अविनाश सिंह, रजौन. बांका संसदीय सीट का दूसरे चरण में लोकसभा का चुनाव संपन्न हो गया हैं, लेकिन अभी भी चुनाव को लेकर चर्चा और विवाद का दौर जारी है. दूसरे चरण का चुनाव संपन्न होने के बाद जीत-हार के कयास लगने शुरू हो गये और इसके साथ ही प्रत्याशियों पर दांव भी लगने लगे हैं. चुनाव लड़ रहे उम्मीदवार व राजनीतिक दल अपने समर्थकों से क्षेत्रवार मतदान व वोटों के आंकड़ों को जुटाने में लग गये हैं, तो कहीं धोखे व पाला बदलने की भी खबरें सामने आ रही है. आंकड़े बताकर जीत का दावा कर रहे हैं समर्थक. होटल, चाय पान की दुकान, सार्वजनिक चौक- चौराहों में अब पार्टियों के कार्यकर्ता के साथ-साथ चुनाव में दिलचस्पी रखने वाले लोग भी अपने-अपने आंकड़े बताकर जीत का दावा-प्रतिदावा कर रहे हैं. जीत-हार के दावों के बीच अब कोई शर्त लगाने की भी चुनौती दे रहा है. एक ओर इंडिया गठबंधन प्रत्याशी के समर्थक जीत के आंकड़े गिना रहे हैं तो दूसरी ओर एनडीए समर्थक केंद्र सरकार की योजनाओं के बल पर जीत के लिए आश्वस्त हैं. हालांकि, मुख्य मुकाबला राजद व जदयू के बीच होने से दोनों ही दल के समर्थक अपनी-अपनी जीत का भी दावा करने में लगे हैं. चुनाव के इस दौर में जीत व हार के मंथन के बीच दावों को लेकर लोगों की तकरारें भी बढ़ गयी है और बातों ही बातों में लोगों के सुर भी तेज होते जा रहे हैं. जीत पर अड़े रहने के कारण दावे को लेकर विवाद भी लोगों का बढ़ गया है. 4 जून को खुलेंगी किस्मत का ताला. लोकसभा चुनाव में अच्छे मतदान से राजनीतिक गलियारों की चर्चाएं तो गर्म है हीं. वहीं, जोड़-घटाव लगाने वाले राजनीतिक पंडित भी पशो पेश में हैं. हालांकि, राजनीति का यह ऊंट किस करवट बैठेगा, यह तो चार जून को ही पता चलेगा. लेकिन, इतना तय है कि 54.61 फीसदी पड़े वोट से कईयों के समीकरण बनने बिगड़ने लगे हैं. जहां एनडीए गठबंधन सरकार की योजनाओं व विकास कार्यों से जोड़ कर देख रही हैं, तो वहीं इंडिया गठबंधन पार्टी इसे केंद्र सरकार व राज्य सरकार की विफलता का संकेत मान रही है.
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