बिहार : शिक्षा विभाग का अजीब फरमान, मृत शिक्षकों को नियुक्त किया परीक्षक
मृत शिक्षकों को नियुक्त किया परीक्षक dead teachers as examiner
बांका : बिहार में शिक्षकों के हड़ताल के कारण छात्रों के कॉपी का जांच प्रशासन के लिए मुसीबत बनते जा रही है. हड़ताल के कारण छात्रों के कॉपी जांच की गति काफी सुस्त है. मूल्यांकान को गति को बढ़ाने के लिए प्रशासन ऐसे शिक्षकों की भी नियुक्ति कर दे रहा है जिनकी मृत्यु हो गयी है. बिहार के बांका में एक ऐसी घटना सामने आयी है जहां एक मृत शिक्षक की नियुक्ति कर दी गयी है.
मृत शिक्षकों की भी कर दी गयी नियुक्ति
संघ के महासचिव ने कहा कि सरकार बौखलाहट में मृत शिक्षक को भी परीक्षक नियुक्त कर रही है. स्वर्गीय रंजीत कुमार यादव, उच्च विद्यालय शालीग्रामी, बेगूसराय, स्वर्गीय गुलाम हैदर, प्रोजेक्ट बालिका उच्च विद्यालय, कटोरिया बांका व आभा कुमारी, एसएस बालिका उच्च विद्यालय बांका जो त्यागपत्र दे चुकी है, इसके बाद भी उन्हें परीक्षक नियुक्त किया गया है. बिहार बोर्ड ने इन पर मुकदमा कर व मृत अतिथि शिक्षक से उत्तर पुस्तिकाओं की जांच भी करवाने का हास्यापद आदेश दिया है.
आक्रोशित शिक्षक संगठनों ने कहा-नहीं टूटेगी हड़ताल
शिक्षकों को लेकर चल रही कार्रवाई को लेकर विभिन्न शिक्षक संगठन आक्रोशित हैं. परिवर्तनकारी शिक्षक महासंघ ने भी कई स्थानों पर अपनी मांगों को लेकर विधायकों का घेराव किया. इधर,वित्तरहित अनुदानित शिक्षक कर्मचारी संघर्ष मोर्चा के शंभु कुमार सिंह ने कहा कि शिक्षा विभाग वित्तरहित अनुदानित शिक्षक कर्मचारियों को धमकी देना बंद करें. उन्होंने कहा कि अगर अनुदान नहीं दिया गया, तो चार मार्च से सभी जिला मुख्यालयों पर सत्याग्रह शुरू होगा.