Banka News : सुभाष वैद्य, बांका. मत्स्य, पैक्स, दुग्ध समिति के तर्ज पर अब सब्जी उत्पादक समिति भी जिले में जल्द गठित की जायेगी. सहकारिता विभाग ने इसके लिए कवायद शुरू कर दिया है. सब्जी उत्पादकों के सामाजिक व आर्थिक उत्थान के लिए जिले के सभी 11 प्रखंडों में सब्जी उत्पादक व विपणन समिति यानी वेज सोसाइटी गठित की जायेगी. जबकि जिला स्तर पर यूनियन का गठन किया जायेगा. राज्य स्तर पर ये समितियां फेडरेशन के अधीन काम करेंगी. यद्यपि प्रखंड स्तरीय दो वेज सोसाइटी का निबंधन किया जा चुका है. शेष अन्य प्रखंडों में इसे जल्द से जल्द गठित करने के लिए सभी बीसीओ को निर्देशित किया गया है.
विभागीय जानकारी के मुताबिक, यहां की सब्जियों को भी अन्य जिलों के तर्ज पर तरकारी ब्रांड का एक नाम दिया जायेगा. दरअसल विभाग का मानना है कि बांका जिला की कृषि आधारित अर्थव्यवस्था है. ग्रामीण आबादी प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से इससे जुड़ी हुई है. जिले में आलू, प्याज, बैंगन, फूलगोभी, भिंडी, टमाटर सहित सभी प्रकार की मौसमी सब्जियों की खेती होती है. हालांकि किसान व उत्पादकों की कोई संस्थागत समिति नहीं होने की वजह से इनका अपेक्षित विकास रुका हुआ है. इतना ही नहीं कोई उपयुक्त स्थल भी बाजार के लिए उपलब्ध नहीं है. बहरहाल यह वेज सोसाइटी सहकारिता विभाग के अंतर्गत निबंधित होगी. एक मैनेजिंग कमेटी होगी. इसके कार्यपालक अधिकारी बीसीओ होंगे और डीसीओरजिस्टारहोंगे. जिला सहकारिता पदाधिकारी जैनुलआबदीन ने इसे मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट बताया है. बताया कि सभी प्रखंडों में जल्द समिति गठित की जायेगी. उन्होंने फुल्लीडुमर व कटोरिया दो प्रखंडों में वेज सोसाइटी का निबंधन भी पूरा कर दिया है.
कोल्ड स्टोरेज का होगा निर्माण, दूसरे राज्यों में होगा सब्जी का निर्यात
प्रखंड व बांका जिला स्तर पर वेज समिति क्रियान्वित होने के बाद सब्जी की खेती में व्यापक बढ़ोतरी की संभावना बढ़जायेगी. किसानों को उचित मूल्य प्राप्त होगा. जबकि ग्राहकों को शुद्ध व गुणवत्तापूर्ण सब्जी का लाभ मिलेगा. इतना ही नहीं सोसाइटी के एक्टिव होने के बाद डोर स्टेप डिलिवरी की व्यवस्था भी लागू कर दी जायेगी. सब्जी के नष्ट होने से बचाने और रख-रखाव के लिए कोल्ड स्टोरेज का भी निर्माण कराया जायेगा. जहां बड़ी संख्या में किसान अपने-अपने उत्पादों को समिति के कोल्ड स्टोरेज में रखेंगे. इतनी व्यवस्था के बाद यहां की सब्जी दूसरे जिले व राज्य में भी निर्यात की जायेगी. यह पूरी व्यवस्था एक सरकारी सिस्टम के अनुरूप काम करेगी.
किसान बनेंगे सदस्य, चुनेंगे अध्यक्ष
किसानों की यह सोसाइटी सरकारी संस्थागत के रूप में जरूर काम करेगी, लेकिन इसके निर्वाचित अध्यक्ष सहित अन्य पदाधिकारी इसके संचालन व विकास के लिए अंतिम रूप से निर्णय लेंगे. किसानों को समिति का सदस्य बनाया जायेगा. साथ ही राज्य निर्वाचन प्राधिकार के तहत चुनाव कराकर अध्यक्ष सहित अन्य पदाधिकारी भी चुने जायेंगे. शुरुआती दौर में इसके गठन के लिए पैक्स व व्यापार मंडल से सहयोग लिया जायेगा.