बिताया. मेले में सजी दुकानों पर महिलाओं ने खूब खरीदारी की. किसी ने श्रृंगार का सामान खरीदा तो किसी ने मीणा बाजारों में सजी दुकानों से अपने उपयोग के सामान की खरीदारी की. चूड़ी लहठी के अलावा घरों को सजाने वाले सामान की खरीदारी में महिलाओं को मशगूल देखा गया. डिज्नीलैंड मेला में महिलाओं को स्वेटर, कार्डिगन, कंबल के साथ-साथ कश्मीरी ऊनी कपड़े, जूते इत्यादि की खरीदारी में व्यस्त देखा गया. बच्चों को भी उनकी मनपसंद के खिलौने खरीदवाये गये.मंदार महोत्सव के दूसरे दिन स्कूली बच्चों की हुई रंगारंग प्रस्तुतियां
बौंसी. मंदार महोत्सव के सांस्कृतिक मंच से दूसरे दिन जिले के विभिन्न विद्यालयों के बच्चों ने रंगारंग प्रस्तुति देकर मेला घूमने आये लोगों का खूब मनोरंजन किया. कार्यक्रम की शुरुआत परमेश्वर लाल खेमका सरस्वती शिशु विद्या मंदिर कि शिवानी और उसकी सहेलियों के द्वारा वक्रतुंड महाकाय पर समूह नृत्य की प्रस्तुति देकर की गयी. इसके बाद यूनिवर्स फॉरवर्ड स्कूल बांका की रोमी श्री के द्वारा ऐगिरी नंदिनी पर एकल नृत्य की प्रस्तुति दी गयी. चमन साह सरस्वती विद्या मंदिर की आस्था ने शिव पार्वती स्त्रोतम पर बेहतरीन नृत्य प्रस्तुत किया. अद्वैत मिशन हाई स्कूल की नित्या राज और उसकी सहेलियों के द्वारा हॉस्टल की दुनिया पर समूह नृत्य की प्रस्तुति देकर खूब वाह-वाही लूटी. जबकि अपूर्वा एवं विदिशा के द्वारा भी समूह नृत्य की प्रस्तुति दी गयी. सिमरन डांस क्लास बौंसी की पंखुड़ी और उसकी सहेलियों के द्वारा मरदानी एंथम पर समूह नृत्य की प्रस्तुति दी गयी. एसकेएम पब्लिक स्कूल शंभूगंज, उच्च विद्यालय टेंगरा बेलहर, डायट बांका, जीवन ज्योति पब्लिक स्कूल लालपुर चंदन, उच्च विद्यालय सहरना बाराहाट, विमल डांस एकेडमी बांका, नित्यांजलि डांस क्लास बांका, उच्च विद्यालय इनरावण, उच्च माध्यमिक विद्यालय लखनौडी, एमआरडी स्कूल बांका, यूनिवर्स फॉरवर्ड स्कूल बांका, उच्च माध्यमिक विद्यालय तेलिया, पीबीएस कॉलेज बांका सहित जिले के विभिन्न विद्यालयों के छात्र-छात्राओं ने बेहतरीन गायन, नृत्य और समूह नृत्य की प्रस्तुति दी. स्कूली बच्चों के कार्यक्रम को देखने के लिए भारी संख्या में मेला घूमने आये लोग मौजूद थे.
मुनेश्वर कृषि उद्योग प्रदर्शनी में भारी संख्या में पहुंच रहे किसान
बौंसी. मेला परिसर में मुनेश्वर कृषि उद्योग प्रदर्शनी में भी दूसरे दिन काफी भीड़ देखी गयी. विभिन्न जगहों से आये ग्रामीण इलाकों के लोगों के साथ-साथ किसानों के द्वारा कृषि प्रदर्शनी में भ्रमण करने का आनंद लिया गया. विभिन्न स्टाॅलों में किसान अपनी समस्याओं को बताकर उसका समाधान पूछ रहे थे. उत्कृष्ट फल, सब्जियां और फसलों को भी लोग अपलक होकर निहार रहे थे. प्रदर्शनी में जगह-जगह तस्वीर खींचने के लिए भी लोग उत्सुक दिख रह रहे थे. कृषि प्रदर्शनी में बने सेल्फी पॉइंट पर भी कृषि प्रदर्शनी के अंदर बने सेल्फी पॉइंट में भी लोग तस्वीर खिंचवा रहे थे. कृषि प्रदर्शनी में कृषि उत्पादन के साथ कृषि यंत्र को देखने की भीड़ काफी अच्छी देखी गयी. कुछ किसान सरकारी सब्सिडी पर खरीदारी भी करते देखे गये. मत्स्य विभाग की पोखरी में तैरती मछलियां लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. सुनीता के मशरूम उत्पादन की कुशलता लोगों के लिए जिज्ञासा का केंद्र बनी हुई है. भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कर्मियों और पुलिस कर्मियों को भी काफी मशक्कत करनी पड़ रही है. प्रदर्शनी के मुख्य द्वार पर से अंदर प्रवेश करने में भीड़ की वजह से लोगों को काफी समय भी लग रहा है.किसानों को उन्नत तकनीक से खेती करने की मिल रही जानकारी
बौंसी मेला में किसानों, पशुपालकों, मत्स्य पालकों के आकर्षण का केंद्र मुनीश्वर कृषि उद्योग प्रदर्शनी है. जहां किसानों को खेती बाड़ी से जुड़ी नयी तकनीक की जानकारी मिल रही है. मालूम हो कि एसडीओ स्व. मुनेश्वर प्रसाद के द्वारा ही इस मेले की शुरुआत की गयी थी. उस वक्त बेहतरीन फसल उगाने वाले किसानों को प्रोत्साहित करने को लेकर इसकी शुरुआत हुई थी जो आज धीरे-धीरे एक बेहतर कृषि उद्योग प्रदर्शनी के रूप में उभर कर सामने आ गया है. जानकारी देते हुए आत्मा के विपुल विप्लव ने बताया कि किसानों से संबंधित यह मेला उनकी आय बढ़ाने और खेती में आने वाली मुश्किलों को दूर करने में मदद करता है. यहां किसानों को नए नवाचारों, अविष्कारों और उपचारात्मक तरीकों के बारे में जानकारियां भी दी जा रही है. उनकी समस्याओं का भी समाधान किया जा रहा है. आधुनिक कृषि से क्या फायदे हैं और इसमें कितना समय लगता है इसकी जानकारी के साथ-साथ आधुनिक कृषि में मशीनों और तकनीक का इस्तेमाल कैसे किया जाता है उनकी जानकारियां भी किसानों को मिल रही है. बुधवार को कृषि उद्योग प्रदर्शनी में किसानों को दी जाने वाली सुविधाओं की जानकारी लेने के लिए विभाग के संयुक्त निदेशक अनिल कुमार यादव ने पहुंचकर जानकारी प्राप्त की. इस मौके पर उनके साथ जिला कृषि पदाधिकारी दीपक कुमार सहित अन्य पदाधिकारी और कर्मी गण मौजूद थे.खेती से संबंधित पुस्तकों का हो रहा वितरण
कृषि विभाग के स्टॉल से किसानों के लिए बेहतर खेती करने से संबंधित आधे दर्जन से ज्यादा तरह के पुस्तकों का मुफ्त वितरण किया जा रहा है. जिनमें उन्नत और बेहतर खेती कैसे करें इसकी पूरी जानकारी है. कृषि विभाग के द्वारा निकाली गयी त्रैमासिक पत्रिका खेती-बाड़ी, फसलों के रोग एवं कीट प्रबंधन की किताब के साथ-साथ उद्यानिक फसलों की वैज्ञानिक खेती, मसाला फसलों की वैज्ञानिक खेती, समेकित कृषि प्रणाली, फसलों की उन्नत उत्पादन तकनीक सहित अन्य किताबें मुफ्त में बांटी जा रही है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है