मनो चिकित्सक ने आत्महत्या जैसे विकार को रोकने के लिए इंजीनियरिंग छात्रों को दिये टिप्स
सदर प्रखंड के लकड़ीकोला इंजीनियरिंग कॉलेज में बुधवार को मानसिक स्वास्थ्य व आत्महत्या रोकथाम को लेकर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित हुआ.
बांका. सदर प्रखंड के लकड़ीकोला इंजीनियरिंग कॉलेज में बुधवार को मानसिक स्वास्थ्य व आत्महत्या रोकथाम को लेकर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित हुआ. इस दौरान मनोविज्ञान चिकित्सक डा. एमयु फारूक, डा. विजय कुमार व डा. राजेश कुमार के द्वारा छात्र- छात्राओं को मानसिक रूप से स्वस्थ रहना, आत्महत्या विषय आदि के बारे में जागरूक किया गया. मनोविज्ञान चिकित्सक ने कहा कि स्वस्थ जीवन के लिए मानसिक रूप से स्वस्थ रहना अत्यंत आवश्यक है. जिसका आशय भावनात्मक मानसिक व सामाजिक संपन्नता है. यह मनुष्य के सोचने, समझने, महसूस करने सहित कार्य करने की क्षमता को प्रभावित करता है. मानसिक विकार में अवसाद दुनिया भर में सबसे बड़ी समस्या है. यह कई सामाजिक समस्याओं जैसे बेरोज़गारी, गरीबी और नशाखोरी आदि को जन्म देती है. मानसिक रोगों के विभिन्न प्रकारों के तहत अल्जाइमर रोग, डिमेंशिया, चिंता, ऑटिज़्म, डिस्लेक्सिया, डिप्रेशन, नशे की लत, कमज़ोर याददाश्त, भूलने की बीमारी एवं भ्रम आदि आते हैं. जिसका लक्षण भावनाओं, विचारों और व्यवहार को प्रभावित करने की क्षमता रखता है. इसके अलावा उदास महसूस करना, ध्यान केंद्रित करने की क्षमता में कमी, दोस्तों और अन्य गतिविधियों से अलग होना, थकान एवं निंद्रा की समस्या आदि लक्षण हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत की 7.5 फीसदी आबादी किसी न किसी मानसिक समस्या से जूझ रही है. विश्व में मानसिक और न्यूरोलॉजिकल बीमारियों की समस्या से जूझ रहे लोगों में भारत का करीब 15 प्रतिशत हिस्सा शामिल है. वहीं डा. विजय कुमार ने आत्महत्या जैसे विचार मन में न आये, इसके लिए उपायों पर चर्चा की. मौके पर प्राचार्य डा. शब्बीरूद्यीन, कोऑर्डिनेटर प्रो. प्रणय कुमार सहित अन्य मौजूद थे.
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