बिहार-झारखंड बॉर्डर के बाबा कष्टहरनाथ हरते हैं सभी भक्तों का दुख

बांका व गोड्डा जिले की सीमा पर खटनई गांव स्थित कष्टहरनाथ महादेव मंदिर ऐतिहासिक मंदिरों में शुमार है.

By Prabhat Khabar News Desk | July 27, 2024 11:41 PM

पंजवारा. बांका व गोड्डा जिले की सीमा पर खटनई गांव स्थित कष्टहरनाथ महादेव मंदिर ऐतिहासिक मंदिरों में शुमार है. यहां सालों भर शादी-विवाह सहित अनेक धार्मिक अनुष्ठान होते हैं. बाबा कष्टहरनाथ की पूजा करने से अभीष्ट फल की प्राप्ति होती है. सावन में जलाभिषेक को लेकर मंदिर परिसर को सजाने-संवारने का कार्य जोरों पर है. बिहार झारखंड के श्रद्धालुओं को आकर्षित करने को लेकर झारखंड पर्यटन विभाग की ओर से मंदिर परिसर व शिवगंगा तालाब के बगल में बहुउद्देशीय भवन का निर्माण किया गया है.

लक्ष्मीपुर रानी व बनैली स्टेट के राजा ने कराया मंदिर निर्माण

मुगल काल में गांव के ही एक किसान खेत में कुदाल चला रहे थे. इसी बीच कुदाल एक चमत्कारी पत्थर पर पड़ा और छिटक कर किसान के माथे पर जा लगा. रक्त की धारा बहने लगी. इसके बाद लोगों ने एकत्रित होकर उस जगह की खुदाई की तो विशाल शिवलिंग निकला. लोगों ने इसकी पूजा शुरू की. कहा जाता है कि इस शिवलिंग का जिन्होंने भी श्रद्धा से पूजन किया, उसके कष्ट सदा के लिए दूर हो गये. इस शिवलिंग को स्थापित कर इसका नाम कष्टहर महादेव रखा गया. यहां स्थानीय लोग पूजा करने लगे. बाद में लक्ष्मीपुर रानी व बनैली स्टेट के राजा ने मंदिर निर्माण व पूजन की व्यवस्था करवायी.

सावन में कांवरियों का लगता है तांता

पावन सावन मास के प्रत्येक सोमवार को आसपास के सैकड़ों श्रद्धालु पैदल भागलपुर के बरारी घाट से गंगाजल लेकर बाबा को अर्पित करते हैं. इसके अलावा आसपास के श्रद्धालुओं से मंदिर परिसर भरा रहता है.

पर्यटन विभाग के सहयोग से किया गया जीर्णोद्धार

मंदिर के प्रधान पुजारी अरुण कुमार चौबे बताते हैं कि मंदिर बहुत पुराना है. पर्यटन विभाग के सहयोग से मंदिर सहित परिसर का जीर्णोद्धार कराया गया है. यहां शादी-विवाह सहित अनेक धार्मिक अनुष्ठान को लेकर दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं. बिहार एवं झारखंड के स्थानीय लोगों के लिए बाबा कष्टहरनाथ कुलदेवता हैं. जिले के अनेक जमींदार परिवार हैं, जिनके घर बिना बाबा के आदेश के बिना कोई भी शुभ कार्य नहीं होता है.

धर्मशाला व विवाह भवन का हो रहा निर्माण

आचार्य भवेश चौबे ने कहा कि खटनई गांव स्थित शिवालय में भुमफोड़ महादेव स्थापित हैं. यहां के बाबा की महिमा निराली है. बाबा कष्टहर नाथ मंदिर के विकास के लिए झारखंड सरकार प्रयत्नशील है. धर्मशाला व विवाह भवन का निर्माण किया गया है. पांडा संजय कुमार चौबे ने कहा कि यहां के बाबा कष्टहरनाथ का मंदिर काफी पुराना है. मंदिर का निर्माण मुगल काल में हुआ था. सरकार ने मंदिर के विकास के लिए बहुत कुछ किया है. लेकिन श्रद्धालुओं की सबसे बड़ी समस्या पेयजल उपलब्धता को लेकर है. इसका निदान अतिआवश्यक है. पुजारी मनोज झा कहते हैं कि बाबा कष्टहरनाथ पुरखों के जमाने से काफी शक्तिशाली है. लोग अपनी मनोकामना लेकर यहां आते हैं. बाबा उनकी मनोकामना अवश्य पूर्ण करते हैं. इसलिए लोगों में बाबा के प्रति काफी आस्था है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version