प्लेज लेटर के जरिये नप की ठेकेदारी में बड़ा खेल
प्लेज लेटर के जरिये नप की ठेकेदारी में बड़ा खेल
बांका; अगर आप आम ठेकेदार हैं और आपकी पहुंच नगर परिषद के वार्ड सदस्यों तक नहीं है तो आपको नगर परिषद की ओर से निकले वाले निविदा में हिस्सेदारी नहीं मिलेगी. जी हां, प्लेज लेटर (वचन पत्र) के माध्यम से नगर परिषद के कांट्रैक्ट में बड़ा खेल हो रहा है. हालांकि, यह पेंच जगजाहिर था, परंतु खुलकर कोई सामने नहीं बोलता था.
अब नगर परिषद के वार्ड नंबर 18 के स्थायी निवासी नीतीश कुमार पासवान ने डीएम को लिखित रूप से शिकायत की है. अपने शिकायत में उन्होंने कहा है कि 29 मई नगर परिषद के माध्यम से निकाली गयी ऑनलाइन निविदा एनआईटी नंबर 11/19-20 में भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए वे प्लेज लेटर लेने गये. परंतु नगर परिषद में बोला गया कि प्लेज लेटर कनीय अभियंता देवेंद्र कुमार ही देते हैं. जब आवेदक संबंधित कनीय अभियंता से मिले तो कनीय अभियंता ने कहा कि जिस-जिस वार्ड का प्लेज लेटर लेना है, उस वार्ड सदस्य से हमको कहवा दीजिये, तभी प्लेज लेटर दिया जायेगा. वार्ड सदस्य के कहने पर प्लेज लेटर और एक डमी के लिए भी प्लेज लेटर देंगे. इसके बाद वे गुस्से में आ गये. तभी वार्ड पार्षद के पति मोना गुप्ता भी पहुंचने और धमकाने लगे. वार्ड सदस्य के पति ने कहा ये काम नहीं करना है. कार्य वार्ड सदस्य कमिशन के बाद जिसे चाहे बांट सकता है.
उन्होंने डीएम से प्लेज लेटर, निविदा के साथ राजस्व की क्षति को लेकर जांच का अनुरोध किया. साथ ही उक्त निविदा को रद्द करने की मांग की गयी है. डीएम को दिये गये आवेदन में संवेदक राजीव कुमार राय, प्रभु दयाल मंडल, प्रवीण कुमार सिंह, राम कुमार गुप्ता व राजीव कुमार चौधरी आदि के भी हस्ताक्षर मौजूद थे. आवेदन की प्रतिलिपि मुख्यमंत्री, शहरी विकास मंत्री पटना, सचिव शहरी विकास विभाग पटना, आयुक्त भागलपुर, अनुमंडल पदाधिकारी बांका को भी दी गयी है.
कहते हैं वार्ड पार्षद के पति : मामले को लेकर वार्ड पार्षद कंचन कुमारी के पति मोना गुप्ता ने कहा है कि मामले को लेकर मुझे कोई लेना देना नहीं है. नहीं तो मैं जनप्रतिनिधि हूं, और न ही मैं कोई संवेदक हूं. मेरे ऊपर लगाया गया आरोप निराधार है.
कहते हैं अधिकारी : इस संबंध में नगर परिषद के कार्यपालक अभियंता अभिनव कुमार ने बताया है कि टेंडर प्रक्रिया में पूरी तरह से पारदर्शिता बरती गयी है. टेंडर के दौरान कुछ संवेदक द्वारा शिकायत भी की गयी थी, जिसका निदान तुरंत कर लिया गया था.