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Banka News : बांका के लीलागोड़ा में बायोगैस पर पक रहा दो दर्जन परिवारों का भोजन

लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के तहत गोवर्धन योजना से बांका के लीलागोड़ा गांव को पहचान मिली है. यहां जैविक कचरे से बायोगैस बनाया जा रहा है. दो दर्जन परिवारों को इसका लाभ मिल रहा है. भविष्य में जैविक खाद की भी बिक्री होगी. इससे किसानों को फायदा होगा.

Banka News : विभांशु, बांका. अगर सरकारी योजनाओं का क्रियान्वयन ईमानदारी से हो, तो वह आम लोगों को खुशहाल कर देती है. सदर प्रखंड क्षेत्र की दुधारी पंचायत के लीलागोड़ा गांव में ऐसी ही सरकारी योजना ने लोगों के जीवन को सुखद बनाया है. डीएम अंशुल कुमार ने प्रयोग के तौर पर यहां बीते जून में लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के तहत गोवर्धन योजना स्थापित की थी. ढाई माह के अंदर ही यह योजना अनोखी साबित हुई. जैविक कचरे से बने गैस के जरिये करीब दो दर्जन परिवारों का भोजन पक रहा है. इन परिवारों को प्रतिदिन पाइप के जरिये बायोगैस की सप्लाई की जा रही है. सप्ताह भर के अंदर इस योजना से 40 और परिवार जुट जायेंगे. धीरे-धीरे पूरे गांव में यह सुविधा प्रदान कर दी जायेगी. साथ ही साथ शत-प्रतिशत घरों में बायो गैस से तैयार ईंधन से ही खाना बनाया जायेगा. जानकारी के मुताबिक, बीते 22 जून को ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने इस योजना का उद्घाटन किया था. इसकी लागत 50 लाख रुपये के आसपास आयी थी.

प्रतिदिन छह घंटे होती है बायोगैस की सप्लाई

गोवर्धन योजना के प्लांट से प्रतिदिन छह घंटे गैस की सप्लाई गांव के दो दर्जन घरों में सुनिश्चित की जाती है. पहली पाली में सुबह छह बजे से नौ बजे तक और दूसरी पाली में शाम छह बजे नौ बजे तक गैस की सप्लाई होती है. यानी तीन घंटे सुबह और तीन घंटे शाम में भोजन बनाने के लिए पर्याप्त मात्रा में ईंधन की व्यवस्था की जाती है.

ग्रामीणों से खरीदा जाता है गोबर, घर-घर में लगा मीटर

गोवर्धन योजना से गैस कनेक्शन के साथ पंजीकृत घरों में मीटर भी अधिष्ठापित किया गया है. यानी आप कितने यूनिट ईंधन का उपयोग करते हैं, मीटर में प्रदर्शित होता है. इसी हिसाब से इसका शुल्क निर्धारित किया जाता है. गोवर्धन योजना प्लांट में बायोगैस निर्माण के लिए ग्रामीणों से 50 पैसे प्रतिकिलो की दर से गोबर की खरीद की जाती है. प्रतिदिन यहां चार से पांच क्विंटल गोबर की खपत होती है. इसके बाद तैयार गैस की पाइप के जरिये घर-घर सप्लाई की जाती है. ग्रामीणों के गोबर का सदुपयोग होता है. इससे आमदनी भी हो जाती है.

जल्द तैयार होगा जैविक खाद, होगी बिक्री

गोवर्धन योजना किसानों के लिए भी हितकारी है. इसके तहत न केवल ईंधन की सप्लाई होतीहै. साथ ही साथ दो-चार महीने के अंदर अब यहां से जैविक खाद तैयार कर इसकी बिक्री की जायेगी. इसकी तैयारी भी विभागीय स्तर से की जा रही है. यहां से जैविक खाद प्राप्त कर किसान अपने खेतों में डाल सकेंगे. खेतों को उपजाऊ बना सकेंगे. रासायनिक खाद से जहां खेतों को नुकसान होता है, वहीं जैविक खाद मिट्टी को नया जीवन देगी. बांका में सरकार की पहल लोगों को और सुखी बनायेगी.

खाना भी स्वादिष्ट बनता है, खतरा भी महसूस नहीं होता

गोवर्धन योजना प्लांट आने से ईंधन की समस्या लगभग समाप्त हो गयी है. सुबह-शाम पर्याप्त मात्रा में ईंधन प्राप्त हो जाता है. इसी से खाना बनता है. जल्द ही खाद भी मिलना संभव है.
-नागेश्वर ठाकुर, ग्रामीण
गोवर्धन योजना का लाभुक होने की खुशी है. अब लकड़ी या एलपीजी की झंझट नहीं है. खाना के साथ-साथ चाय और नाश्ते के लिए भी इसी गैस पर सब बना लिया जाता है.
-जवाहर ठाकुर, ग्रामीण
मेरा घर प्लांट के पास ही है. गैस प्रतिदिन प्राप्त हो जाता है. इसमें खतरा भी महसूस नहीं होता है और खाना भी स्वादिष्ट बनता है. आंच भी बहुत अच्छी है.
-ज्ञानो देवी, गृहिणी
पाइप कनेक्शन के जरिये गैस की प्राप्ति होती है. यह अच्छी योजना है. भविष्य में खेत में डालने के लिए खाद भी देने की बात कही जा रही है.
-पूजा देवी, गृहिणी

कहत हैं प्रोजेक्ट काॅर्डिनेटर

गोवर्धन योजना के तहत प्लांट का उद्घाटन हुए करीब ढाई-तीन माह होने जा रहा है. इसमें किसी प्रकार की कोई कठिनाई नहीं है. निर्बाध रूप से उपभोक्ताओं को गैस की आपूर्ति सुनिश्चित की जाती है. अभी करीब दो दर्जन घरों को कवर किया गया है. जल्द ही 40 और घरों में गैस की सप्लाई निकट भविष्य में की जायेगी. इसके अलावा जल्द ही यहां से जैविक उर्वरक तैयार कर इसकी बिक्री की जायेगी. प्रशासन का पूरा सहयोग प्राप्त हो रहा है. जिलाधिकारी ने इस गांव को योजना से जोड़कर नयी पहचान दी है.
-कुंदन कुमार, प्रोजेक्ट काॅर्डिनेटर

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