Banka News : सुभाष वैद्य, बांका. जिले में प्रतिदिन विभिन्न सड़कों पर हजारों छोटे-बड़े वाहनों का परिचालन होता है. यहां की कई सड़कें जर्जर हैं, तो कई जगहों पर तीखे मोड़ भी हैं. ऐसे में मुख्य व ग्रामीण सड़कों पर बेतरतीब तरीके से स्पीड ब्रेकर रहना वाहन चालकों के लिए परेशानी का सबब बन गया है. इससे अक्सर दुर्घटनाएं होती हैं. ज्ञात हो कि अमरपुर से लेकर बांका की मुख्य सड़क करीब 25 किमी है. इतनी कम दूरी में सड़कों पर एक दर्जन से अधिक स्पीड ब्रेकर मौजूद हैं. इसकी उंचाई करीब 5 से 8 इंच तक है. जबकि यह 4 इंच से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. इस ब्रेकर पर न तो पथ निर्माण विभाग द्वारा और न ही परिवहन विभाग द्वारा कोई बोर्ड व सांकेतिक चिह्न लगाया गया है. इस कारण सड़क पर मौजूद ब्रेकर की चपेट में आकर वाहन पर सवार आधा दर्जन से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि दो दर्जन से अधिक लोग वाहन से गिरकर जख्मी व चोटिल हो चुके हैं. ऐसे हालात जिले के सभी मुख्य सड़कों की हैं. खासकर बेलहर-देवघर रोड, बेलहर-संग्रामपुर रोड व बेलहर-तारापुर मुख्य मार्ग एवं कटोरिया-सिमुलतुल्ला मार्ग पर बने स्पीड ब्रेकर जानलेवा साबित हुए है.
वाहन पर बुजुर्ग, महिलाओं व बच्चों को होती है परेशानी
आप अगर अमरपुर से बांका आयेंगे, तो कुछ-कुछ दूरी पर लंबे चौड़े और लगातार कई ब्रेकर अचानक सामने आ जायेंगे. इन ब्रेकरों की वजह से बाइक व अन्य वाहन चालकों और सवार यात्रियों को खासी परेशानी होती है. अचानक ब्रेकर आने से उन्हें तेजी से ब्रेक लगाना होता है. कई बार चालक अपना नियंत्रण भी खो बैठता है. इतना ही नहीं बेवजह ब्रेकरों की वजह से वाहन पर सवार बुजुर्ग व बच्चे एवं प्रसव पीड़िता को शारीरिक परेशानियां झेलनी पड़तीहैं. मानक के विपरीत ब्रेकरों से वाहनों पर भी अनावश्यक दवाब पड़ता है. यह समय से पहले जर्जर हो जाता है. बांका से मकदुमा और मकदुमा के बाद अमरपुर तक ब्रेकर की स्थिति काफी खतरनाक है. जानकारों का कहना है कि मनमर्जी के मुताबिक बगैर मानक व नियम का पालन किये ब्रेकर बना दिया गया है. हालांकि, ब्रेकर की आवश्यकता सड़क पर होती है, लेकिन इसके लिए उपयुक्त स्थल का चयन भी जरूरी है.
ब्रेकर है, लेकिन निशान गायब हैं
यातायात व सड़क से संबंधित नियम के अनुसार ब्रेकर तय मानक के अनुरूप ही बनाया जाना चाहिए. उसकी चौड़ाई और लंबाई के साथ उपयुक्त स्थल का चयन अति आवश्यक है. इतना ही नहीं जहां स्पीड ब्रेकर बनाया जाता है, वहां नियम के अनुसार सड़क पर सफेद निशान या पट्टी लगानी होती है. साथ ही इससे संबंधित बोर्ड भी लगाया जाना अनिवार्य है. ताकि, वाहन चालकों को दूर से ही ब्रेकर का संकेत मिल जाये और वह अपने वाहन की गति ब्रेकर के अनुरूप कम कर सके. लेकिन यहां ब्रेकर बगैर नियम के जैसे-तैसे बना दिया गया है. लोग कहते हैं, जहां ठेकेदार की मर्जी हुई वहां ब्रेकर बनाकर खानापूर्ति कर दी. संबंधित कार्य एजेंसी भी इस मामले में मौन है.
कहते हैं कार्यपालक अभियंता
जान बचाने के लिए स्पीड ब्रेकर बनाइए हुजूर
- केस स्टडी-01: गत 2 जुलाई को इंगलिश मोड़-शंभुगंज मुख्य मार्ग पर इंगलिशमोड़ के निकट बने ब्रेकर पर बाइक से गिरकर शंभुगंज के साहपुर गांव की सिंधू देवी गिरकर जख्मी हो गयीं. उनके गोद में रखा सात दिन का नवजात भी सड़क पर जा गिरा. नवजात की मौत हो गयी. जबकि संधू देवी को इलाज के लिए भागलपुर रेफर कर दिया गया.
- केस स्टडी-02 : कुछ माह पूर्व कटोरिया-सिमुलतुल्ला मुख्य मार्ग पर बिहारोतरी के समीप बने स्पीड ब्रेकर से गिरकर राजवाड़ा गांव की एक महिला जख्मी हो गयी. प्राथमिक उपचार के बाद देवघर रेफर कर दिया गया. जहां उसकी मौत हो गयी. महिला बाइक पर पीछे बैठी थी. ब्रेकर के कारण सड़क पर जा गिरी.
- केस स्टडी-03 : अमरपुर-बांका मुख्य मार्ग में महगामामोड़ के निकट सड़क पर दो बड़े ब्रेकर हैं. यहां इस वर्ष में अब तक दो-तीन लोगों की मौत हो चुकी है. हाल के दिनों में भागलपुर के एक युवक बाइक पर सवार होकर घर लौट रहा था. पहले उसकी बाइक तीखे मोड़ के कारण असंतुलित हुई, फिर स्पीड ब्रेकर के कारण बाइक सड़क किनारे पेड़ से जा टकरायी. प्राथमिक उपचार के बाद भागलपुर रेफर किया गया, जहां उसकी मौत हो गयी.
- केस स्टडी-04 : अमरपुर बाजार से आगे अमरपुर-भागलपुर मुख्य मार्ग पर बुच्चीमोड़ पर तीखा मोड़है. ऊपर से सड़क पर 2-3 बड़े-बड़े स्पीड ब्रेकर मौजूद हैं. यहां वाहन अक्सर दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं. स्थानीय लोगों की मानें तो इस वर्ष अब तक इस जगह पर आधा दर्जन से अधिक वाहन दुर्घटनाग्रस्त हुए हैं. एक दर्जन से अधिक लोग हाथ-पैर तुड़वा चुके हैं.