सातो गांव के किसानों व महिलाओं को बनाया जायेगा स्वावलंबी : कुलपति

बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर ने आदिवासी बाहुल्य सातो गांव को गोद ले लिया है. गांव के सभी 60 परिवारों के किसानों में कृषि के जरिए क्रांतिकारी बदलाव एवं महिलाओं को स्वावलंबी बनाया जायेगा.

By Prabhat Khabar News Desk | October 25, 2024 10:20 PM

कटोरिया. बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर ने आदिवासी बाहुल्य सातो गांव को गोद ले लिया है. गांव के सभी 60 परिवारों के किसानों में कृषि के जरिए क्रांतिकारी बदलाव एवं महिलाओं को स्वावलंबी बनाया जायेगा. सभी परिवारों को कृषि की तकनीक व आवश्यकतानुसार बीज उपलब्ध कराया जायेगा. कृषि वैज्ञानिक गांव में निरंतर जाकर लोगों को एक वर्ष तक रब्बी व खरीफ मौसम में कृषि के लिए मुफ्त में बीज उपलब्ध कराने के साथ-साथ मत्स्य पालन, शहद उत्पादन, मशरूम उत्पादन, मूंगफली की खेती आदि से जोड़ने का कार्य किया जायेगा. उक्त बातें बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर के कुलपति डा दुनियां राम सिंह ने शुक्रवार को चांदन प्रखंड के उत्तरी बारणे पंचायत अंतर्गत सातो गांव का दौरा करने के उपरांत कही. उन्होंने कहा कि सातो गांव में मूंगफली की खेती का ट्रायल छह हेक्टेयर में किया गया है. लोगों को कृषि के प्रति शिक्षित व जागरूक किया जायेगा. गांव के युवक-युवतियों को भी विश्व विद्यालय में पढाई कराने का प्रबंध किया जायेगा. कृषि तकनीक से संबंधित साहित्यों का नि:शुल्क वितरण किया जायेगा. ताकि ग्रामीण प्राप्त ज्ञान का इस्तेमाल खेती में कर सकें. गांव की महिलाओं को सिलाई मशीन देकर आत्मनिर्भर बनाया जायेगा. इस मौके पर बिहार कृषि विश्वविद्यालय के प्रसार शिक्षा के सह निदेशक डा आरएन सिंह, उप निदेशक प्रशिक्षण डा अभय मानकर, वरीय वैज्ञानिक डा ब्रजेंदू कुमार, मुहम्मद फिज़ा अहमद, आत्मा बांका के विपुल विपलव, कृषि विज्ञान केंद्र बांका के वैज्ञानिक ई रविरंजन कुमार, डा संजय कुमार, डा नेहा सिंह, डा संजीत कुमार, देवेंद्र कुमार आदि मौजूद थे. इधर मुक्ति निकेतन कैंपस में सचिव चिरंजीव कुमार सिंह ने कुलपति डा डीआर सिंह को अंग-वस्त्र व संस्था का थैला प्रदान कर सम्मानित किया. इस मौके पर अध्यक्ष प्रणव कुमार, समन्वयक चंद्रभूषण सिंह, कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन फाउंडेशन के मनोज कुमार सिंह, जयंत सिंह, नितेश कुमार, रौशन कुमार आदि मौजूद थे.

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