बांका.
जिले के बेलहर धौरी निवासी सह सेवानिवृत सेना कमांडर मनोज कुमार सिंह की पुत्री आशना अशेष ने टीबी को मात देकर देश में एक नयी पहचान बनायी है. इसको लेकर जिलेवासियों ने बधाई देते हुए हर्ष व्यक्त किया है. परिजनों ने बताया है कि वर्ष 2017 में आशना टीबी बीमारी से ग्रसित हो गयी थी. जिसके बाद उसने दो साल तक पटना में रहकर इसका इलाज कराते हुए इस घातक बीमारी पर विजय पायी. फिर फैसला किया कि अब टीबी से ग्रसित लोगों के लिए ही काम करेंगी. फिर सरवाइवर एगेंस्ट टीबी संस्था के साथ मिलकर काम करना शुरू कर दिया. इसके बाद भारत सरकार स्वास्थ्य विभाग ने उन्हें इस क्षेत्र में योगदान देने के लिए कमेटी सदस्य नियुक्त कर दिया. बाद में डब्लूएचओ ने साउथ ईस्ट एशिया के एक कमेटी का वाइस चेयरमैन पद पर उन्हें नियुक्त करते हुए कार्य करने का मौका दिया. इसके अलावा डब्लूएचओ ने पिछले माह सिविल सोसाइटी टास्क फोर्स का सदस्य भी नियुक्त किया है. और फिलहाल आशना जेनेवा स्विट्जरलैंड स्थित डब्लूएचओ मुख्यालय के मीटिंग में शरीक हुई हैं. उधर आशना की इस सफलता पर कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष संजीव कुमार सिंह सहित अन्य ने बधाई दी है.टीबी बना आशना का टर्निंग प्वाइंट
आशना ने जिंदगी के टर्निंग प्वाइंट को ही अब अपना जीवन मान लिया है. और देश व समाज से इस घातक बीमारी को दूर करने का संकल्प लिया है. परिजनों ने बताया है कि आशना ने पश्चिम बंगाल के एक नामचीन विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई की है. उन्होंने कई नौकरियों को त्याग कर इस क्षेत्र में काम करने का फैसला लिया है. जिससे परिवार वाले भी गौरवांवित महसूस कर रहे हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है