धान फसल पर मुसलाधार अमृत वर्षा, किसानों में उल्लास का वातावरण

बारिश कहीं तेज तो कहीं पूरी तरह मुसलाधार बरसती रही

By Prabhat Khabar News Desk | September 25, 2024 9:31 PM

-बाली निकल रहे धान को व्यापक नुकसान की संभावना

– जिले में तीन दिन से हो रही बारिश-मंगलवार देर रात से प्रारंभ प्रारंभ बुधवार सुबह से दिनभर रही जारी मुसलाधार बारिश ने धान फसल पर सुबह से हो रही बारिश से धान की फसल को लाभ,लेकिन बाली निकल रहे धान को भारी नुकसान, किसान परेशानबांकाः चिलचिलाती धूप व उसम भरी गर्मी से परेशान जनजीवन को मानसून ने राहत प्रदान किया है. खासकर धान फसल में अमृत वर्षा हो रही है. किसानों में उल्लास का वातावरण है. दरअसल, जिले में बीते दो-तीन दिनों से बारिश का अच्छा-खास माहौल बना हुआ है. मंगलवार देर रात को आंधी-तूफान के साथ शुरु हुई बारिश बुधवार को भी थमने का नाम नहीं लिया. अलबत्ता, सुबह से ही बारिश जारी रही जो दोपहर के बाद तक बनी रही. बारिश कहीं तेज तो कहीं पूरी तरह मुसलाधार बरसती रही. लगातार हो रही बारिश का असर तापमान पर पड़ा. तापमान में भारी गिरावट आयी है, जिससे लोगों को ठंड की भी अनुभूति होने लगी. बारिश की वजह से खेत-बहियार पानी-पानी हो गया है. डांढ़, केनाल और नहरों में भी पानी की मात्रा में वृद्धि हो गयी है. खेत के बगल से गुजर रहे डांढ़ लबालब भर गये हैं और पानी खेत में छलांग लगाता हुआ दिखा. कई जगहों पर धान फसल पानी में डूब गया है. उसकी निकासी के लिए दिनभर किसान खेतों और बहयिारों में घूमते दिखे. हालांकि, आमतौर पर किसानों का मानना है कि यह बारिश धान फसल के लिए लाभप्रद है. कहीं से कोई नुकसान नहीं है. बारिश की वजह से आगे सिंचाई की समस्या भी उतनी असरदार नहीं होगी. इस बारिश से जलस्त्रोतों में भी पानी इकट्ठा होगा जो आगे काम आयेगा.

बाली वाले धान को परेशानी

हालांकि, जिले में कुछ ऐसे भी क्षेत्र हैं जहां समय से पहले धान फसल में बाली उग आयी है. इन फसलों में व्यापक नुकसान की बात कही जा रही है. बताया जा रहा है कि बांका प्रखंड क्षेत्र के चुटिया, अमरपुर, सादपुर, बेलाटीकर, बांका से दुधारी के रास्ते में आने वाले कई बहयिार में धान में अभी बाली नजर आ रहे हैं. किसानों का मानना है कि बीच में भीषण धूप हो रही थी. चिलचिलाती धूप की वजह से उनके फसलों में बाली निकल आयी है. अब इस बारिश ने इसे और नुकसान पहुंचा दिया है. नजीजतन, यह बाली अब केवल खकड़ी बनकर रह जायेगी. इसमें अनाज नहीं होगा. इस क्षेत्र के किसानों की मानें तो कई सौ एकड़ फसल की बर्बादी की आशंका है. हालांकि, यह जांच का विषय है. परंतु, कमोबेश सभी क्षेत्र के किसान इस बारिश से गदगद हैं. खासकर पहाड़ी इलाकों में तो इस बारिश ने जश्न का माहौल बना दिया है.

दो दिन से बारिश का माहौल

आमतौर पर बांका जिले में इस बार बारिश का असर मिला-जुला रहा. शुरुआती समय में बारिश अपेक्षित नहीं हुई. लेकिन, जुलाई में इसकी भरपाई ठीक-ठाक हुई, जिससे किसान धनरोपनी कर पाये. परंतु, गर्मी भी भीषण रुप में पड़ी. किसानों को बारिश की जरुरत थी. लेकिन, इस बारिश ने काफी भरपाई कर दी है. सितंबर माह में सामान्य वर्षापात 208.8 एमएम है. जबकि, इबतक 224.90 एमएम औसत बारिश हो चुकी है. दो दिन में तो 50 एमएम से अधिक बारिश हुई है. 24 सितंबर को 22.07 एमएम और 25 सितंबर को सुबह आठ बजे तक 29.36 एमएम बारिश हो चुकी है. गुरुवार की रिपोर्ट में निश्चित रुप से बारिश की मात्रा में अप्रत्याशित वृद्धि की संभावना है.

सितंबर माह के इन तिथियों में हुई अच्छी बारिश

14 सितंबर- 32.80 एमएम 16 सितंबर- 29.80 एमएम 17 सितंबर- 14.66 एमएम 24 सितंबर- 22.07 एमएम 25 सितंबर- 29.36 एमएम—————-दो-तीन दिनों से अच्छी-खासी बारिश हो रही है. निश्चित रुप से यह बारिश धान के लिए अनुकूल साबित होंगे. क्षेत्र पर नजर है. फसल से संबंधित शिकायत पर उचित जांच करायी जायेगी.

दीपक कुमार, जिला कृषि पदाधिकारी, बांकाB

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