जलजमाव, गंदगी व पेयजल संकट ही नपं की पहचान

नगर पंचायत में समस्याओं का अंबार लगता जा रहा है. कार्यपालक पदाधिकारी के साथ-साथ मतदाताओं द्वारा चुने गए जनप्रतिनिधि भी यहां की समस्याओं के समाधान के लिए कुछ खास नहीं कर पा रहे हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | July 28, 2024 7:33 PM

संजीव पाठक, बौंसी

नगर पंचायत में समस्याओं का अंबार लगता जा रहा है. कार्यपालक पदाधिकारी के साथ-साथ मतदाताओं द्वारा चुने गए जनप्रतिनिधि भी यहां की समस्याओं के समाधान के लिए कुछ खास नहीं कर पा रहे हैं. नगर पंचायत के गठन के करीब डेढ़ वर्ष बाद भी अभी तक यहां विकास की किरण नहीं पहुंची है. विभिन्न वार्ड के निवासी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं. जलजमाव, पेयजल की समस्या व जगह-जगह कूड़े का अंबार यही नगर पंचायत की पहचान बन गये हैं. मुख्य मार्ग में नाली के ऊपर बना ढक्कन सफाई के बाद टूट गया, जिसकी मरम्मत अथवा उसे बदलने की जहमत सफाई वेंडर अथवा नगर पंचायत के जनप्रतिनिधि नहीं उठा पा रहे हैं. यहां तक कि कार्यपालक पदाधिकारी ने भी इस दिशा में संज्ञान नहीं लिया. तत्कालीन कार्यपालक पदाधिकारी आतिश रंजन के समय ही नाले का ढक्कन टूटा था. ढक्कन टूट जाने से राहगीरों को खतरा है. हालांकि डेढ़ वर्षों में कई कार्यपालक पदाधिकारी बदल चुके हैं, बावजूद इसके नगर पंचायत की तस्वीर नहीं बदली.

पेयजल की समस्या है गंभीर

नगरवासियों ने कहा कि यहां तो नगर का सिर्फ नाम है. सुविधाएं ग्रामीण स्तर की भी नहीं है. सरकार द्वारा गांव में हर घर नल जल योजना चलायी जा रही है. गांव के लोगों को नल का पानी उपलब्ध होने लगा है. लेकिन नगर पंचायत के कई वार्डों में आज तक जलापूर्ति की व्यवस्था नहीं हुई है. जल निकासी की व्यवस्था नहीं होने से कई वार्ड वासी परेशान हैं. कीचड़ से भरी व बदहाल गलियों का सफर काफी कष्टदायी है. रात के अंधेरे में लोग गली में फिसल कर गिरते हैं. कई घरों में शौचालय नहीं है. शादी विवाह के मौके पर भी बहू-बेटियों को पैदल चलकर ही घर पहुंचना होता है.

वार्ड में नहीं है लाइट की व्यवस्था

नगर पंचायत के गठन के बाद वार्डों में स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था नहीं की गयी है. जिसकी वजह से शाम होते ही गालियां अंधेरे में डूब जाती है.

क्या कहते हैं लोग

राजीव कुमार सिंह, व्यावसायिक कल्याण समिति अध्यक्ष ने बताया कि बौंसी को नगर पंचायत का दर्जा भले ही मिल गया है, लेकिन यहां ग्रामीण क्षेत्र की सुविधाएं भी नहीं हैं. गलियों में जलजमाव है. जिससे चलना मुश्किल होता है. गली नाली निर्माण नहीं होने से काफी परेशानी है.

पूजा अग्रवाल ने कहा कि सभी वार्डों में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है. जनप्रतिनिधियों द्वारा समस्याओं के समाधान में रुचि नहीं दिखाई जा रही है. इसका परिणाम है कि वार्ड वासी समस्याओं से जूझ रहे हैं.

मनीष कुमार राय का कहना है कि नगर में सफाई की व्यवस्था बेहतर नहीं होने के कारण जगह-जगह गंदगी का अंबार लगा हुआ है. कभी-कभी सफाई कर्मी आकर सफाई की खानापूर्ति करके चले जाते हैं.

कन्हैया कुमार ने बताया कि वार्ड के लोग नारकीय जिंदगी जीने को विवश हैं. कई गलियों का पक्की करण होना बाकी है. गलियों में कीचड़ रहता है. रात में गलियों में चलना खतरे से खाली नहीं है.

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