यौन शोषण पीड़ित बच्चों के लिए सपोर्ट पर्सन की नियुक्ति करे राज्य सरकार

Appoint a support person for sexual abuse victims

By Prabhat Khabar News Desk | August 14, 2024 1:18 AM

कटोरिया.स्वयं सेवी संस्था मुक्ति निकेतन के सचिव चिरंजीव सिंह ने मांग की है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार यौन शोषण के पीड़ित बच्चों की सहायता के लिए तत्काल राज्य सरकार ‘सपोर्ट पर्सन’ की नियुक्ति करे. चूंकि ‘सपोर्ट पर्सन’ की अनिवार्य रूप से नियुक्ति का सुप्रीम कोर्ट का आदेश राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की ओर से प्रस्तावित दिशा-निर्देशों के आधार पर है. शीर्ष अदालत ने सभी राज्यों व केंद्रशासित क्षेत्रों से चार हफ्ते में अनुपालन रिपोर्ट सौंपने को कहा है. ’एक्सेस टू जस्टिस’ कार्यक्रम के सहयोगी संगठन मुक्ति निकेतन ने राज्य में तत्काल इस आदेश पर अमल की मांग की है. राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) की ओर से प्रस्तावित दिशा-निर्देशों पर मुहर लगाते हुए सभी राज्यों व केंद्र शासित क्षेत्रों को यौन शोषण के पीड़ित बच्चों के लिए अनिवार्य रूप से ‘सपोर्ट पर्सन’ की नियुक्ति का आदेश देने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले का बिहार के बांका जिले में बाल अधिकारों के लिए काम कर गैरसरकारी संगठन मुक्ति निकेतन ने इस आदेश पर तत्काल प्रभाव से अमल की अपील की है. बांका में मुक्ति निकेतन संस्था ‘एक्सेस टू जस्टिस’ कार्यक्रम का सहयोगी है. जो दुनिया के सबसे बड़े कानूनी हस्तक्षेप कार्यक्रमों में शुमार है. इसके साथ 200 से भी ज्यादा संगठन बच्चों की सुरक्षा व संरक्षण के लिए 400 से ज्यादा जिलों में जमीनी स्तर पर काम कर रहे हैं. न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना व न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की खंडपीठ ने सभी राज्य सरकारों व केंद्र शासित क्षेत्रों को यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत लंबित मामलों में पीड़ित बच्चों की सहायता के लिए एनसीपीसीआर के दिशा-निर्देशों के मुताबिक ‘सपोर्ट पर्सन’ की नियुक्ति, उनकी योग्यता और जिम्मेदारियां तय करने के आदेश पर अमल के बाबत चार हफ्ते में अनुपालन रिपोर्ट सौंपने को कहा है. स्वयं सेवी संस्था मुक्ति निकेतन के सचिव चिरंजीव सिंह ने मांग की है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार यौन शोषण के पीड़ित बच्चों की सहायता के लिए तत्काल राज्य सरकार ‘सपोर्ट पर्सन’ की नियुक्ति करे. चूंकि ‘सपोर्ट पर्सन’ की अनिवार्य रूप से नियुक्ति का सुप्रीम कोर्ट का आदेश राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की ओर से प्रस्तावित दिशा-निर्देशों के आधार पर है. शीर्ष अदालत ने सभी राज्यों व केंद्रशासित क्षेत्रों से चार हफ्ते में अनुपालन रिपोर्ट सौंपने को कहा है. ’एक्सेस टू जस्टिस’ कार्यक्रम के सहयोगी संगठन मुक्ति निकेतन ने राज्य में तत्काल इस आदेश पर अमल की मांग की है. राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) की ओर से प्रस्तावित दिशा-निर्देशों पर मुहर लगाते हुए सभी राज्यों व केंद्र शासित क्षेत्रों को यौन शोषण के पीड़ित बच्चों के लिए अनिवार्य रूप से ‘सपोर्ट पर्सन’ की नियुक्ति का आदेश देने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले का बिहार के बांका जिले में बाल अधिकारों के लिए काम कर गैरसरकारी संगठन मुक्ति निकेतन ने इस आदेश पर तत्काल प्रभाव से अमल की अपील की है. बांका में मुक्ति निकेतन संस्था ‘एक्सेस टू जस्टिस’ कार्यक्रम का सहयोगी है. जो दुनिया के सबसे बड़े कानूनी हस्तक्षेप कार्यक्रमों में शुमार है. इसके साथ 200 से भी ज्यादा संगठन बच्चों की सुरक्षा व संरक्षण के लिए 400 से ज्यादा जिलों में जमीनी स्तर पर काम कर रहे हैं. न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना व न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की खंडपीठ ने सभी राज्य सरकारों व केंद्र शासित क्षेत्रों को यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत लंबित मामलों में पीड़ित बच्चों की सहायता के लिए एनसीपीसीआर के दिशा-निर्देशों के मुताबिक ‘सपोर्ट पर्सन’ की नियुक्ति, उनकी योग्यता और जिम्मेदारियां तय करने के आदेश पर अमल के बाबत चार हफ्ते में अनुपालन रिपोर्ट सौंपने को कहा है.

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