बौंसी. जिले के विभिन्न प्रखंड मुख्यालय में अवस्थित जर्जर भवनों को हटाने की कवायद शुरु हो गयी है. जिलाधिकारी अंशुल कुमार के द्वारा इसके लिए साकारात्मक पहल की गयी है. इसी कड़ी में डीएम के निर्देश पर गुरुवार को जिला पंचायती राज पदाधिकारी सह बौंसी प्रखंड के वरीय पदाधिकारी रवि प्रकाश गौतम के द्वारा बाराहाट और बौंसी प्रखंड स्थित खंडहर हो चुके सरकारी भवनों का जायजा लिया गया. बाराहाट और बौंसी प्रखंड परिसर में करीब दो दर्जन से ज्यादा ऐसे भवन हैं जो पूरी तरह से अनुपयोगी हो चुके हैं. इन भवनों में ना तो कोई रहता है ना ही कोई कार्यालय संचालित हो रहा है. भवन इतने जर्जर हो चुके हैं कि बारिश व आंधी में कभी भी ढह सकते हैं. ऐसी स्थिति में जनमाल की क्षति होने से इनकार नहीं किया जा सकता है. जिले में दर्जनों ऐसे भवन है, जो पूरी तरीके से जर्जर हो चुके है. जिसे अनुपयोगी घोषित कर हटाने का काम किया जायेगा. जानकारी के अनुसार ऐसे जर्जर भवनों को तोड़ने की प्रक्रिया जल्द आरंभ हो जायेगी. बताया जा रहा है कि इसके लिए जिला के विभिन्न विभागों के अधिकारियों की कमेटी बनायी जायेगी. कमेटी के निर्णय के बाद ऐसे भवनों को तोड़ने के लिए जिला प्रशासन के द्वारा एक प्रस्ताव तैयार कर संबंधित विभाग पटना को भेजी जायेगी. विभागीय स्वीकृति के बाद जर्जर भवनों को हटाने या तोड़ने के लिए नियमानुकुल एक टेंडर प्रक्रिया अपनायी जायेगी. जिसके बाद आगे की कार्रवाई की जायेगी. इसको लेकर गुरुवार को बीडीओ अमित कुमार और बीपीआरओ श्याम सुंदर कुमार को जिला पंचायती राज पदाधिकारी ने निर्देश देते हुए कहा कि भवन किस हद तक जर्जर है और भवन में पहले क्या कार्य होता था, इसका पूरा डिटेल्स जल्द ही विभाग को देने की बात कहीं गयी. इस मौके पर भवन निर्माण विभाग के सहायक अभियंता सहित कई कर्मी मौजूद थे.
कहते हैं प्रभारी डीएम
इस संबंध में डीडीसी अंजनी कुमार ने बताया कि डीएम के निर्देश पर जिला पंचायती राज पदाधिकारी को ऐसे भवनों की जांच करने का निर्देश दिया गया है. जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जायेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है