बिहार के बांका में मां-पिता और बेटे की एकसाथ उठी अर्थी, ग्रुप लोन लेकर उजड़ गया हंसता-खेलता परिवार

बिहार के बांका में ग्रुप लोन की बोझ से परेशान परिवार के 5 लोगों ने जहर खा लिया. इनमें तीन लोगों की मौत हो गयी. तीनों की अर्थी जब एकसाथ उठी तो पूरे गांव के लोग भावुक हो गए. जानिए पूरा मामला..

By ThakurShaktilochan Sandilya | November 17, 2024 12:20 PM

बिहार के बांका जिले में एक परिवार ग्रुप लोन की जाल में उलझकर तबाह हो गया. कर्ज के बोझ से परेशान परिवार के पांच लोगों ने बीते शुक्रवार की रात करीब दो बजे जहर खा लिया.पति-पत्नी ने खुद भी सल्फास की गोली खायी और अपने तीन बच्चों को भी मिठाई में जहर मिलाकर खिला दिया. पति-पत्नी और एक बेटे की इस घटना में मौत हो गयी जबकि दो बच्चों का इलाज चल रहा है. वहीं अमरपुर थाना क्षेत्र के बलुआ गांव में इस घटना को लेकर मातम पसरा हुआ है. जब एकसाथ मां-पिता और बेटे की अर्थी उठी तो पूरा गांव रो पड़ा. लोग इस दर्दनाक घटना पर अफसोस जता रहे थे. कर्ज के मकड़जाल ने पूरे परिवार को उजाड़ दिया. अब जो दो बच्चे बाल-बाल बचे हैं वो अनाथ हो चुके हैं.

पति ऑटो चलाकर तो पत्नी नाश्ते की दुकान चलाकर जुटा रहे थे पैसे

कर्ज के बोझ से दबा बलुआ गांव के मृतक कन्हाय महतो ऑटो चलाकर अपने परिवार का भरण-पोषण करता था. जबकि उनकी पत्नी गीता देवी अपने बच्चों के साथ इंगलिशमोड़ चौक पर नाश्ते की दुकान चलाती थी. बताया जा रहा है कि उन्होंने लोन की राशि से ऑटो खरीद रखा था. मृतक दंपति ने विभिन्न नॉन बैंकिंग सहित कई रसुखदारों से भी कर्ज ले रखा था. कर्ज के तगादे से तंग आकर अपने बच्चों के साथ दंपति ने सल्फास की गोली खा ली. जिससे दंपति व उनके पुत्र की मौत हो गयी. जबकि एक पुत्री व एक पुत्र का इलाज भागलपुर में जारी है.

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एक साल से गायब है मृतक का पिता, आज भी मां सुहागन बनकर करती है पति का इंतजार

घटना की खबर सुनते ही मृतक कन्हाय की मां इनरमा देवी समेत अन्य परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. ग्रामीणों ने बताया कि वर्षो पूर्व मृतक कन्हाय का वृद्ध पिता नरेश महतो अपने घर से गायब हो गया है, जो आज तक वापस लौटकर नहीं आया है. मृतक की वृद्ध मां अब भी सुहागन बनकर अपने पति का इंतजार कर रही है. मृतक अपने तीन भाई में सबसे छोटा था. बड़ा भाई श्याम महतो व दूसरे नंबर पर भोला महतो है. सभी का भरा पूरा परिवार है.

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माता-पिता व पुत्र की एक साथ निकली अर्थी

बलुआ गांव में सल्फास खाने से दंपति व उनके पुत्र की हुई मौत के बाद शनिवार की देर शाम गांव से तीनों की अर्थी एक साथ निकाली गयी. परिजनों के अनुसार जेष्ठगौरनाथ मंदिर के समीप चांदन नदी किनारे तीनों का एक साथ अंतिम संस्कार किया गया. बताया जा रहा है कि तीनों मृतक को बड़े भाई के पुत्र मंटू कुमार के द्वारा तीनों को मुखग्नि दिया गया. गांव से एक साथ निकली तीनों की अर्थी को देख पूरे गांव में मातमी सन्नाटा पसरा रहा.

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