झरना मेला को जल्द मिलेगा राजकीय दर्जा : विधायक

झरना मेला को जल्द मिलेगा राजकीय दर्जा : विधायक

By Prabhat Khabar News Desk | January 14, 2025 8:21 PM

-विधायक मनोज यादव ने झरना मेला का किया उदघाटन फोटो 14 बांका 04-मेला का उदघाटन करते विधायक व अन्य सुधीर सिंह, फुल्लीडुमर. मकर संक्रांति पर मंगलवार को दो दिवसीय झरना मेला का शुभारंभ हो गया. जिसका उदघाटन बेलहर विधायक मनोज यादव ने फीता काटकर किया. मौके पर प्रमुख रूप से मेला समिति के अध्यक्ष संजय मंडल व सचिव उपेंद्र यादव, मुखिया मंदोदरी देवी, जिप सदस्य विश्वजीत दीपांकर, मुखिया प्रतिनिधि मृत्युंजय कुमार, अंगद कुशवाहा, बीडीओ कृष्ण कुमार व अमरपुर थानाध्यक्ष पंकज कुमार झा सहित कई अधिकारी व जनप्रतिनिधि मौजूद थे. इस दौरान विधायक ने कहा कि झरना महर्षि अष्टावक्र की तपोस्थली व शहीद महेंद्र गोप की धरती है. विगत तीन वर्षों से लगातार मकर संक्रांति के अवसर पर झरना मेला प्राख्यात वन देवी झरना के प्रांगण में आ रहा है. जब पहली बार यहां आये थे तो किसी प्रकार की सुविधा नहीं थी. स्थानीय जनप्रतिनिधियों व मेरे प्रयास के बाद मेला में कई तरह की सुविधाएं बहाल की गयी. बिजली, पानी व सड़क आदि की सुविधाएं उपलब्ध करायी गयी. अगले वर्ष मेला के पूर्व झरना मेले को चारों तरफ से सड़क मार्ग से जोड़ दिया जायेगा. उन्होंने कहा कि विधायक बनने के पहले जब मैं एमएलसी पद पर था. उस वक्त भी मेरे द्वारा यहां कई कार्यो को पूरा किया गया. मेला समिति द्वारा बताया गया कि स्थानीय लोगों द्वारा झरना मेला को राजकीय का दर्जा दिलाने की वर्षों की मांग की जा रही है. जिस पर विधायक ने कहा कि इसके लिए पहल जारी है. मामले में डीएम, आयुक्त सहित संबंधित विभाग के मंत्री से भी बाते हुई है. निश्चित रूप से अगले वर्ष झरना मेला को राजकीय मेला का दर्जा प्राप्त हो जायेगा. राजकीय मेला का दर्जा मिलने के बाद यहां भी मंदार की तरह सारी सुविधाएं उपलब्ध होगी. महर्षि अष्टावक्र की तापोस्थली के रूप में प्रसिद्ध प्रकृति की गोद में जंगल पहाड़ों मनोरम वादियों के बीच बसे झरना कुंड में हजारों श्रद्धालुओं ने मकर स्नान कर वन देवी झरना की पूजा-अर्चना की. मान्यता के अनुसार झरना के गर्म कुंड में स्नान करने से लोगों को चर्म रोग से छुटकारा मिलती है. खास यह भी कि यहां अवस्थित पीर मखदूम के मजार पर हिंदू व मुस्लिम समुदाय द्वारा चादर चढ़ाते हैं. मेला में विभिन्न तरह के खेल तमाशे, शृंगार प्रसाधन, पारंपरिक औजार, मिठाई आदि की दर्जनों दुकानें सजी है. मेले में हिंदू, मुस्लिम व आदिवासी समुदाय के काफी भीड़ देखी गयी. मेला को लेकर यहां सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये है. मेला परिसर सहित अन्य जगहों पर पुलिस की तैनाती की गयी है.

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