परिवहन विभाग के ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रेक पर घास-फूस का बसेरा

बेहरा में जिले का एक मात्र ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रेक घास-फूस का बसेरा बनकर रह गया है. पहली नजर में देखने से यह प्रतीत होता है कि इस परिसर का मुख्यद्वार लंबे समय से बंद पड़ा है.

By Prabhat Khabar News Desk | December 4, 2024 11:55 PM

29 अगस्त 2022 को हुआ था नवनिर्मित ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रेक का उद्घाटन

बांका.

प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत बेहरा में जिले का एक मात्र ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रेक घास-फूस का बसेरा बनकर रह गया है. पहली नजर में देखने से यह प्रतीत होता है कि इस परिसर का मुख्यद्वार लंबे समय से बंद पड़ा है. बगल में ही मौजूद पंचायत सरकार भवन और सरकारी विद्यालय की स्थिति इससे बेहतर मालूम पड़ती है, लेकिन ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रेक दयनीय स्थिति में है. अगर इसके रख-रखाव पर उचित ध्यान नहीं दिया गया या आवश्यक प्रबंध नहीं किया गया तो निश्चित रुप से लाखों की लागत से बने इस ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रेक की अहमियत तथा उपयोगिता समाप्त हो जायेगी. ज्ञात हो कि 29 अगस्त 2022 को तत्कालीन प्रमंडलीय आयुक्त ने नवनिर्मित ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रेक का शुभारंभ किया था. इसका निर्माण करीब 45 लाख 80 हजार की लागत से की गयी है, लेकिन बाद में इसकी देखभाल उचित ढंग से नहीं होने की बात कही जाती है. लाइसेंस निर्गत करने से पूर्व लिया जाता है टेस्टवर्ष 2022 निर्मित ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रेक में जिला परिवहन विभाग चालकों को टू व्हीलर से लेकर फोर व्हीलर तक का लाइसेंस निर्गत करने से पूर्व टेस्ट लेता है. यह टेस्ट एमवीआइ की मौजूदगी में पूरी की जाती है. जब इस ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रेक का निर्माण नहीं हुआ था तब आरएमके मैदान में सीमित क्षेत्र में बड़ी कठिनाई के साथ इस प्रक्रिया को पूरा किया जाता था, लेकिन अब पर्याप्त जगह दिया गया है. इस ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रेक का रख-रखाव बेहतर ढंग से नहीं किया जाता है. ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रेक परिसर के अंदर नवनिर्मित कार्यालयनुमा कक्ष की भी स्थिति बाहर से अच्छी दिखायी पड़ती है. कुछ शीशे भी टूटे हुए दिखते हैं. बहरहाल, स्थानीय लोगों ने इसमें गार्ड या इसकी सतत माॅनीटरिंग की आवश्यकता बतायी है.

कहते हैं अधिकारीजिला परिवहन पदाधिकारी प्रेमकांत सूर्य ने कहा कि ड्राइविंग लाइसेंस निर्गत करने के पूर्व आवेदकों का सप्ताह में दो दिन मंगलवार व शुक्रवार को वाहन चलवाकर टेस्ट लिया जाता है. इसकी साफ-सफाई भी समय-समय पर की जाती है. यदि घास-फूस उग आये हैं तो उसकी जल्द सफाई करायी जायेगी.

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