पांच साल में ही ध्वस्त हो गयी सात करोड़ से बनी बांका-जमदाहा सड़क, अब कोई नहीं देखनेवाला
पांच साल में ही ध्वस्त हो गयी सात करोड़ से बनी बांका-जमदाहा सड़क, अब कोई नहीं देखनेवाला
बांका: पांच मई 2015 को तत्कालीन सांसद जयप्रकाश नारायण यादव ने बांका वाया जमदाहा देवघर मार्ग निर्माण का शिलान्यास किया था. ग्रामीण कार्य विभाग वन के तहत सात करोड़ 67 लाख 25 हजार की लागत से 14.9 किलोमीटर सड़क का निर्माण सात जनवरी 2017 को पूरा कर दिया गया. अभी सड़क निर्माण हुए करीब साढ़े तीन वर्ष ही हुए हैं. इस अल्प अवधि में ही करोड़ों-करोड़ की लागत से निर्मित सड़क जमीन से गायब हो गयी है.
सड़क के बजाय असंख्य छोटे-बड़े गड्ढे उग आये हैं. जिसमें बरसात का पानी इकट्ठा हो गया है. सड़क की दयनीय स्थिति की वजह से इस मार्ग के अंतर्गत आने वाले जीतारपुर, महेशाडीह, लकड़ीकोला सहित पांच दर्जन से अधिक गांव का आवागमन पूरी तरह प्रभावित हो गया है. बरसात आते ही सड़क पर पैदल चलना भी कठिन हो जाता है. लिहाजा, इस मार्ग से जाने वाले राहगीर चांदन नदी के बांध पर चलने को मजबूर रहते हैं. हालांकि अन्य वाहन इस मार्ग से जरूर जाते हैं, परंतु उसकी स्थिति डवांडोल रहती है. बरसात का समय गुजर जाने के बाद सड़क पर धूल उड़ती है. यानी यह सड़क भयानक रूप में बिगड़ चुकी है.
समय सीमा के अंदर ही सड़क बदहाल : इस मार्ग के सहारे जीने वाले ग्रामीणों का कहना है कि कैसे करोड़-करोड़ की लागत से निर्मित सड़क तय समय-सीमा के अंदर ही समाप्त हो गयी. निश्चित रूप से निर्माण में व्यापक पैमाने पर घपला हुआ है. ग्रामीणों का यह भी कहना है कि अगर जिला या प्रमंडल स्तर के कोई बड़े अधिकारी इस मार्ग में एक दफा निरीक्षण कर ले तो निश्चित कूप से दोषी अधिकारी व अन्य पर कार्रवाई तय है. बहरहाल, लंबे समय से सड़क की दुर्दशा पर कोई बोलने या करने को तैयार नहीं है.
बदला विभाग, तो जिम्मेदारी भी गयी: जब सड़क का निर्माण हो रहा था तो यह सड़क ग्रामीण कार्य विभाग वन के अधीन था. बाद में इसे पथ निर्माण विभाग को स्थानांतरित कर दिया गया. जब इस संदर्भ में ग्रामीण कार्य विभाग वन के अभियंता से बात की गयी तो उनका कहना था कि निर्माण के बाद सड़क को पीडब्लूडी के हवाले कर दिया गया. यही बात वह दोहराते रहे. जब पूछा गया कि इतनी जल्दी सड़क कैसे जर्जर हो गयी, तो वही जवाब कि सड़क ट्रांसफर कर दिया गया है.
कहते हैं पथ निर्माण के अभियंता : पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता वासुदेव नंदन ने बताया कि सड़क निर्माण के बाद यह पीडब्लूडी के अंतर्गत आया हुआ है. हालांकि, सड़क निर्माण के लिए 70 करोड़ का प्रस्ताव भेज दिया गया है. जैसे ही स्वीकृति मिलेगी सड़क का जीर्णोद्धार कर दिया जायेगा. इस राशि से केवल जमदाहा तक ही नहीं बल्कि करीब 40-42 किलोमीटर झारखंड बॉर्डर तक सड़क पर काम होगा.