मंदार क्षेत्र में भगवान मधुसूदन की निकाली गयी भव्य रथ यात्रा
मंदार क्षेत्र में भगवान मधुसूदन की निकाली गयी भव्य रथ यात्रा
जय मधुसूदन ,जय मंदार से गुंजायमान हुआ मंदार क्षेत्र बौंसी . मंदार क्षेत्र में भगवान मधुसूदन की रथ यात्रा रविवार को पूरे नियम निष्ठा और धूमधाम से निकाली गयी. जगन्नाथ पुरी की तर्ज पर मंदार क्षेत्र के ऐतिहासिक व पौराणिक मधुसूदन मंदिर से निकली रथ यात्रा में करीब 5000 से ज्यादा श्रद्धालु शामिल हुए. रथ यात्रा में बिहार, बंगाल, झारखंड से भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे हुए थे. बड़ी संख्या में बनवासी श्रद्धालु भी रथ यात्रा में देखे गये. भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच रथ यात्रा का शांतिपूर्ण आयोजन किया गया. जानकारी हो कि मकर संक्रांति में निकाली गयी शोभायात्रा के बाद रथ यात्रा मंदार मधुसूदन क्षेत्र का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है. इस मौके पर मुख्य रूप से प्रखंड विकास पदाधिकारी अमित कुमार, अंचलाधिकारी कुमार रवि, इंस्पेक्टर राज रतन, बौंसी थानाध्यक्ष सुधीर कुमार, नगर अध्यक्ष कोमल भारती, सामाजिक कार्यकर्ता देवाशीष उर्फ निप्पू पांडे, पंडित अवधेश ठाकुर, एसआई कमलेश कुमार साहनी सहित भारी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे. रथ खींचने के लिए आतुर दिखे श्रद्धालु पौराणिक मान्यता के अनुसार भगवान मधुसूदन के रथ यात्रा के मौके पर जो श्रद्धालु खींचते हैं उन्हें पुण्य की प्राप्ति होती है. इसी मान्यता को लेकर भी श्रद्धालु भारी संख्या में यहां पर उमड़ते हैं और भगवान के रथ को छूने के लिए होड़ सी लगी रहती है. रविवार की सुबह से ही नगर पंचायत के बौंसी बाजार में श्रद्धालुओं की चहल-पहल दिखने लगी थी. उमस भरी गर्मी के बावजूद श्रद्धालुओं का उत्साह कम नहीं था. धूप नहीं रहने की वजह से श्रद्धालु आराम से मंदिर समीप खड़े देखे गये. मंदिर की छत व फग दोल पर भी श्रद्धालु भारी संख्या में खड़े थे. मधुसूदन मंदिर सहित आसपास के क्षेत्र में भीड़ काफी ज्यादा थी. रथ यात्रा मधुसूदन मंदिर से आरंभ होकर जैन मंदिर द्वार मोड़ समीप से वापस आ गयी. रथ के आगे आगे महात्मा भोली बाबा आश्रम के कीर्तन मंडली के श्रद्धालु राधे-राधे और जय मधुसूदन जय मंदार के नारे लगा रहे थे. पारंपरिक वाद्य यंत्रों की गूंज से पूरा क्षेत्र धार्मिक बना हुआ था. करीब दो घंटे तक भगवान रहे बाहर भगवान मधुसूदन को पारंपरिक वस्त्र पहनने के बाद दोपहर में 2:10 में मंदिर के गर्भ गृह से बाहर निकाला गया. भगवान को गोद में पंडित लिए हुए थे. इसके पीछे आकर्षक छतरी लिए श्रद्धालु खड़े थे .तीन मिनट बाद भगवान को मंदिर के बाहर खड़े रथ पर आरूढ़ किया गया. रथ की विधि विधान से पूजा अर्चना करने के बाद दोपहर 2:14 पर रथ नगर भ्रमण के लिए आगे बढ़ गयी. विभिन्न जगहों पर रुकते हुए रथ 2:53 पर जैन मंदिर मोड़ के पास पहुंची. यहां करीब 30 मिनट तक खड़ी रहने के बाद रथ 3:23 बजे वापस मंदिर के बाहर पहुंच गयी. भगवान को रथ से उतार कर करीब 4 बजे वापस गर्भ गृह लाया गया और शयन कक्ष में सुलाया गया. इसके पहले भगवान का सुबह में पंचामृत स्नान कराने के बाद नये वस्त्र पहनाये गये थे. एक दिवसीय मेले में उमड़ी भारी भीड़ रथ यात्रा के मौके पर मंदिर के ठीक सामने एक दिवसीय मेला का आयोजन किया गया था. मेला में छोटे-छोटे बच्चों के लिए खेल तमाशा की पूरी व्यवस्था थी. बच्चों के लिए छोटा तारामाची, मिकी माउस के अलावे महिलाओं और युवतियों के लिए विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थ की दुकान भी मेला में मौजूद थे. श्रृंगार प्रसाधन की दुकानों पर भी महिलाएं खरीदारी करते देखी गयी. दूसरी ओर रथ यात्रा के मौके पर भारी संख्या में विभिन्न प्रकार के आम और पके कटहल भी बाजार में बिके. मान्यता के अनुसार इस दिन श्रद्धालु कटहल और केला खरीदने का काम करते हैं. पूर्व मंत्री ने भी किया दर्शन रथ यात्रा के मौके पर बांका विधायक सह पूर्व मंत्री रामनारायण मंडल मंडल भी अपने कार्यकर्ताओं के साथ मंदिर पहुंचे और दर्शन पूजन किया. उन्होंने बताया कि रथ यात्रा के मौके पर वह प्रत्येक वर्ष यहां आकर भगवान का आशीर्वाद लेते हैं. साथ ही अपने प्रदेश के खुशहाली के साथ-साथ अमन जैन की कामना करते हैं. इस मौके पर जदयू के जिला प्रवक्ता द्वारिका मिश्रा, भाजपा जिला अध्यक्ष बृजेश उर्फ विक्की मिश्रा, नगर अध्यक्ष मनमीत साह सहित अन्य में कार्यकर्ता मौजूद थे.
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