लखीसराय. जातियों में विभक्त अति पिछड़ा समाज को संगठित कर आरक्षण देने का कार्य किया गया है. इससे विकास का रास्ता खुल चुका है. किसी भावना में मत बहिये, 2025 में फिर से नीतीश कुमार के संकल्प को याद रखना है. इसको गांठ बांध लेने का आह्वान करते हुए केआरके मैदान में जदयू के कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री सह स्थानीय सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जो विकसित बिहार का सपना देखा है, उसके लिए समाज के हर वर्ग को साथ लेकर चलने का कार्य किया जा रहा है. 20 वर्ष के नीतीश राज में न्याय के साथ विकास का कार्य जारी है. समाज के अंतिम पंक्ति में रहे लोगों को समाज के मुख्य धारा में जोड़ने का कार्य किया जा रहा है. गरीब तबके के सवर्ण समाज को भी अगले पांच वर्षों में मुख्यधारा में लाने का नीतीश कुमार का संकल्प है. विभिन्न जातियों में विभक्त को एक समूह में लाकर अति पिछड़ा के रूप में संगठित कर 20 प्रतिशत आरक्षण देने का काम कर उसके विकास का रास्ता साफ कर दिया है. वहीं मंत्री श्रवण कुमार द्वारा भी सरकार की उपलब्धियां को विस्तार से रखा गया. जदयू के जिलाध्यक्ष रामानंद मंडल की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करने वाले अन्य लोगों में जिला प्रभारी मंत्री शीला मंडल, पूर्व सांसद चंदेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी, जदयू नेत्री कहकशां प्रवीण, पूर्व मंत्री श्याम रजक, सुल्तानगंज विधायक ललित मंडल, जदयू प्रदेश शिक्षा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष सुनील कुमार, मुंगेर के ज्ञानचंद पटेल प्रमंडलीय पार्टी के प्रभारी संतोष कुशवाहा, सूर्यगढ़ा विधानसभा के प्रभारी सौरभ निधि, लखीसराय की प्रभारी कुमकुम देवी, नप सभापति अरविंद पासवान, जदयू नेता सुजीत कुमार ने भी संबोधित किया.
दलित व महादलित के लिए चलायी जा रही कई योजनाएं
लखीसराय. केआरके मैदान में आयोजित जदयू के कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने कहा कि वर्ष 2005 के बिहार और आज के बिहार के बीच सभी क्षेत्रों में विकास लाकर विकास का संकल्प पूर्ण करने के बाद नीतीश कुमार सामाजिक उत्थान का कार्य भी कर रहे हैं. जिसके तहत अति पिछड़ों को 20 प्रतिशत का आरक्षण देने में बिहार देश में पहले स्थान पर है. अति पिछड़ों को एकजुट रहने का आह्वान करते हुए कहा कि लोग इसे बांटने के प्रयास में लगे हैं. इसके साथ दलित व महादलित के विकास के कार्य का ही नतीजा है कि आज सभी जगह इनके लिए छात्रावास अलग से नजर आ रहा है. न्याय के साथ विकास का नारा पूर्ण करने को लेकर आधी आबादी महिलाओं को हर क्षेत्र में हिस्सेदारी मिली है. अल्पसंख्यकों के लिए सबसे बड़ा विवाद का मुद्दा कब्रिस्तान की घेराबंदी कराकर समाप्त किया तो मदरसा के शिक्षकों को वेतन की व्यवस्था की गयी.बिहार के विकास की चर्चा में उन्होंने कहा कि कभी 25 से 30 हजार करोड़ वार्षिक बजट वाले बिहार का आज दो लाख 72 हजार विकास का बजट है. राज्य के खजाना को लूटा नहीं जनता के कार्य में लगाया जा रहा है. 2005 से पूर्व बिहार की ही नहीं विकास के मामले में अन्य जिलों की अपेक्षा लखीसराय की स्थिति काफी खराब थी. सड़क नहीं, बिजली नहीं, कानून का भय नहीं था. घोड़ा दौड़ाने वाले का राज चलता था. शिक्षा के क्षेत्र में खंडहर भवन या वृक्ष के नीचे विद्यालय का संचालन हो रहा था. आज भवन और बाउंड्री वॉल ही नहीं बीपीएससी के माध्यम से तीन लाख शिक्षक लाकर, गांव के विद्यालयों को उत्क्रमित कर लड़का और लड़की के शिक्षा को लगभग बराबरी पर लाकर खड़ा कर दिया गया है. जबकि बड़हिया से दियारा होते एक नया रोड का भी निर्माण कार्य चल रहा है. इस तरह न्याय के साथ विकास यात्रा के साथ-साथ सामाजिक उत्थान पर कार्य किया जा रहा है जिसे भूलने की जरूरत नहीं है. चारा घोटाला के पांच मुकदमा में सजा मिलने की चर्चा करते हुए कहा कि बड़े से बड़ा पदाधिकारी भी कानून के दायरे से बच नहीं सकता है.
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