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धन बरसने की आस में बाजार हुआ गुलजार

जिलेभर में धनतेरस व दीपावली को लेकर बाजार सजने लगा है. छोटे व्यापारियों से लेकर बड़े व्यापारियों तक सभी अपनी-अपनी प्रतिष्ठानों को सजाने में लग गये हैं.

बांका. जिलेभर में धनतेरस व दीपावली को लेकर बाजार सजने लगा है. छोटे व्यापारियों से लेकर बड़े व्यापारियों तक सभी अपनी-अपनी प्रतिष्ठानों को सजाने में लग गये हैं. साथ ही व्यवसायी सामान का स्टॉक करने में भी जुट गये हैं. बाजार में मूल्य में छूट देने के साथ ही उपहार देने की भी होड़ मची है. बड़े-बड़े होर्डिंग बैनर लगा कर प्रचार प्रसार शुरू हो गया है. दीपावली में ग्राहकों को सबसे ज्यादा आकर्षित करने की आपाधापी मची है. इलेक्ट्रॉनिक्स, बर्तन, गहना, कपड़ा, बाइक और चारपहिया वाहनों के विक्रेता तरह-तरह के उपहार व मूल्य में भी छूट के साथ ग्राहकों को लुभाने में लगे हैं. जबकि व्हाट्सएप व फेसबुक का भी सहारा लिया जा रहा है. मालूम हो कि प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि पर दीपावली का त्योहार मनाया जाता है. इस वर्ष दीपावली 31 नवंबर को मनायी जायेगी. जबकि दीपावली का पर्व पांच दिनों तक चलता है. पांच दिवसीय यह पर्व धनतेरस के दिन से आरंभ और भैयादूज पर खत्म होता है. वहीं धनतेरस को लेकर बाजार इन दिनों गुलजार है. चहुंओर रौनक है और जमकर धन बरसने की उम्मीद लगाये दुकानदार बैठे है. व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठानों में सजावट कर ग्राहकों को लुभाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. उधर लोग अपने घरों की सफाई, रंगाई, पुताई कर आकर्षक रूप से सजावट में लगे हुए है.

शुभ मुर्हूत में 31 अक्टूबर को मनाया जायेगा दीपावली

बौंसी गुरुधाम के पंडित गोपाल शारण ने बताया कि वैदेही, ऋषिकेश एवं विश्वविद्यालय पंचांग में बताये गये समय और तिथि के अनुसार दीपावली का पर्व 31 अक्टूबर को मनाया जायेगा. दिपावली हमेशा कार्तिक मास की अमावस्या को मनायी जाती है. इस बार अमावस्या तिथि 31 अक्टूबर को दोपहर बाद 3 बजकर 52 मिनट से शुरू होगी. यह तिथि अगले दिन यानि 1 नवंबर को शाम 6 बजकर 16 मिनट तक रहेगी. इसलिए 31 अक्टूबर की रात को ही दीपावली मनाया जायेगा. दीपावली की पूजा प्रदोष काल के बाद की जाती है. इसलिए इस बार लक्ष्मी पूजन, काली पूजन और निशिथ काल की पूजा 31 अक्टूबर की रात को ही होगी. मध्य रात्रि की पूजा भी 31 अक्टूबर को ही होगी. हालांकि अमावस्या से जुड़े कुछ कर्म 1 नवंबर को किये जायेंगे. दान-पुण्य व पितृ कर्म 1 नवंबर को सुबह करना उचित रहेगा.

धनतेरस पर खरीदारी व पूजा का शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास की त्रयोदशी तिथि पर धनतेरस का उत्सव मनाया जाता है. इस वर्ष त्रयोदशी तिथि का आरंभ 29 अक्टूबर को सुबह 10:31 बजे से होगा और इसका समापन 30 अक्टूबर को सुबह 01:15 बजे होगा. इसलिए धनतेरस का पर्व मंगलवार, 29 अक्टूबर को मनाया जायेगा. साथ ही 29 अक्टूबर को गोधूलि काल का आरंभ शाम 6 बजकर 31 मिनट से होगा और यह रात 8 बजकर 31 मिनट तक चलेगा. धनतेरस की पूजा के लिए 1 घंटा 42 मिनट का अवसर प्राप्त होगा. जबकि धनतेरस के दिन खरीदारी के लिए तीन विशेष शुभ मुहूर्त निर्धारित किये गये हैं. जिनमें जातक सोना, चांदी, आभूषण, बर्तन, भूमि आदि की खरीदारी कर सकते हैं. पहला शुभ मुहूर्त सुबह 07:50 से 10:00 बजे तक है. यह समय वृश्चिक लग्न का है, जिसे स्थिर और अत्यंत शुभ माना जाता है. दूसरा शुभ मुहूर्त कुंभ लग्न का है. जो दोपहर 02:00 से 03:30 बजे तक रहेगा. यह भी स्थिर और शुभ माना जाता है. तीसरा शुभ मुहूर्त प्रदोष काल का है. जो संध्या 06:36 से 08:32 बजे तक रहेगा. इनमें से यह मुहूर्त सबसे उत्तम और शुभ माना जाता है. शुभ मुहूर्त में खरीदारी करना अत्यंत लाभकारी माना जाता है.

स्थिर लग्न व प्रदोष काल में लक्ष्मी पूजन का महत्व

मां लक्ष्मी का प्रादुर्भाव प्रदोष काल में हुआ था और स्थिर लग्न में मां लक्ष्मी की पूजन करने से महालक्ष्मी स्थिर रहती हैं. ऐसे में दिवाली पर प्रदोष काल में पड़ने वाले वृषभ लग्न में ही महालक्ष्मी और भगवान गणेश का पूजन करना अति उत्तम रहेगा. पंचांग के अनुसार 31 अक्तूबर को वृषभ लग्न शाम को 6:25 से लेकर रात्रि 8:20 तक रहेगा. साथ ही इस समय प्रदोष काल भी मिल जायेगा. प्रदोषकाल, वृषभ लग्न और चौघड़ियां का ध्यान रखते हुए लक्ष्मी पूजन के लिए 31 अक्तूबर की शाम को 06:25 से लेकर 7:13 के बीच का समय सर्वोत्तम रहेगा. कुल मिलाकर 48 मिनट का यह मुहूर्त लक्ष्मी पूजन के लिए सर्वश्रेष्ठ रहेगा.

धनतेरस के पूर्व वाहनों की खरीद में युवा व युवतियां ले रहे हैं रुचि

शहर के पुरानी बस स्टैंड, शिवाजी चौक, गांधी चौक, अलीगंज रोड आदि स्थित बर्तन सहित अन्य दुकानों पर ग्राहकों की भीड़ बढ़ने लगी है. वहीं डोकानिया मार्केट स्थित इलेक्ट्रॉनिक्स व जिलेभर के विभिन्न दो चक्का से लेकर चार चक्का तक का शोरूम सज धज कर तैयार हैं. वहीं आभूषण की दुकानों पर सोने-चांदी के सिक्के और देवी-देवता की मूर्ति की भी बुकिंग शुरू हो गयी है. आभूषण दुकानदार एक निश्चित रकम के खरीदने पर उपहार में सोने चांदी का सिक्का देने का ग्राहकों को ऑफर दे रहे हैं. वहीं दीपावली पर्व पर इस बार वाहनों की बिक्री अधिक रहने की संभावनाएं है. गत कुछ वर्षों में महिलाओं, बालिकाओं व युवतियों के साथ घरेलू कार्य के लिए स्कूटी का प्रचलन बढ़ गया है. इसको देखते हुए वाहन शो-रूमों के बाहर बिक्री के लिए रखी स्कूटियों की संख्या अधिक देखी जा रही है. इसी प्रकार अलग-अलग तरह की बाइक के साथ कार, एसयूवी की खरीदारी को लेकर भी उत्साह देखा जा रहा है.

बाजार में सजावट के सामान की भरमार

बाजार में मूर्तिकार द्वारा बनायी गयी मिट्टी व धातु की मूर्ति छोटे बड़े आकार में उपलब्ध है. इसमें लक्ष्मी-गणेश, मां काली, राधा कृष्ण सहित अन्य अराध्य देवी देवताओं की मूर्तियां शामिल है. जबकि दीपावली में मिट्टी के बरतन व मिट्टी के खिलौने काफी बिकते हैं. इसे स्थानीय कारीगरों द्वारा रात दिन मेहनत कर तैयार किया जा रहा है. लेकिन फैंसन की दौर व बढ़ती महंगाई के कारण इनके चेहरे पर थोड़ी मायूसी देखी जा रही है.

धनतेरस को यम दीपक जलाने की मान्यता

दीपावली से दो तिथि पहले यम के लिए दीपक जलाया जाता है. धनतेरस के दिन संध्या के समय में घर के बाहर एक दीपक जलाएं. यह दीपक यमराज के लिए जलाया जाता है. ऐसी मान्यता है कि यम का दीपक जलाने से यमराज खुश होते हैं और परिवार के सदस्यों की अकाल मृत्यु से सुरक्षा प्रदान करता हैं.

इस तिथि को मनाया जायेगा त्यौहार

29 अक्तूबर – धनतेरस

30 अक्तूबर – छोटी दिवाली

31 अक्तूबर – दीपावाली

02 नवंबर – गोवर्द्धन पूजा

03 नवंबर – भाई दूज

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