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माॅड्यूलर टाॅयलेट में लटक रहा ताला, वाटर स्टेंड पोस्ट पर सूख रहा गोईठा

विजयनगर स्थित वार्ड नंबर 21 में शौचालय, पेयजल आदि की सुविधाओं का अभाव

बांकाः नागरिक सुविधाओं के लिए सरकार नये-नये कदम उठा रही है. इसी कड़ी में कुछ वर्ष पूर्व शहर में माॅड्यूलर टाॅयलेट जगह-जगह स्थापित किये गये. ताकि, शहर में आने वाले बाहरी लोग, खासकर महिलाओं और यहां के निवासियों को शौच के लिए खुले में या इधर-उधर भटकने की जरुरत नहीं पड़े. इसी तरह पेयजल सुविधा के लिए जगह-जगह वाटर स्टेंड पोस्ट भी स्थापित किये जा रहे हैं. माॅड्यूलर टाॅयलेट की हालत सभी जगह खराब है. अमूमन जगह ताला ही लटका रहता है. जबकि, वाटर स्टेंड पोस्ट की भी हालत अच्छी नहीं कही जा सकती है. इसका जीता-जागता उदाहरण आप वार्ड नंबर 21 में देख सकते हैं. यहां चिल्ड्रेन पार्क के ठीक सामने दो-दो माॅड्यूलर टाॅयलेट स्थापित हैं, जिसपर ताला लटका हुआ है. आगे झाड़-पात का बसेरा है. पहली ही झलक में इस आधुनिक टाॅयलेट प्राचीन प्रतीत होता है. इसकी हालत काफी दयनीय हो चुकी है. कोई इसे साफ करने वाला नहीं है. जबकि, ठीक बगल में वाटर स्टेंड पोस्ट भी है. जिसके उपर पानी की टंकी भी है. लेकिन, यह वाटर स्टेंड पोस्ट मौजूदा समय में बंद पड़ा है. अगल-बगल के लोग इसका उपयोग गोबर थापने में करते हैं. दिनभर इसपर गोईठा सूख रहा होता है. जबकि, यहां नाली की भी स्थिति खराब है. ईदगाह रोड जाने वाली सड़क के किनारे गंदा पानी व्यवस्थित नाले के बगैर खुले सड़क पर बह रहा है. यह स्थिति वैसे स्थल की है, जो मुख्यालय का खास स्थान है. यहां दो-दो आलीशन अतिथिगृह हैं. बांका का इकतौता चिल्ड्रेन पार्क है. एससी, एसटी थाना और महिला थाना भी इसी वार्ड अंतर्गत पड़ता है. बांका का प्रसिद्ध दुर्गा मंदिर, शीतला स्थान और विषहरी थान भी यहां है.

सरकारी राशि का हो रहा दुररुपयोग कोई देखने वाला नहीं

विजयनगर वार्ड 21 में माॅड्यूलर टाॅयलेट और वाटर स्टेंड पोस्ट की स्थिति केवल बानगी है. ऐसी हालत अमूमन वार्ड में बनी हुई है. परंतु, न तो स्थानीय जनप्रतिनिधि को कोई लेना देना है न ही अधिकारी को. काफी कम ऐसे अधिकारी व जनप्रतिनिधि नजर आते हैं जो क्षेत्र में भ्रमण कर वस्तु स्थिति को जाने और अविलंब एक्शन ले. सरकार इन सब निर्माण कार्य एवं व्यवस्थाओं में लाखों-करोड़ों की बड़ी राशि खर्च कर रही है. लेकिन, इसका उपयोग साल-छह माह होने के बाद सब बेकार पड़ जाता है. ठिकेदार जैसे-तैसे काम कर अपनी पाॅकेट गर्म करते हैं. जनप्रतिनिधि भी खुश रहते हैं और भुगतना आम जनता को पड़ता है. एक तरह से सरकारी राशि का दुरुपयोग ही हो रहा है. लेकिन, अब जमाना जागरुकता का आ गया है. जनप्रतिनिधि व अधिकारियों को सोचना होगा कि काम अच्छा नहीं होगा तो लोग मुखर होकर आपत्ति व्यक्त करने और बड़े अधिकारियों से शिकायत करने से गुरेज नहीं खायेंगे.

कहते हैं अधिकारी

नगर परिषद अंतर्गत चार स्थानों पर माॅड्यूलर शौचालय की सुविधा वर्षों पूर्व दी गयी थी. लेकिन, अब सब खराब हो गया है. चुनाव के बाद नये सिरे से आधुनिक शौचालय का निर्माण इसके स्थान पर किया जायेगा. यह महिला एवं पुरुषों के लिए 24 घंटा अपडेट रहेगा. अन्य खामियों की भी जांच कर उचित कदम उठाये जायेंगे.दीनानाथ सिंह, कार्यपालक पदाधिकारी, बांका

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