मूसलधार बारिश से किसानों की जगीं उम्मीदें, जिप मार्केट में जलजमाव से फुटकर सब्जी विक्रेताओं को परेशानी

मूसलधार बारिश से किसानों की जगीं उम्मीदें, जिप मार्केट में जलजमाव से फुटकर सब्जी विक्रेताओं को परेशानी

By Prabhat Khabar News Desk | July 19, 2020 7:30 AM

बौंसी. मूसलधार बारिश की वजह से शनिवार को जहां किसानों के चेहरे खिल उठे. वहीं प्रखंड क्षेत्र में किसान अपने खेतों की जुताई और धान रोपनी में लग गये. उधर बारिश से जिला परिषद बाजार पानी-पानी हो गया. जल निकासी की व्यवस्था नहीं रहने से भारी मात्रा में जलजमाव हो गया है. जिसकी वजह से फुटकर सब्जी विक्रेताओं के समक्ष भारी समस्या उत्पन्न हो गयी है. मालूम हो कि यहां फुटकर दुकानदार जमीन पर बैठ सब्जी बेचते हैं. लेकिन जलजमाव के कारण यहां सब्जी बेचना काफी मुश्किल हो गया है.

हालांकि पानी निकल जाने के बाद भी समस्या बरकरार रहेगी, बजबजाती गंदगी और दुर्गंध वाली कीचड़ में सब्जी विक्रेताओं के साथ-साथ खरीदने वालों को भी परेशानी का सामना करना पड़ेगा. जानकारी हो कि जिला परिषद मार्केट में जिला परिषद के द्वारा दुकानों का निर्माण कराया जा रहा है. काम कर रहे संवेदक के द्वारा गिट्टी, बालू रखने के साथ-साथ नींव खोदे जाने पर भारी मात्रा में मिट्टी निकाल जहां-तहां रख देने से भी जलजमाव की समस्या उत्पन्न हो गयी है. स्थानीय दुकानदारों का कहना है कि पहले यहां जलजमाव नहीं होता था, बारिश के साथ ही पानी बाहर निकल जा रहा था, लेकिन दुकान के निर्माण होने के साथ ही पानी निकासी के सारे रास्ते बंद हो जाने से ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गयी है. दुकानदारों ने जिप अध्यक्ष से पानी निकासी की मांग की है.

शनिवार को हुई मुसलधार बारिश से अचारज मोहल्ले में लोगों के घरों में पानी प्रवेश कर गया. करीब आधे दर्जन घर इससे प्रभावित हैं. ताज्जुब की बात यह है की मोहल्ले के गली में नाला नहीं रहने और बारिश का पानी निकासी का रास्ता नहीं होने की वजह से जलजमाव हो रहा है. इसमें सबसे ज्यादा प्रभावित वार्ड सदस्य प्रीति देवी, कुंदन साह, दिलीप साह, हीरा मंडल सहित अन्य लोगों का घर है. बताया गया कि पानी निकासी का रास्ता अवरुद्ध होने के कारण ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई है. उधर बारिश से रेफरल अस्पताल की छत से भी पानी का रिसाव होने लगा है. बताया जाता है कि काफी पुराना भवन होने के कारण बारिश का पानी छत से टपकने लगता है. स्थानीय लोगों का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग को चाहिए कि अविलंब पुरानी और जर्जर हो चुके छतों की मरम्मती करवायी जाये अन्यथा लगातार रिसाव से छत कमजोर हो सकता है.

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