बिहार की बंजर भूमि से भी किसानों को मिल रहा मुनाफा, जानें ‘लेमनग्रास’ की खेती कैसे साबित हो रही फायदेमंद

समाहरणालय सभागार में गुरुवार को कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन अभिकरण आत्मा के तत्वावधान में लेमनग्रास(lemon grass) की खेती विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण-सह-कार्यशाला आयोजित हुई. जिसका विधिवत शुभारंभ जिलाधिकारी सुहर्ष भगत व एसपी अरविंद कुमार गुप्ता ने दीप प्रज्वलित कर किया. कार्यशाला में लेमनग्रास की खेती से जुड़े किसान उपस्थित हुए. बैठक में जिलाधिकारी ने लेमनग्रास की खेती (lemon grass farming) से जुड़े किसानों से खेती के बारे उनके अनुभव को जाना.

By Prabhat Khabar News Desk | January 8, 2021 8:38 AM

समाहरणालय सभागार में गुरुवार को कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन अभिकरण आत्मा के तत्वावधान में लेमनग्रास(lemon grass) की खेती विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण-सह-कार्यशाला आयोजित हुई. जिसका विधिवत शुभारंभ जिलाधिकारी सुहर्ष भगत व एसपी अरविंद कुमार गुप्ता ने दीप प्रज्वलित कर किया. कार्यशाला में लेमनग्रास की खेती से जुड़े किसान उपस्थित हुए. बैठक में जिलाधिकारी ने लेमनग्रास की खेती (lemon grass farming) से जुड़े किसानों से खेती के बारे उनके अनुभव को जाना.

इस दौरान चांदन प्रखंड के किसान दिवाकर चौधरी ने कहा कि उनके द्वारा 2018 से करीब 3 एकड़ में लेमनग्रास की खेती की जा रही है. डिसप्लेशन प्लांट लग जाने पर लेमनग्रास से तेल निकालने में सुविधा हुई है. लेमनग्रास की खेती उनके लिए फायदेमंद साबित हुई है. कटोरिया के किसान मुकेश कुमार यादव सहित दर्जन भर किसानों द्वारा करीब 40 एकड़ की बंजर भूमि पर लेमनग्रास की खेती की जा रही है. जिसमें प्रति एकड़ से करीब 70-80 हजार रुपये की आमदनी हो रही है. कृषि विभाग की मानें तो जिले में 950 एकड़ बंजर भूमि पर इसकी खेती की जा रही है.

इस दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि अगले सीजन में करीब 5 हजार एकड़ की बंजर भूमि पर लेमनग्रास की खेती की जानी है, विभाग इसके लिए अभी से लग जाये, और सकारात्मक परिणाम हासिल करें. एसपी ने बताया कि जिले में कई वर्षों से लेमनग्रास की खेती हो रही है. जो रोजगार के दृष्टिकोण से वरदान साबित हुआ है. जिलाधिकारी द्वारा लेमनग्रास की खेती से जुडे लाभुक कृषक को चेक प्रदान किया गया. जिसमें पचिया देवी ,उर्मिला देवी, चंद्रदेव दास, ब्रह्मदेव दास, खुर्शिद अंसारी, छोटेलाल मुर्मू एवं ज्वलेन सोरेन आदि शिामल हैं.

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भूमि संरक्षण पदाधिकारी ने बताया कि डीबीटी के माध्यम से भूमि संरक्षण के द्वारा 171 लेमनग्रास किसानों के खाते में पैसा भेजा जा रहा है. बाकी किसानों को उद्यान विभाग द्वारा राशि भेजी जा रही है. मौके पर जिला कृषि पदाधिकारी विष्णुदेव कुमार रंजन, वरीय कोषागार पदाधिकारी नवल किशोर यादव, केवीके प्रधान डॉ मुनेश्वर प्रसाद, उप निदेशक कृषि अभियंत्रण, आत्मा परियोजन निदेशक, सहायक निदेशक पौधा संरक्षण, अनुमंडल कृषि पदाधिकारी एवं सहायक भूमि संरक्षण पदाधिकारी मौजूद थे.

Posted by: Thakur Shaktilochan

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