बामदेव तालाब : जल जीवन हरियाली अभियान की उड़ा रही है धज्जियां

अतिक्रमण ही नहीं जलकुंभी से पटा है तालाब

By Prabhat Khabar News Desk | August 7, 2024 9:59 PM

अतिक्रमण ही नहीं जलकुंभी से पटा है तालाब प्रतिनिधि, रजौन. एक तरफ जहां सरकार जल जीवन हरियाली योजना के तहत तालाब के जीर्णोद्धार करने का प्रयास कर रही है. वहीं बामदेव गांव का बरसों पुराना तालाब सरकार को मुंह चिढ़ा रही है. धौनी बामदेव पंचायत के बामदेव गांव स्थित करीब तीन एकड़ जमीन पर फैला तालाब लोगों की महत्वाकांक्षा के कारण अपना अस्तित्व खोता जा रहा है. इस तालाब के भिंड पर करीब डेढ़ एकड़ भूमि पर लोगों ने अतिक्रमण कर पक्का मकान बना लिया है. शेष तालाब की भूमि पर जलकुंभी ने कब्जा कर लिया है. इस अतिक्रमित भूमि को खाली कराने के लिए ग्रामीणों ने कई बार जनप्रतिनिधियों एवं पदाधिकारियों के दर पर मत्था टेका, लेकिन आज तक कोई फायदा नहीं हुआ. तालाब में फैले जलकुंभी की सफाई पर कभी जनप्रतिनिधियों का ध्यान नहीं गया. गांव में चैती दुर्गा पूजा व अन्य त्योहारों में मूर्ति विसर्जन के समय कुछ उत्साही युवक अपनी जान जोखिम में डालकर थोड़ी जलकुंभी हटाकर प्रतिमा का विसर्जन करते हैं. ग्रामीण बासुकी सिंह राठौर, संजय साह, सुमन कुमार, डा. इंद्रदेव प्रसाद सिंह, अमन कुमार समेत कई ग्रामीणों ने बताया कि बामदेव तालाब सर्वसाधारण गैर मजरूआ जमीन पर अवस्थित है. उक्त तालाब से खेतों की सिंचाई, मूर्ति विसर्जन, छठ पूजा सहित अन्य सामाजिक कार्य संपन्न होते थे. लेकिन अतिक्रमण व जलकुंभी की वजह से तालाब अपना अस्तित्व खोता जा रहा है. पूरा तालाब जलकुंभी से पट गया है. जिसे देखने सुनने वाला कोई नहीं है. हमलोग ने प्रशासन से मांग की है, अतिक्रमण मुक्त करते हुए तालाब का जीर्णोधार किया जाय. इस संबंध में अंचलाधिकारी कुमारी सुषमा ने बताया कि तालाब अतिक्रमण की जांच करायी जायेगी. जांच प्रतिवेदन के बाद अतिक्रमण मुक्त किया जायेगा.

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