नशे के ओवरडोज से कांवड़िया का मानसिक संतुलन बिगड़ा, सुल्तानगंज-देवघर के रास्ते में गंगाजल भी भूल आया
श्रावणी मेला के दौरान कांवड़िया पथ पर एक कांवरिया का मानसिक संतुलन नशे के ओवरडोज की वजह से बिगड़ गया. उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया.
श्रावणी मेला 2024 के की दूसरी सोमवारी को जल चढ़ाने के लिए कांवरियों का जत्था सुल्तानगंज से देवघर की ओर रवाना हो चुका है. मौसम का मिला-जुला असर देखने को मिल रहा है. कहीं चिलचिलाती धूप तो कहीं मौसम के तेवर नरम हैं. कांवरिया पथ पर हर तरह के शिवभक्त चल रहे हैं. इनमें कई बम ऐसे भी हैं जो यात्रा के दौरान गांजा या भांग जैसे नशे का भी सेवन करने से नहीं चूकते. लेकिन ऐसा करना एक कांवरिये को महंगा पड़ गया और नशे के अधिक सेवन ने उसके मानसिक संतुलन को ही बिगाड़ दिया.
कांवड़िये का मानसिक संतुलन बिगड़ा
सुल्तानगंज से गंगाजल लेकर बाबाधाम जाने के दौरान बांका के कटोरिया में एक कांवड़िये की हालत बिगड़ी हुई दिखी. नशीले पदार्थ का सेवन करने से छत्तीसगढ़ के एक कांवरिया की मानसिक संतुलन बिगड़ गया. उसकी हरकत देखकर अन्य कांवड़िये उसके पास जुटे. उससे बातचीत करने की कोशिश की गयी. काफी पूछताछ करने पर उक्त कांवरिया अपना नाम शिबू बता रहा है. वर्तमान में उसे रेफरल अस्पताल कटोरिया के स्पेशल वार्ड में रखा गया है.
गाली-गलौज करने लगता है कांवड़िया, गंगाजल भी भूल आया
उक्त कांवड़िया के पॉकेट से मिले मोबाइल नंबर से परिजनों को सूचना दे दी गयी है. छत्तीसगढ़ के उक्त कांवरिया का कांवर या गंगाजल कहां पर रखा है, इसकी भी जानकारी उसे नहीं है. ज्यादा पूछताछ करने पर वह गाली-गलौज भी करने लगता है. आशंका जतायी जा रही है कि गांजा या भांग आदि जैसे नशीला पदार्थ का सेवन करने के कारण ही कांवरिया की तबीयत बिगड़ी है.
गर्मी और उमस ने बिगाड़ी कांवड़ियों की तबीयत
गौरतलब है कि इन दिनों कांवड़िया बड़ी तादाद में कांवरिया पथ पर चल रहे हैं. चिलचिलाती धूप और गर्मी का सामना भी कांवरियों को करना पड़ रहा है. ऐसे में कई कांवरियों की तबीयत भी पूर्व में बिगड़ चुकी है. एक कांवड़िया पिछले दिनों ब्लड प्रेशर की वजह से ब्रेन हेमरेज का शिकार हो गया जिसे देवघर रेफर किया गया था. कुछ कांवरिये अलग-अलग जगहों पर बेहोश होकर गिरे थे. वहीं नशे का सेवन भी कांवड़ियों के लिए हानिकारक सिद्ध हो रहा है.